Failed Digital Arrest: देश भर में लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं।
लेकिन, सहारनपुर से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां नर्स ने अपनी समझदारी से इस ठगी को नाकाम कर दिया।
वहीं अपने मंसूबों में असफल होने और पोल खुलने पर आरोपी ने पीड़िता को ही साइबर ठग बनने का ऑफर दे डाला।
बेटे को रेप-मर्डर केस में फंसाने की धमकी
4 दिसंबर 2024 को एक नर्स के साथ हुआ साइबर फ्रॉड का मामला ना केवल चौंकाने वाला है, बल्कि लोगों को सतर्क रहने की सीख भी देता है।
सहारनपुर के एक हॉस्पिटल में स्टाफ नर्स की नौकरी करने वाली शगुफ्ता मलिक रोज की तरह ड्यूटी पर थीं, तभी एक अनजान नंबर से कॉल आता है।
कॉलर ने खुद को पुलिसवाला बताया और पूछा कि तुम्हारा बेटा रुड़की में पढ़ता है न? शगुफ्ता ने कहा-जी।
ठग ने दूसरा सवाल पूछा कितने साल का है, तो शगुफ्ता ने बताया कि 20 साल का है।
कॉल करने वाले शख्स ने बताया कि एक लड़की का रेप के मर्डर कर दिया गया है।
मामले में 4 लोगों को अरेस्ट किया गया है, उसमें तुम्हारा बेटा भी शामिल है।
ये सुन शगुफ्ता के पैरों तले मानो जमीन खिसक गई।
ठग ने तुरंत फोन पर रोने की आवाज सुनवाई, जो हूबहू शगुफ्ता को अपने बेटे की तरह लगी।
मानसिक दबाव डाला, पैसों की मांग की
शगुफ्ता के बेटे को रेप और मर्डर केस में फंसाने की धमकी देकर, उस पर मानसिक दबाव डालने की कोशिश की गई।
वहीं जब शगुफ्ता ने बेटे को बचाने का पूछा, तो उससे पैसों की मांग की गई।
शगुफ्ता से कहा गया कि 1 लाख या 50 हजार रुपये देकर केस को रफा-दफा किया जा सकता है।
इस पर शगुफ्ता ने कहा कि मेरे अकाउंट में तो सिर्फ 6 हजार रुपये ही हैं।
पहले ठग ने कहा ठीक है उतने ही दे दो, सर ऐसे ही छोड़ देंगे, वो तो शरीफ लड़का लग रहा है।
लेकिन, फिर दोबारा फिर कॉल कर कहा इसमें कुछ नहीं होगा।
आपको पैसा अपने बेटे के करियर से ज्यादा प्यारा है।
सोचकर देखो कि आगे उसका क्या होगा, यहां मीडिया वाले भी घूम रहे हैं।
आप पैसा डलवाइए जो कि मुलाजिमों को देना होगा, ताकि वो मुंह बंद रखें और किसी के सामने नाम न लें।
इस पर शगुफ्ता ने कहा कि मैं इंतजाम करती हूं कहीं से, तो ठग बोला कि आप कॉल करो किसी को और हमारा कॉल ऑन रहने दो।
सहयोगी की सूझबूझ और नर्स की समझदारी आई काम
शगुफ्ता को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की गई थी।
हालांकि, शगुफ्ता की समझदारी और सहयोगी की सूझबूझ ने इस ठगी को नाकाम कर दिया।
यह सब जब हो रहा था तब उस दौरान शगुफ्ता की सहयोगी भी वहां उसके साथ मौजूद थीं।
मेरी सहयोगी ने समझाया कि यह सब फ्रॉड है। उसने इशारे से बोला कि कॉल की रिकॉर्डिंग कर लो।
एक तरफ ठग कह रहा था कि कॉल काटे बिना किसी दूसरे नंबर से कॉल करके पैसा मंगाओ।
दूसरी तरफ मेरी सहयोगी कह रही थी कि कॉल काटो और अपने बेटे को कॉल करो।
उसने ये वाला फ्रॉड सुन रखा था तो वो बहुत कॉन्फीडेंट थी।
उसके कहने पर ही मैंने फोन काटा और बेटे को कॉल किया, तो बेटे ने बताया कि वह सुरक्षित है।
वो रुड़की में रहकर बी फॉर्मा की पढ़ाई कर रहा है, लेकिन वो किसी काम से मैंगलोर गया था।
बेटे ने बताया कि ये सब झूठ है और वो एकदम ठीक है, तब मुझे यकीन हुआ कि वो कॉलर फ्रॉड है।
पाकिस्तान निकला ठग, दिया साइबर ठग बनने का ऑफर
डिजिटल अरेस्ट की साजिश नाकाम होने पर ठग बार-बार कॉल करने लगा।
शगुफ्ता ने ट्रू-कॉलर पर नंबर सर्च किया तो लोकेशन पाकिस्तान की थी और बातचीत का लहजा भी पाकिस्तान का था।
शगुफ्ता ने कॉल उठाया और आरोपी को धमकाया कि तुम अपने देश के और मजहब के नाम पर धब्बा हो।
पाकिस्तानी के तौर पर ये हरकत मेरे जेहन में दर्ज हो गई है।
इस पर उस ठग ने बेहिचक स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान से है।
उसने कहा कि पाकिस्तान में हमें बहुत इज्जत से देखते हैं और यही काम करके हमने महल बना लिया है।
आरोपी ने शगुफ्ता को भी साइबर ठग बनने ऑफर दिया और कहा कि मैं आपको भी सिखा दूंगा।