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तिरुपति हादसे में 6 की मौत, 40 से ज्यादा लोग घायल, वैकुंठ द्वार दर्शन के टिकट वितरण में मची भगदड़

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Tirupati Temple Stampede: आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में बड़ा हादसा हो गया।

बुधवार रात मची भगदड़ में एक महिला समेत छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 अन्य घायल हो गए।

यह घटना वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट वितरण के दौरान हुई, जिसमें करीब 4 हजार लोग लाइन में खड़े थे।

विशेष दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ में भगदड़

शुक्रवार से शुरू होने वाले 10 दिवसीय विशेष दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने 91 काउंटर खोले थे।

वैकुंठ एकादशी के अवसर पर टिकट लेने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई।

इसी दौरान लाइन में खड़ी एक महिला बेहोश हो गई, उसे इलाज के लिए बाहर निकालने के लिए गेट खोला गया।

इसी बीच लोग धक्का-मुक्की करते हुए अंदर घुसने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।

इस भगदड़ में एक महिला समेत छह लोगों की जान चली गई, जबकि 40 लोग घायल हो गए।

पद्मावती मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर ने बताया कि घायलों में से कुछ को फ्रैक्चर, तो कई को गंभीर चोटें आई है।

10 जनवरी से वैकुंठ द्वार दर्शन का आयोजन

जिस द्वार पर हादसा हुआ, उसे 10 जनवरी को खोला जाना था।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि 19 जनवरी तक वैकुंठ एकादशी पर वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए खोले जाने थे।

10 दिनों में करीब 7 लाख भक्तों के आने की संभावना है।

सुबह 4.30 बजे से प्रोटोकॉल दर्शन से शुरू होगा, उसके बाद सुबह 8 बजे से सर्व दर्शन शुरू होगा।

इसके लिए लोग बुधवार को टोकन लेने के लिए लाइन में लगे थे और भगदड़ मच गई।

घटना के समय मौके पर करीब 1000 पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन स्थिति को संभालने में वे विफल रहे। भ

गदड़ के दौरान मंदिर प्रशासन के कर्मचारियों द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया, लेकिन भीड़ के उग्र होने के कारण हालात बिगड़ गए।

प्रसिद्ध और अमीर तीर्थस्थलों में से है तिरुमाला तिरुपति

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और अमीर तीर्थस्थलों में से एक है।

ये आंध्र प्रदेश के सेशाचलम पर्वत पर बसा है।

भगवान वेंकटेश्वर के इस मंदिर का निर्माण राजा तोंडमन ने करवाया था।

मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 11वीं सदी में रामानुजाचार्य ने की थी।

Tirupati Balaji Temple
Tirupati Balaji Temple

मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर जब पद्मावती से अपना विवाह रचा रहे थे तो उन्होंने धन के देवता कुबेर से कर्ज लिया।

भगवान पर अब भी वो कर्ज है और श्रद्धालु इसका ब्याज चुकाने में उनकी मदद करने के लिए दान देते हैं।

तिरुमाला मंदिर को हर साल लगभग एक टन सोना दान में मिलता है।

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