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सरकार ने कहा- वक्फ इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं, मुस्लिम पक्ष को इन 5 बातों पर एतराज

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Waqf law Supreem Court: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संपत्ति और नए संशोधनों को लेकर गहन बहस चल रही है।

केंद्र सरकार और मुस्लिम संगठनों के बीच मतभेद गहरा गया है।

सरकार का कहना है कि वक्फ इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसका विरोध कर रहा है।

वक्फ क्या है? (What is Waqf?)

वक्फ इस्लामिक कानून के तहत एक धार्मिक दान है, जिसमें संपत्ति को सामाजिक या धार्मिक उद्देश्यों के लिए स्थायी रूप से समर्पित कर दिया जाता है।

यह संपत्ति फिर कभी बेची या हस्तांतरित नहीं की जा सकती।

विवाद के 5 मुख्य बिंदु (5 Key Controversial Points)

1. ‘वक्फ बाय यूजर’ प्रावधान हटाया जाना (Removal of ‘Waqf by User’ Clause)

मुस्लिम पक्ष की दलील: यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, जहाँ बिना दस्तावेज के भी प्रॉपर्टी को वक्फ माना जाता था।

सरकार का जवाब: इससे जमीनों पर अवैध कब्जे बढ़ते हैं, इसलिए अब केवल रजिस्टर्ड डीड वाली संपत्ति ही वक्फ हो सकती है।

2. जिला कलेक्टर को अधिकार (Power to District Collector)

मुस्लिम पक्ष का विरोध: कलेक्टर सरकारी अधिकारी है, जो पक्षपातपूर्ण फैसला दे सकता है।

सरकार का तर्क: यह सिर्फ रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए है, अंतिम फैसला अदालत करेगी।

3. वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य (Non-Muslim Members in Waqf Board)

आपत्ति: हिंदू ट्रस्टों में ऐसा नहीं होता, फिर वक्फ में क्यों?

सरकार का कहना: यह प्रशासनिक सुधार है, धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला नहीं।

4. वक्फ करने वाला 5 साल से मुस्लिम हो (Donor Must Be Muslim for 5 Years)

मुस्लिम पक्ष: यह धार्मिक स्वतंत्रता में दखल है।

सरकार: यह गैर-मुस्लिमों द्वारा वक्फ का दुरुपयोग रोकने के लिए है।

5. सरकारी जमीन पर वक्फ नहीं (No Waqf on Government Land)

मुस्लिम संगठनों का आरोप: इससे पुराने कब्रिस्तान और मस्जिदें अवैध हो जाएंगी।

सरकार का जवाब: सिर्फ अवैध कब्जे रोकने के लिए यह प्रावधान है।

आगे क्या होगा? (What’s Next?)

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।

कुछ प्रावधानों पर रोक लग सकती है या कानून को बड़ी बेंच के पास भेजा जा सकता है।

अगर कोर्ट इसे संवैधानिक ढांचे के खिलाफ मानता है, तो कानून रद्द हो सकता है।

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