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एमपी में टेंडर प्रक्रिया होगी सख्त, 80% से कम दर वाले टेंडर पर लगेगी डबल परफॉर्मेंस गारंटी

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MP Tender Conditions: मध्य प्रदेश में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुधारने और टेंडर प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने नई नीतियों का ऐलान किया है।

पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में सुधार के लिए विभिन्न राज्यों की निविदा शर्तों का अध्ययन कर सुझाव लिए गए हैं।

इसके आधार पर निविदा दस्तावेज में बड़े बदलाव किए जाएंगे।

नई टेंडर नीति से निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और क्षमता से अधिक ठेके लेने की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगेगा।

80% से कम दर वाले टेंडर पर लगेगी डबल परफॉर्मेंस गारंटी

पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह प्रशासनिक अकादमी में निर्माण क्षेत्र में नवीन तकनीकों पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल हुए थे।

इस दौरान अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता, एमडी एमपीआरडीसी अविनाश लवानिया, डॉ. पंकज जैन समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि टेंडर के लिए अव्यावहारिक दरें डालने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है।

80% से कम दर पर टेंडर भरने वालों को अब अंतर की दोगुनी राशि की परफॉर्मेंस गारंटी फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा करनी होगी।

बैंक गारंटी के स्थान पर फिक्स्ड डिपॉजिट रिसिप्ट के माध्यम से परफार्मेंस सिक्योरिटी लिए जाने पर भी लोक निर्माण विभाग ने विचार किया है।

इससे ठेकेदारों को गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभानी होगी।

वहीं नई नीति के जरिए निर्माण कार्यों में पारदर्शिता, गुणवत्ता और प्रभावशीलता बढ़ाई जाएगी।

गुणवत्ता पर जोर, अन्य राज्यों से सीख लेकर सुधार

मध्य प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र, तेलंगाना और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मॉडल का अध्ययन किया गया।

तीन अध्ययन दलों से प्राप्त सुझावों पर हाल ही में एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें अधिकारियों और विशेषज्ञों ने बदलावों पर चर्चा की।

बता दें सभी निर्माण विभागों के लिए एक मानक निविदा दस्तावेज वर्ष 2014 में तैयार किया गया था।

कालांतर में हुए तकनीकी विकास और नियमों में परिवर्तन के कारण इस दस्तावेज में अनेक सुधारों की गुंजाइश है।

वहीं प्रस्तावित नई निविदा नीति से क्षमता से अधिक कार्यों के ठेके लेने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए बिड कैपेसिटी संबंधी शर्तों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

निविदाकर्ता के पास बैच मिक्स प्लांट, डब्लू एम एम मिक्स प्लांट एवं अन्य आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता संबंधी शर्त जोड़ने का सुझाव मिला है।

टेंडर प्रक्रिया की शर्तों में प्रस्तावित बदलाव

  • 2 करोड़ से अधिक लागत वाले सभी कार्यों में प्री-क्वालिफिकेशन शर्तें लागू होंगी, पहले यह सीमा 5 करोड़ थी।
  • अनुमानित लागत के 40% के बराबर तीन कार्यों का अनुभव अनिवार्य होगा, पहले ये 20 प्रतिशत था।
  • निविदाकर्ता के पास उपलब्ध मानव संसाधन और उपकरणों के लिए न्यूनतम शर्तें जोड़ी जाएंगी।
  • दो करोड़ से अधिक के सड़क निर्माण कार्यों के लिए निर्माण स्थलों पर गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला अनिवार्य की जाएगी।
  • समय-समय पर गुणवत्ता परीक्षण और डामर की गुणवत्ता जांच जैसे प्रावधान शामिल होंगे।
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