Supreme Court Vijay Shah Case: मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ दिए गए विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने शाह की माफी नामंजूर कर दी, लेकिन उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) बनाई गई है।
SC ने विजय शाह को कहा आपकी टिपण्णी गंदी, असभ्य और शर्मनाक और माफी निष्ठाहीन है।
आप लोगों के सामने बेनकाब हो चुके
जस्टिस सूर्यकांत ने मंत्री विजय शाह से कहा- आप पब्लिक फिगर हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए।
बोलते समय जिम्मेदारी से काम लें। सेना के लिए हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं।
हम आपकी माफी स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
आप लोगों के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं। आपने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।
आप कह रहे हैं कि अगर आपने ठेस पहुंचाई है…तो क्या हुआ…हाई कोर्ट की तरफ से FIR दोबारा लिखने के आदेश के बाद से अब तक आपने क्या किया है।
आपकी भाषा “गंदी, असभ्य और शर्मनाक”
SC ने विजय शाह को कहा आपकी टिपण्णी गंदी, असभ्य और शर्मनाक और माफी निष्ठाहीन है।
“किस तरह की माफी? वह माफी क्या है?
कभी-कभी लोग कानूनी दायित्वों से बचने के लिए माफी मांगते हैं।
कभी-कभी मगरमच्छ के आंसू बहाते हैं।
आपकी माफी किस तरह की है?”
“आपने जिस तरह की भद्दी टिप्पणियां कीं, वह पूरी तरह से बिना सोचे-समझे की गईं।
हमें आपकी माफी की आवश्यकता नहीं है।
हम जानते हैं कि कानून के अनुसार कैसे निपटना है।”
SIT के तीनों अधिकारी एमपी कैडर से नहीं
- सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह की माफी को खारिज करते हुए मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
- सुप्रीम कोर्ट ने SIT को लेकर कहा- हम तीन IPS अधिकारियों की SIT गठित कर रहे हैं।
- तीनों अधिकारी मध्य प्रदेश कैडर के बाहर के होंगे।
- इनमें से एक IG रैंक का होना चाहिए और एक महिला अधिकारी होंगीं। यह आपके लिए लिटमस टेस्ट है।
- कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को मंगलवार को सुबह 10 बजे तक SIT का गठन करने का निर्देश दिया।
- इसका नेतृत्व आईजीपी को करना चाहिए और दोनों सदस्य भी एसपी या उससे ऊपर के रैंक के होने चाहिए।
हाईकोर्ट ने दर्ज करवाई थी FIR
14 मई को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया।
इसके बाद इंदौर के महू थाने में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया।
शाह ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
अगली सुनवाई 28 मई को
सुप्रीम कोर्ट ने शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, लेकिन उन्हें SIT को पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया है।
अगली सुनवाई 28 मई को होगी।
कर्नल सोफिया को कहा था आतंकियों की बहन
11 मई को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री विजय शाह ने भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
उन्होंने कर्नल सोफिया को “आतंकियों की बहन” कहा था।
शाह ने कहा था- “उन्होंने (आतंकियों ने) कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनके घर भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई।”
“अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते, इसलिए उन्होंने उनकी समाज की बहन को भेजा।”
इन बयानों की व्यापक आलोचना हुई और सेना व देशभर में नाराजगी फैल गई।