Trump US lost India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत को लेकर एक विवादास्पद और चौंकाने वाला बयान दिया है।
ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा,
“ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को सबसे गहरे और सबसे अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है। ईश्वर करे कि उनका भविष्य दीर्घ और समृद्ध हो।”
यह टिप्पणी उस समय आई है जब ट्रम्प अमेरिका में आगामी चुनावों के लिए अपनी राजनीतिक मुहिम को तेज कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार व विदेश नीति पर अपने पुराने रुख को दोहरा रहे हैं।
तस्वीर का सच और ट्रम्प की चिंता
ट्रम्प द्वारा साझा की गई तस्वीर नवंबर 2017 की है, जो चीन के शियामेन में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की है।
यह तस्वीर हाल ही में सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हुई थी, जिसमें तीनों नेता एक साथ दोस्ताना अंदाज में नजर आ रहे हैं।
ऐसा लग रहा है कि इन तस्वीरों और हाल में हुए SCO शिखर सम्मेलन में भारत-रूस-चीन के बीच हुई बातचीत ने ट्रम्प को असहज कर दिया है।
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रम्प की यह टिप्पणी अमेरिकी मतदाताओं के एक वर्ग को यह संदेश देने का प्रयास है कि वर्तमान प्रशासन ने अमेरिका का वैश्विक प्रभाव खो दिया है और रूस भारत जैसे देश चीन के प्रभाव क्षेत्र में चले गए हैं।

भारत का जवाब: ‘नो कमेंट’
ट्रम्प के इस बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट और संयमित प्रतिक्रिया दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “इस पर कोई टिप्पणी नहीं।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत व्यापारिक मुद्दों पर अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखने को प्रतिबद्ध है।
“Have no comments on to offer on this”: India’s ministry of external affairs spokesperson on Donald Trump’s ‘Lost India, Russia to deepest, darkest China’ post pic.twitter.com/WfYrvfmscp
— WION (@WIONews) September 5, 2025
टैरिफ को लेकर टकराव
यह घटना एक ऐसे समय में घटी है जब ट्रम्प ने हाल ही में भारत पर टैरिफ (आयात शुल्क) बढ़ाने की बात फिर से उठाई है।
4 सितंबर को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अपील में, ट्रम्प ने दावा किया कि भारत पर लगाया गया टैरिफ रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए “बहुत जरूरी” था।
उनका तर्क था कि भारत द्वारा रूस से सस्ता तेल खरीदना और उसे दुनिया बाजार में बेचना राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध जारी रखने में सक्षम बना रहा है।
इसलिए, भारत पर टैरिफ लगाकर इस “चाल” को रोका जा सकता है।
इससे पहले ट्रम्प ने भारत के निर्यात पर कुल 50% तक का टैरिफ लगाने की वकालत की है।
हालांकि, अमेरिकी अपील कोर्ट ने पहले ही ट्रम्प के इन टैरिफों को गैर-कानूनी ठहराया है, यह कहते हुए कि उनके पास ऐसा करने की कानूनी शक्ति नहीं थी।
कोर्ट ने फैसले को अक्टूबर तक रोक रखा है ताकि ट्रम्प सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें।
ट्रम्प का व्यापार पर पुराना राग
ट्रम्प ने एक रेडियो शो में दावा किया कि भारत “टैरिफ लगाकर अमेरिका को मार रहा था।”
उन्होंने कहा, “मैं टैरिफ को दुनिया में सबसे बेहतर समझता हूं। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाला देश था, लेकिन अब उन्होंने मुझे जीरो टैरिफ का ऑफर दिया।”
उनका यह भी दावा था कि अगर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ नहीं लगाए होते, तो भारत ऐसा ऑफर कभी नहीं देता। हालांकि, भारत सरकार की ओर से इस तरह के किसी औपचारिक प्रस्ताव की पुष्टि नहीं की गई है।

राजनीति या नीति?
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प के ये बयान अमेरिकी घरेलू राजनीति में उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ की छवि को मजबूत करने और पूर्व अमेरिकी प्रशासन पर नरम होने का आरोप लगाने की रणनीति का हिस्सा हैं।
भारत ने हमेशा से ही अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर जोर दिया है और सभी महत्वपूर्ण शक्तियों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखे हैं।
ट्रम्प की टिप्पणियां भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूत नींव को आसानी से नहीं बदल सकतीं, जो व्यापार, रक्षा और भू-राजनीति जैसे कई क्षेत्रों में फैले हुए हैं।

भारत का ‘नो कमेंट’ जवाब इस बात का प्रमाण है कि देश अनावश्यक विवादों में पड़ने के बजाय वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना पसंद करता है।