MP Transportation Scam: मध्य प्रदेश में हुए बहुचर्चित परिवहन घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि इस घोटाले में मंत्री, अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से हर साल 1500 करोड़ रुपये की अवैध वसूली हो रही थी, लेकिन फिर भी सरकार इस पर चुप्पी साधे बैठी है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उमंग सिंघार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात करते हैं।
लेकिन राज्य में लगातार घोटाले हो रहे हैं और इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस घोटाले को दबाने का प्रयास कर रही है और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
कांग्रेस ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
कांग्रेस ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उमंग सिंघार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल दौरे के दौरान इस घोटाले की शिकायत सीधे उन्हें सौंपी जाएगी।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कराती तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
प्रदेश की जनता के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
कांग्रेस प्रदेश की जनता के हित में इस लड़ाई को हर स्तर पर लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
हालांकि, इस घोटाले पर सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
वहीं भाजपा सूत्रों का कहना है कि यह कांग्रेस का राजनीतिक हथकंडा है।
नेता प्रतिपक्ष की प्रेसवार्ता के मुख्य आरोप और खुलासे
- सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी में देरी: इस मामले में मुख्य आरोपी माने जा रहे सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी 41 दिन बाद हुई, जबकि उनके ठिकानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले थे।
- सीडीआर जारी नहीं किया गया: सौरभ शर्मा के फ़ोन का CDR (Call Detail Record) जारी नहीं किया गया, जिससे कई बड़े नेताओं और अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हो सकती थी।
- गोविंद राजपूत पर गंभीर आरोप: उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री गोविंद राजपूत इस पूरे रैकेट को संचालित कर रहे थे। उनके कार्यालय में ही तमाम डीलिंग होती थी।
- 600 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने का दावा: 2019 से 2024 के बीच गोविंद राजपूत और उनके परिवार ने 600 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बनाई, जिसमें से 134 करोड़ रुपये की संपत्ति को उन्होंने शपथ पत्र में छुपाया।
- अवैध जमीन सौदे: ज्ञान वीर समिति के नाम पर दान की आड़ में ज़मीनों की हेराफेरी की गई और दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में भी संपत्तियाँ खरीदी गईं।
- भाजपा नेताओं को रिश्वत का आरोप: आरोप है कि परिवहन विभाग से हर महीने एक केंद्रीय मंत्री को 2 करोड़ रुपये दिए जाते थे।