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वंदे मातरम् पर अबू आजमी के बयान से भड़की BJP, विधायक के घर के बाहर गाया राष्ट्रीय गीत

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Abu Azmi Vande Mataram Controversy: समाजवादी पार्टी (सपा) के महाराष्ट्र प्रमुख और विधायक अबू आसिम आजमी के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ दिए गए बयान पर विवाद शुरू हो गया है, जिसके बाद राज्य की राजनीति गर्मा गई है।

आजमी ने कहा है कि कोई भी मुसलमान ‘वंदे मातरम’ नहीं बोल सकता।

इस बयान के जवाब में 7 नवंबप को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और कार्यकर्ता आजमी के आवास के बाहर पहुंचे और सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम’ का पाठ करके विरोध जताया।

विवाद की शुरुआत 

इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब मुंबई भाजपा के अध्यक्ष अमित साटम ने शुक्रवार की सुबह शहर में होने वाले एक सामूहिक ‘वंदे मातरम्’ गायन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अबू आजमी को आमंत्रित किया।

साटम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस निमंत्रण की एक प्रति साझा करते हुए आजमी को टैग भी किया।

इसी के जवाब में आजमी ने अपना पक्ष रखते हुए विवादित बयान दिया।

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अबू आजमी ने क्या कहा?

अबू आजमी ने अपने जवाब में कानून और धर्म दोनों का हवाला दिया।

उन्होंने कहा, “कोई मुझसे वंदे मातरम् नहीं बुलवा सकता। कोई किसी मुसलमान से वंदे मातरम नहीं बुलवा सकता।

उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए धार्मिक तर्क दिया, “इस्लाम में जमीन-सूरज की पूजा नहीं होती है। अल्लाह के सिवाय किसी की वंदना नहीं होती है। जैसे आप नमाज नहीं पढ़ सकते, वैसे ही कोई मुसलमान वंदे मातरम नहीं बोल सकता।”

आजमी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भी हवाला देते हुए दावा किया कि किसी को जबरन राष्ट्रगीत गाने के लिए बाध्य करना, व्यक्ति के धर्म और अंतरात्मा की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।

साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिनमें ‘वंदे मातरम्’ को राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के समान कानूनी दर्जा देने की मांग की गई थी।

भाजपा ने कैसे दिया जवाब?

आजमी के बयान के बाद भाजपा ने जोरदार प्रतिक्रिया दी।

महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, मुंबई भाजपा अध्यक्ष अमित साटम और विधानसभा अध्यक्ष राहिल नार्वेकर सहित कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता शुक्रवार को अबू आजमी के घर के बाहर एक मंच पर इकट्ठा हुए और ‘वंदे मातरम्’ का पाठ किया।

भाजपा विधायक राज पुरोहित ने इस मौके पर कहा,

यह प्रतीकात्मक है… वंदे मातरम् का पाठ होना चाहिए और देश का सम्मान किया जाना चाहिए। अगर आपको (देश से) प्यार नहीं है, तो पाकिस्तान चले जाइए… आप इसी देश में रहते हैं और यहीं के विधायक हैं…”

विवाद का इतिहास 

‘वंदे मातरम्’ बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित एक गीत है, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी।

हाल ही में इस गीत के 150 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया था। लेकिन, यह गीत दशकों से एक विवाद का विषय बना हुआ है।

कुछ मुस्लिम समुदायों के एक वर्ग का मानना है कि इस गीत में मूर्ति पूजा और देवी-देवताओं की वंदना का भाव निहित है, जो इस्लाम के एकेश्वरवादी सिद्धांत के विपरीत है।

इसी आधार पर वे इसे गाने से परहेज करते हैं।

यह विवाद नया नहीं है, लेकिन अबू आजमी के तीखे बयान और भाजपा की सीधी कार्रवाई ने इसे एक बार फिर ताजा कर दिया है।

यह घटना देश में राष्ट्रवाद, धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक कर्तव्यों के बीच चल रही निरंतर बहस को दर्शाती है।

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