रायपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने लोकपाल नियुक्त नहीं करने पर छत्तीसगढ़ के पांच राज्य विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है।
प्रत्येक विश्वविद्यालय को यूजीसी के नियमों के अनुसार छात्रों की शिकायतों का निवारण करने के लिए एक लोकपाल नियुक्त करना है।
इससे पहले भी यूजीसी डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों की सूची जारी कर चुका है और अब जून में अपडेट करके दोबारा सूची जारी किया है।
यूजीसी की इस लिस्ट में प्रदेश के आयुष एंड हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी ऑफ छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी उद्यानिकी एंड वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा दुर्ग, शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय दुर्ग को डिफॉल्टर घोषित किया है।
बता दें कि यूजीसी ने इससे पहले जो सूची जारी की थी, उसमें भी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का नाम शामिल रहा था।
यूजीसी की तरफ से जारी सूची में देशभर के 108 राज्य विश्वविद्यालय, 47 निजी विश्वविद्यालय और दो डीम्ड विश्वविद्यालयों के नाम शामिल है।
यूजीसी ने डिफॉल्टर यूनिवर्सिटी की लिस्ट जारी करने के साथ ही ईमेल आइडी जारी कर निर्देश दिया है कि जो विश्वविद्यालय लोकपाल नियुक्त कर चुके हैं अथवा बाद में करेंगे वो ईमेल के जरिए लोकपालों की जानकारी साझा कर सकते हैं।
जानिए क्या होता है विश्वविद्यालय लोकपाल –
विश्वविद्यालयों में नियुक्त लोकपाल छात्रों की समस्याओं को सुनकर समाधान निकालता है। इसके लिए समय सीमा भी तय है।
यूजीसी के नियम के मुताबिक, प्रत्येक विश्वविद्यालय को छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए एक लोकपाल नियुक्त करना है।
सेवानिवृत्त कुलपति, 10 वर्षों का अनुभव वाले सेवानिवृत्त प्रोफेसर अथवा पूर्व जिला जज को लोकपाल के पद पर नियुक्त किया जा सकता है।