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104 मुकदमे-72 केसों में जमानत, 23 महीने बाद जेल से आजाद हुए सपा नेता आजम खान

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Azam Khan Release: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को मंगलवार को सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया।

करीब 23 महीने (लगभग दो साल) तक जेल में रहने के बाद उनके बाहर आने का रास्ता तब साफ हुआ, जब उनके खिलाफ चल रहे सभी मामलों में उन्हें अदालतों से जमानत मिल गई।

हालांकि, रिहाई की प्रक्रिया में जुर्माना न भरने के एक छोटे से पेंच के कारण कुछ घंटों की देरी हुई।

जेल के बाहर उनके समर्थकों के जश्न के साथ-साथ विवाद भी देखने को मिला, जहां पुलिस ने समर्थकों की 25 गाड़ियों का चालान काट दिया।

रिहाई का समय 

आजम खान की रिहाई का ड्रामा सुबह से ही शुरू हो गया था।

उन्हें सुबह 7 बजे रिहा होना था, लेकिन यह प्रक्रिया अचानक अटक गई।

पता चला कि रामपुर की एक अदालत ने उन पर दो मामलों में 6,000 रुपए का जुर्माना लगाया था, जो अभी तक जमा नहीं हुआ था।

जेल नियमों के मुताबिक, बकाया जुर्माना या जुर्म मुआवजा चुकाए बिना किसी कैदी को रिहा नहीं किया जा सकता।

सुबह 10 बजे जैसे ही रामपुर की अदालत खुली, आजम खान के एक रिश्तेदार ने तुरंत जुर्माने की रकम जमा करवाई।

इसकी सूचना फैक्स और ई-मेल के जरिए सीतापुर जेल प्रशासन को भेजी गई।

आधिकारिक सूचना मिलने के बाद ही रिहाई की प्रक्रिया आगे बढ़ सकी।

जेल गेट के बाहर जश्न

जेल से रिहा होने के समय आजम खान के बड़े बेटे अदीब आजम और छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम उन्हें लेने पहुंचे थे।

आजम खान जेल के अंदर से ही एक कार में बैठकर बाहर निकले।

कार के शीशे खुले थे और उन्होंने हाथ हिलाकर जेल के बाहर जमा सैकड़ों समर्थकों का अभिवादन किया।

अपने नेता को बाहर आता देख समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और जोरदार जयकारे लगाए गए।

बेटे अदीब आजम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज के हीरो आजम साहब हैं।”

रिहाई को लेकर पहले से मची चर्चा के कारण जेल प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे।

जेल के बाहर लगभग 100 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग भी लगाई गई थी।

समर्थकों की गाड़ियों का चालान और सांसद से बहस

हालांकि जश्न का माहौल था, लेकिन विवाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा था।

सीतापुर ट्रैफिक पुलिस ने आजम खान को लेने पहुंचे उनके समर्थकों की 25 गाड़ियों का चालान काट दिया।

पुलिस का कहना था कि ये सभी वाहन ‘नो पार्किंग जोन’ में खड़े किए गए थे, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बाधित हुई।

पुलिस ने इसे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन बताते हुए एक रूटीन एक्शन बताया।

इसके अलावा, एक और विवाद तब हुआ जब सपा की सांसद रुचि वीरा जेल की ओर जा रही थीं।

पुलिस ने उनकी कार को रोककर दूसरे रास्ते से जाने को कहा, जिस पर उनकी पुलिस अधिकारियों के साथ तीखी बहस हो गई।

104 मुकदमों का सिलसिला और आखिरकार जमानत

आजम खान का जेल जाने और बाहर आने का सफर बेहद मुश्किल रहा है।

  • उनके खिलाफ विभिन्न मामलों में कुल 104 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 93 सिर्फ रामपुर जिले में हैं।
  • आजम खान को लगभग 72 मामलों में जमानत मिल चुकी है।
  • इनमें जमीन अधिग्रहण, भड़काऊ भाषण, शत्रु संपत्ति और जालसाजी जैसे आरोप शामिल हैं।
  • उनकी रिहाई का रास्ता तब साफ हुआ जब पिछले कुछ दिनों में अदालतों ने लगातार उन्हें जमानत दी।
  • पांच दिन पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें ‘क्वालिटी बार’ जमीन मामले में जमानत दी थी।
  • इसके बाद, 20 सितंबर को रामपुर की एक अदालत ने शत्रु संपत्ति मामले में लगाई गई नई धाराओं को खारिज कर दिया। यह आखिरी मुकदमा था, जहां से जमानत मिलनी बाकी थी।
  • MP-MLA सेशन कोर्ट ने अंतिम 19 मामलों में जमानत देकर उनकी रिहाई का आदेश जारी किया।
  • एक प्रमुख मामले में, फरवरी 2023 में डूंगरपुर केस में उन्हें 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उन्हें इस मामले में भी जमानत दे दी थी।
  • इससे पहले, फरवरी 2020 में वह पहली बार जेल गए थे और मई 2022 में जमानत पर रिहा हुए थे। लेकिन अक्टूबर 2023 में एक अन्य मामले में सजा होने के बाद उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा था।

परिवार पर मुकदमों का साया

दिलचस्प बात यह है कि मुकदमों का सिलसिला सिर्फ आजम खान तक ही सीमित नहीं है।

उनके पूरे परिवार पर मुकदमों की बाढ़ आई हुई है।

साल 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक, आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ मिलाकर कुल 165 केस दर्ज थे।

विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल शपथपत्र के अनुसार, अकेले आजम खान के खिलाफ 87, उनके बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ 43 और पत्नी तंजीन फातिमा के खिलाफ 35 मुकदमे दर्ज थे।

साल 2022 में एक भड़काऊ भाषण के मामले में सजा के बाद आजम खान की विधायकी भी जा चुकी है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं 

आजम खान की रिहाई पर सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि सरकार ने उन्हें गलत तरीके से सजा दी थी, लेकिन अदालत ने न्याय करते हुए राहत दी है। उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।

अब देखना हैं कि आजम खान आगे क्या कदम उठाते हैं।

सियासी गलियारों में जोरदार चर्चा है कि वह जेल से रिहा होने के बाद 9 अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो सकते हैं।

हालांकि, अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में आजम खान एक प्रभावशाली मुस्लिम चेहरा रहे हैं और उनकी किसी भी नई पार्टी में शामिल होने या सपा में बने रहने का फैसला राज्य की राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

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