Abu Azmi Vande Mataram Controversy: समाजवादी पार्टी (सपा) के महाराष्ट्र प्रमुख और विधायक अबू आसिम आजमी के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ दिए गए बयान पर विवाद शुरू हो गया है, जिसके बाद राज्य की राजनीति गर्मा गई है।
आजमी ने कहा है कि कोई भी मुसलमान ‘वंदे मातरम’ नहीं बोल सकता।
इस बयान के जवाब में 7 नवंबप को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और कार्यकर्ता आजमी के आवास के बाहर पहुंचे और सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम’ का पाठ करके विरोध जताया।
विवाद की शुरुआत
इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब मुंबई भाजपा के अध्यक्ष अमित साटम ने शुक्रवार की सुबह शहर में होने वाले एक सामूहिक ‘वंदे मातरम्’ गायन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अबू आजमी को आमंत्रित किया।
साटम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस निमंत्रण की एक प्रति साझा करते हुए आजमी को टैग भी किया।
इसी के जवाब में आजमी ने अपना पक्ष रखते हुए विवादित बयान दिया।

अबू आजमी ने क्या कहा?
अबू आजमी ने अपने जवाब में कानून और धर्म दोनों का हवाला दिया।
उन्होंने कहा, “कोई मुझसे वंदे मातरम् नहीं बुलवा सकता। कोई किसी मुसलमान से वंदे मातरम नहीं बुलवा सकता।“
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए धार्मिक तर्क दिया, “इस्लाम में जमीन-सूरज की पूजा नहीं होती है। अल्लाह के सिवाय किसी की वंदना नहीं होती है। जैसे आप नमाज नहीं पढ़ सकते, वैसे ही कोई मुसलमान वंदे मातरम नहीं बोल सकता।”
#BREAKING | “No one can make me sing Vande Mataram” : Samajwadi Party MLA Abu Azmi (@abuasimazmi) to NDTV’s @sujata_dwivedi amid Vande Mataram showdown in Mumbai; Maharashtra Minister Mangal Prabhat Lodha hits back#NDTVExclusive pic.twitter.com/gZDyo0ikyf
— NDTV (@ndtv) November 7, 2025
आजमी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भी हवाला देते हुए दावा किया कि किसी को जबरन राष्ट्रगीत गाने के लिए बाध्य करना, व्यक्ति के धर्म और अंतरात्मा की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिनमें ‘वंदे मातरम्’ को राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के समान कानूनी दर्जा देने की मांग की गई थी।
Mumbai, Maharashtra: Samajwadi Party Maharashtra president and MLA Abu Azmi says, “In Islam, the greatest respect is for the mother, and prostration is only done in front of Allah, who created the world. Everyone has their own faith and religion, and it is wrong to force… pic.twitter.com/4D1RCiGCwd
— IANS (@ians_india) October 30, 2025
भाजपा ने कैसे दिया जवाब?
आजमी के बयान के बाद भाजपा ने जोरदार प्रतिक्रिया दी।
महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, मुंबई भाजपा अध्यक्ष अमित साटम और विधानसभा अध्यक्ष राहिल नार्वेकर सहित कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता शुक्रवार को अबू आजमी के घर के बाहर एक मंच पर इकट्ठा हुए और ‘वंदे मातरम्’ का पाठ किया।
Maharashtra BJP MLAs Rahul Narwekar and Mangal Prabhat Lodha sing ‘Vande Mataram’ near Samajwadi Party MLA Abu Azmi’s residence, responding to the controversy over Azmi’s refusal to chant the patriotic slogan
Political tensions rise in Maharashtra#VandeMataram #Maharashtra pic.twitter.com/ei9TolejZf
— 2 Foreigners In Bollywood (@2_F_I_B) November 7, 2025
भाजपा विधायक राज पुरोहित ने इस मौके पर कहा,
“यह प्रतीकात्मक है… वंदे मातरम् का पाठ होना चाहिए और देश का सम्मान किया जाना चाहिए। अगर आपको (देश से) प्यार नहीं है, तो पाकिस्तान चले जाइए… आप इसी देश में रहते हैं और यहीं के विधायक हैं…”
#WATCH | Mumbai, Maharashtra: BJP workers arrive near Samajwadi Party state President Abu Asim Azmi’s residence to recite ‘Vande Mataram’
BJP MLA Raj K Purohit says, “… This is symbolic… Vande Mataram should be recited, and the country should be respected. If you don’t love… pic.twitter.com/qdBqnryVrb
— ANI (@ANI) November 7, 2025
विवाद का इतिहास
‘वंदे मातरम्’ बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित एक गीत है, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी।
हाल ही में इस गीत के 150 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया था। लेकिन, यह गीत दशकों से एक विवाद का विषय बना हुआ है।
राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ भारत की एकता, देशभक्ति और मातृभूमि के प्रति श्रद्धा का अमर प्रतीक है।#VandeMataram150#CultureUnitesAll@MIB_India@MinOfCultureGoI@airnewsalerts pic.twitter.com/EL9c5hkTGp
— Akashvani आकाशवाणी (@AkashvaniAIR) November 7, 2025
कुछ मुस्लिम समुदायों के एक वर्ग का मानना है कि इस गीत में मूर्ति पूजा और देवी-देवताओं की वंदना का भाव निहित है, जो इस्लाम के एकेश्वरवादी सिद्धांत के विपरीत है।
इसी आधार पर वे इसे गाने से परहेज करते हैं।
यह विवाद नया नहीं है, लेकिन अबू आजमी के तीखे बयान और भाजपा की सीधी कार्रवाई ने इसे एक बार फिर ताजा कर दिया है।
यह घटना देश में राष्ट्रवाद, धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक कर्तव्यों के बीच चल रही निरंतर बहस को दर्शाती है।
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