Tej Pratap Yadav New Party: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने आखिरकार अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया है।
उनकी इस नई पार्टी का नाम ‘जनशक्ति जनता दल’ रखा गया है।
तेज प्रताप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी पार्टी का पोस्टर शेयर करते हुए इसकी जानकारी दी।
इस पोस्टर के साथ ही पार्टी के चुनाव चिह्न ‘ब्लैक बोर्ड’ को भी सार्वजनिक किया गया।
यह कदम 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उठाया गया है, जिससे राज्य की सियासत गर्मा गई है।
क्या दिख रहा है पोस्टर में?
तेज प्रताप यादव द्वारा जारी किए गए पोस्टर में सबसे ऊपर ‘जनशक्ति जनता दल’ लिखा है और उसके नीचे पार्टी का चुनाव चिह्न ‘ब्लैक बोर्ड’ बना हुआ है।
सबसे खास बात यह है कि इस पोस्टर में तेज प्रताप ने पांच प्रमुख राष्ट्रीय और प्रांतीय नेताओं की तस्वीरों को स्थान दिया है।
हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए पूर्ण रूप से समर्पित और तत्पर हैं। हमारा मकसद बिहार में संपूर्ण बदलाव कर एक नई व्यवस्था का नव निर्माण करना है।
हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।#tejpratapyadav #janshaktijantadal #biharelection pic.twitter.com/GxsQHw0WqQ
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) September 25, 2025
इनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर, समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण, तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर शामिल हैं।
इन नेताओं को चुनकर तेज प्रताप ने एक व्यापकसमर्थन हासिल करने की कोशिश की है।
हालांकि, इस पोस्टर में अपने पिता और RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की तस्वीर का न होना साफ इशारा करता है कि तेज प्रताप अब खुद को उनकी विरासत से अलग एक नई पहचान बनाना चाहते हैं।
पोस्टर पर ‘सामाजिक न्याय-सामाजिक हक-संपूर्ण बदलाव’ और ‘जन-जन की शक्ति, जन-जन का राज- बिहार का विकास करेंगे तेज प्रताप’ जैसे नारे लिखे हैं।
क्यों बनाई अलग पार्टी?
तेज प्रताप यादव के इस कदम के पीछे कई कारण हैं।
पिछले कुछ समय से वह RJD और अपने परिवार से नाराजगी जता रहे थे।
आखिरकार मई 2024 में उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से निकाल बाहर किया था।

इस निष्कासन के बाद से ही यह स्पष्ट था कि तेज प्रताप अपना अलग रास्ता बनाएंगे।
उन्होंने अगस्त महीने में ही पांच छोटी पार्टियों के साथ एक गठबंधन बनाने की घोषणा की थी, जिसमें विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP) और भोजपुरिया जन मोर्चा (BJM) जैसे दल शामिल थे।
उन्होंने कहा था कि वह “अपनी राह खुद तय करेंगे” और सामाजिक न्याय तथा बिहार के विकास के लिए काम करेंगे। नई पार्टी का गठन इसी दिशा में एक स्पष्ट और ठोस कदम है।
आज पालीगंज विधानसभा अंतर्गत रामचंद्र विश्वकर्मा कॉलेज, अछुआ में दयानंद शर्मा जी के शिक्षक के रूप में 26 साल पूरे होने पर उनकी विदाई समारोह में सम्मिलित हुआ।
शिक्षक समाज का सच्चा मार्गदर्शक होता है। अगर शिक्षक समाज बच्चों के शिक्षा पर सही से ध्यान दें,तो देश और राज्य का विकास… pic.twitter.com/Ft7tz2sdPN
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) September 24, 2025
कहां से लड़ेंगे चुनाव?
तेज प्रताप यादव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
महुआ को वह अपनी ‘कर्मभूमि’ बता रहे हैं। तेज प्रताप ने साल 2015 का विधानसभा चुनाव महुआ सीट से लड़ा था और जीत हासिल की थी।
हालांकि, 2020 के चुनाव में RJD ने उन्हें महुआ के बजाय हसनपुर सीट से उम्मीदवार बनाया था, जहां वह चुनाव हार गए थे।
अपनी पुरानी सीट पर दावा जताकर तेज प्रताप ने एक तरह से RJD के लिए चुनौती पेश की है।

RJD और तेजस्वी यादव के लिए क्या मायने हैं?
तेज प्रताप यादव का यह फैसला RJD और विशेष रूप से उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के लिए एक बड़ी चुनौती है।
तेजस्वी यादव INDIA गठबंधन के तहत बिहार में मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप की नई पार्टी RJD के वोट बैंक, खासकर यादव और मुस्लिम समुदाय के वोटों में सेंध लगा सकती है।
इससे तेजस्वी यादव की चुनावी रणनीति पर असर पड़ सकता है।
साथ ही, अगर तेज प्रताप RJD में टिकट न मिलने या अन्य कारणों से नाराज कुछ नेताओं और विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कर लेते हैं, तो यह RJD के लिए और भी बड़ा झटका साबित होगा।
इससे यादव परिवार के भीतर का तनाव और बढ़ सकता है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या तेज प्रताप बिहार की जनता के बीच अपनी एक अलग पहचान बना पाते हैं और RJD के वोट बैंक को प्रभावित कर पाते हैं।
2025 का विधानसभा चुनाव बिहार की राजनीति के भविष्य की दिशा तय करेगा, जिसमें इस नए दल की भूमिका एक अहम कारक होगी।
फिलहाल, तेज प्रताप यादव ने अपनी राजनीतिक चाल चल दी है, अब बारी बिहार की जनता की है।


