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अमेरिका से भारतीयों को बेदखल करने पर बवाल, विदेश मंत्री बोले- ना वापसी नई, ना प्रकिया अवैध

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Indian Migrants Deportation: अमेरिका से डिपोर्ट कर भारत भेजे गए 104 भारतीयों को लेकर देश-विदेश में मामला गरमाया हुआ है।

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है।

अमेरिकी अफसर द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में भारतीयों के हाथ-पैर चेन से बांधकर प्लेन में चढ़ाया गया है।

भारतीय नागरिकों को इस तरीके से अमेरिका से बेदखल करने के मुद्दे पर विपक्ष ने हथकड़ी पहनकर संसद के बाहर प्रदर्शन किया।

विपक्ष ने भारतीय नागरिकों के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव को लेकर सदन में नारे भी लगाए।

दूसरी ओर इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ना तो यह वापसी नई है और ना ही प्रकिया अवैध है।

संसद में हंगामा, विपक्ष का हथकड़ी पहनकर प्रदर्शन

अमेरिका से डिपोर्ट कर भारत भेजे गए अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर सड़क से संसद तक घमासान मचा हुआ है।

बजट सत्र के पांचवें दिन गुरुवार को अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन मुद्दे पर संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ।

विपक्षी सांसदों ने ‘सरकार शर्म करो’ के नारे लगाए।

इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा ये विदेश नीति का मुद्दा है।

आपकी चिंता के बारे में सरकार को मालूम है।

इसके बाद विपक्षी सांसदों ने हाथों में हथकड़ियां पहनकर सदन के बाहर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

साथ ही पोस्टर भी लहराए गए, जिसमें लिखा था- बेड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती का जिक्र कर घटना की निंदा की गई।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने जहां प्रधानमंत्री से जवाब मांगा।

वहीं सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने वाले अब चुप क्यों हैं?

शशि थरूर ने कहा कि डिपोर्टेशन पहली बार नहीं हुआ है, इसलिए इसमें ज्यादा बहस नहीं होनी चाहिए।

हालांकि सभी भारतीयों को जबरन सैन्य विमान से हथकड़ी लगाकर वापस भेजने की जरूरत नहीं थी।

विपक्षी नेताओं का कहना है कि माना कि भारतीय नागरिक अवैध तरीके से घुसे थे, लेकिन उन्हें सम्मान के साथ वापस भेजना चाहिए था।

भारतीयों से अपराधियों की तरह व्यवहार करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में दिया जवाब

अमेरिका से अवैध अप्रवासी भारतीयों के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने बुधवार को संसद में जवाब दिया।

एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि यदि कोई नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहा है तो उसे वापस (स्वदेश) बुलाना सभी देशों का दायित्व है।

अमेरिका से भारतीयों का डिपोर्टेशन पहली बार नहीं हुआ है, यह 2009 से हो रहा है।

पिछले 16 सालों में अमेरिका से 15 हजार 652 भारतीयों को वापस भेजा जा चुका है।

सबसे ज्यादा 2019 में 2042 लोगों भारत डिपोर्ट किया गया था। हम कभी भी अवैध मूवमेंट के पक्ष में नहीं हैं।

इससे किसी भी देश की सुरक्षा में खतरा पैदा हो सकता है।

विपक्ष के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाना अमेरिकी सरकार की नीति है।

सरकार इस मुद्दे पर अमेरिका से लगातार बातचीत कर रही है।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संधि का हवाला देते हुए कहा कि यह कानूनी प्रवास को बढ़ावा देने और अवैध प्रवास को रोकने के लिए है।

अब बात उस वीडियो की जिसकी वजह से हुआ हंगामा

अमेरिका ने 104 अवैध अप्रवासी भारतीयों को एक दिन पहले 5 फरवरी को भारत वापस भेजा है।

सभी को US मिलिट्री के C-17 प्लेन से अमृतसर भेजा गया।

यूएस बॉर्डर पैट्रोल के अध्यक्ष माइकल डब्ल्यू. बैंक्स ने सोशल मीडिया पर इसका वीडियो शेयर किया है।

अमेरिकी अफसर ने पोस्ट में लिखा की यूएसबीपी और पार्टनर्स ने सफलतापूर्वक अवैध प्रवासियों को भारत भेज दिया है

अगर आप अवैध रूप से सीमा पार करोगे तो आपको उसका अंजाम भुगतना होगा।

इस वीडियो में भारतीय नागरिकों के हाथ बेड़ियों में जकड़े हैं और पैरों में चेन बांधी दिख रही है।

40 घंटे का सफर सभी लोगों ने इसी हालत में तय किया।

कहा जा रहा है कि भारतीयों को डिपोर्ट करने का खर्चा अमेरिकी सरकार ही उठाएगी।

हालांकि, यह पहली बार है जब अमेरिका ने सैन्य विमान भेजा है।

इस प्लेन से अवैध अप्रवासियों को भेजने का खर्च चार्टर्ड प्लेन से लगभग छह गुना ज्यादा है।

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