Telangana Murder Case: दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।
इसी तरह की एक घटना तेलंगाना से सामने आई है। जहां सेना से रिटायर्ड एक शख्स ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी।
इतना ही नहीं पति ने पत्नी के शव के छोटे-छोटे टुकड़े करने के बाद उसे प्रेशर कुकर में डालकर उबाला और फिर झील में फेंक दिया।
यह खुलासा खुद आरोपी रिटायर आर्मी जवान ने किया है, जो फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में है।
सबूत मिटाने की कोशिश, 3 दिन तक शव के टुकड़ों को उबाला
यह दिल दहला देने वाली घटना तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले से सामने आई है।
रिटायर आर्मी जवान गुरुमूर्ति ने अपनी पत्नी माधवी (35) की हत्या की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी ने हत्या के सबूत मिटाने के लिए बाथरूम में पत्नी के शव के छोटे-छोटे टुकड़े किए।
इसके बाद हड्डियों को मांस से अलग किया और उन्हें मूसल से कुचला और फिर प्रेशर कुकर में उबाला।
आरोपी ने मांस और हड्डियों को लगभग तीन दिनों तक पकाया, जिसके बाद उसने उन्हें एक थैले में भरकर पास की झील में फेंक दिया।
पुलिस ने बताया है कि आरोपी गुरुमूर्ति ने खुद अपना जुर्म कबूल किया है, लेकिन अभी तक शव के टुकड़े बरामद नहीं हुए हैं।
पुलिस डॉग स्क्वॉड और खोजी टीमों की मदद से झील में शव के अवशेष तलाशने का प्रयास कर रही है।
हफ्तेभर से लापता थी महिला, 13 साल पहले हुई थी शादी
पुलिस जांच में पता चला है कि गुरुमूर्ति और माधवी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था।
घटना वाले दिन 16 जनवरी को उनके बच्चे गुरुमूर्ति की बहन के पास गए हुए थे।
इसी दौरान दोनों के बीच बहस हुई और गुस्से में आकर गुरुमूर्ति ने इस खौफनाक अपराध को अंजाम दिया।
वहीं माधवी की मां सुबम्मा ने 18 जनवरी को मीरपेट पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने बताया कि माधवी की शादी 13 साल पहले गुरुमूर्ति से हुई थी, जो सेना से रिटायर कर्मचारी है।
फिलहाल, गुरुमूर्ति कंचनबाग में सुरक्षा गार्ड का काम करता है।
दोनों पिछले पांच साल से वेंकटेश्वर कॉलोनी में अपने दो बच्चों के साथ रह रहे थे।
रंगारेड्डी जिले के डीएसपी नागराजू ने बताया कि गुरुमूर्ति ने गुमशुदगी का नाटक रचा और माधवी के माता-पिता को भी गुमराह करने की कोशिश की।
लेकिन, जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है।
हालांकि, झील से शव के अवशेष मिलने के बाद ही जांच में ठोस सबूत सामने आ पाएंगे।