Ujjain Laddus In Ram Sita Wedding: नेपाल के जनकपुर में होने वाले राम-सीता विवाह के लिए राम भक्तों में काफी उत्साह है।
अयोध्या से जाने वाली बारात में देश भर से राम भक्त जा रहे हैं और अपने साथ खास उपहार भी ले जा रहे हैं।
इसी कड़ी में उज्जैन के महाकाल मंदिर की तरफ से इस विवाह के लिए 1 लाख से ज्यादा लड्डू भेजे गए हैं।
1 लाख 11 हजार 111 लड्डुओं का निर्माण
महाकाल की ओर से 1 लाख 11 हजार 111 लड्डुओं भेजे गए हैं।
महाकाल मंदिर के कर्मचारी इस बात से बेहद खुश हैं कि अयोध्या में श्रीराम के विवाह उत्सव में उनके हाथों से बने लड्डू बांटे जाएंगे।
खास बात ये है कि ये लड्डू बारात के साथ राम जी की ससुराल जनकपुर (नेपाल) भी जाएंगे।
रामकाज में सेवा का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है।
लड्डुओं की विशेष पैकेजिंग
मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि लड्डू बनाने के साथ उनकी विशेष पैकेजिंग की गई है।
मंदिर समिति द्वारा विशेष वाहन को लड्डू रथ का रूप दिया जा रहा है।
इसकी साज-सज्जा में राम विवाह की झलक दिखाई देगी।
सीएम मोहन यादव ने दिखाई ट्रकों को झंडी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 21 नवंबर को केसरिया झंडी दिखाकर लड्डू रथ को अयोध्या के लिए रवाना किया।
धूमधाम से हो रही है राम विवाह की तैयारियां
अयोध्या में श्रीराम विवाह की रस्में शुरू हो गई हैं। अब बारात जल्द ही जनकपुर (नेपाल) जाएंगी।
अयोध्या से यह प्रसाद 26 नवंबर को जनकपुर के लिए राम बारात के साथ जाएगा।
राम बारात बिहार होकर नेपाल 3 दिसंबर को पहुंचेगी। जहां 9 दिसंबर को माता सीता और भगवान राम का विवाह होगा।
विवाह के अवसर पर महाकाल का लड्डू प्रसाद भक्तों में वितरित किया जाएगा।
इससे पहले श्री राम का तिलक उत्सव हुआ था, जिसमें जनकपुर (नेपाल) से सीता जी के मायके वाले आए थे।
इसी महल में हुआ था सीता जी का जन्म
सीता जी मिथिला की राजकुमारी थीं। मौजूदा समय में मैथिला साम्राज्य नेपाल और भारत के बिहार राज्य के बीच विभाजित है।
मान्यता है कि सीता जी का जन्म मिथिला साम्राज्य की राजधानी जनकपुर में हुआ था।
जनकपुर के इसी महल में सीता जी का जन्म हुआ था। ये जगह अभी नेपाल में स्थित है।
राम-सीता विवाह के लिए मेहमान यहीं आएंगे।
गुणवत्ता के लिए मशहूर महाकाल के लड्डू
महाकाल का लड्डू प्रसाद सबसे शुद्ध माना जाता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा मंदिर को सबसे सेफ भोग प्लेस घोषित किया गया है।
महाकाल मंदिर देश का पहला मंदिर है जिसे यह प्रमाण पत्र मिला है।
मंदिर समिति चिंतामणि स्थित लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई रवा, बेसन तथा ड्राय फ्रूट्स को मिलाकर शुद्ध देसी घी से सर्वोत्तम लड्डू बनती है।