Feviquick and Snakes: सांप जहरीले होते हैं ये हम सब जानते हैं, लेकिन इंसान के दिमाग में उनसे कहीं ज्यादा जहर होता है।
शहडोल जिले में भिंड से आए सपेरों ने चंद पैसा कमाने के लिए सारी हदें पार कर दी है।
इन सपेरों के पास से कई सांप रेस्क्यू किए गए जिनके मुंह फेवीक्विक से सील थे।
फेवीक्विक से बंद किया सांपों का मुंह
वन विभाग ने सपेरों के झुंड को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से कई सांप रेस्क्यू किए गए है। इनमें एक दुर्लभ प्रजाति का सांप भी शामिल हैं।
भिंड से आए ये सपेरे जगह-जगह सांपों का प्रदर्शन कर पैसा कमाते हैं।
लेकिन जिस तरह की क्रूरता इन सपेरों ने सांपों के साथ की है उसे देख कोई भी द्रवित हुए बगैर नहीं रह सकता है।
सपेरों ने इन सांपों का ना केवल भूखा रखा बल्कि इनके दांत भी तोड़ दिए थे और सांपों के मुंह को फेवीक्विक से बंद कर दिया था।
सांपों का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा
सांपों को संरक्षित रखने सालों पहले सपेरों पर नकेल कसने कानून बनाया गया है।
यही वजह है सांपों का खेल दिखाने का सिलसिला करीब-करीब खत्म हो चुका है, कारण यही था कि सांपों को मानवीय क्रूरता से बचाया जा सके।
वहीं स्वार्थ सिद्धी के लिए आज भी कुछ सपेरे जाति के लोग सांपों को पकड़कर उनका जहर निकालने से लेकर उन्हें पिटारे में बंद करके रखते हैं।
शहडोल में सांपो के साथ क्रूरता के मामले में वन विभाग ने एक्शन लिया और 4 सपेरों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया।
सपेरों के कब्जे से 6 इंडियन कोबरा,सेडुल वन,और दुर्लभ प्रजाति का सेंडुआ सांप बरामद कर उन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया है।
ये खबर भी पढ़ें – खटिया पर हुई महिला की डिलीवरी, कीचड़ वाले रास्ते पर नहीं पहुंच पाती है एंबुलेंस