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वैष्णो देवी यात्रा: 22 दिनों के बाद फिर गूंजे माता के जयकारे, मौसम को लेकर अलर्ट रहने की अपील

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Vaishno Devi Yatra Restart: जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित मां वैष्णो देवी के पवित्र धाम की यात्रा 22 लंबे दिनों के बाद बुधवार, 17 सितंबर को फिर से शुरू हो गई है।

इससे पहले 26 अगस्त को भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से इस यात्रा को रोक दिया गया था, जिसमें दुखद रूप से 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 20 से अधिक घायल हो गए थे।

मौसम में सुधार और रास्तों की मरम्मत के बाद श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने यात्रा को फिर से शुरू करने की हरी झंडी दे दी।

कैसे हुई यात्रा की शुरुआत?

बुधवार की सुबह जैसे ही सूरज की पहली किरण फूटी, कटरा के बाणगंगा दर्शनी द्वार (यात्रा का शुरुआती बिंदु) पर सैकड़ों श्रद्धालु ‘जय माता दी’ के जयकारे लगाते हुए एकत्रित होने लगे।

सुबह 6 बजे, त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित मंदिर तक जाने वाले दोनों रास्तों से यात्रा औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई।

उन श्रद्धालुओं के चेहरे खुशी से खिल उठे, जो पिछले कई दिनों से कटरा में यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे थे।

कई भक्तों ने तो प्रशासन की वापस लौटने की सलाह के बावजूद भी कटरा में डेरा डाल रखा था और उनका कहना था कि “चलो बुलावा आया है” और मां के दर्शन करने का उनका सपना पूरा हुआ।

श्राइन बोर्ड की एडवाइजरी

यात्रा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्राइन बोर्ड ने सभी श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इसमें निम्नलिखित बातों का पालन करने के लिए कहा गया है:

  1. मौसम पर नजर: श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे यात्रा शुरू करने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें। अगर मौसम खराब होने की चेतावनी है, तो यात्रा को कटरा से ही रोक दिया जाएगा।
  2. वैध पहचान पत्र: सभी यात्रियों के पास वैध पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी) होना अनिवार्य है।
  3. RFID टैगिंग: रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडी (RFID) टैगिंग अनिवार्य रहेगी। यह एक सुरक्षा पास की तरह है जिससे श्रद्धालुओं की लोकेशन और जानकारी का पता लगाया जा सकता है। इससे पारदर्शिता बनी रहती है और किसी अनहोनी की स्थिति में मदद मिल सकती है।
  4. निर्धारित मार्ग: श्रद्धालुओं से सिर्फ उन्हीं रास्तों से चलने का आग्रह किया गया है जिन्हें प्रशासन ने सुरक्षित घोषित किया है। भूस्खलन वाले क्षेत्रों से दूर रहना है।
  5. भवन में ठहरना: अब मंदिर परिसर (भवन) में बिना पहले से बुकिंग कराए कोई भी श्रद्धालु नहीं ठहर सकता। इसलिए, पहले से ही ऑनलाइन या अन्य तरीकों से बुकिंग करवाना जरूरी है।
  6. सहयोग: अधिकारियों और जमीनी स्टाफ के निर्देशों का पालन करना और उनके साथ सहयोग करना जरूरी है।

नवरात्रि में भीड़ बढ़ने की उम्मीद

22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने वाले शारदीय नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा होने की उम्मीद है।

नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित है और ऐसे में मां वैष्णो देवी के दर्शन का विशेष महत्व माना जाता है।

प्रशासन और श्राइन बोर्ड इस भीड़ को संभालने और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की तैयारियों में जुट गए हैं।

मौसम का हाल 

मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में बारिश का सिलसिला कुछ कम हुआ है और तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

हालांकि, 18 सितंबर को कुछ इलाकों में हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है।

16 से 19 सितंबर के बीच कहीं-कहीं आंधी और 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।

इसीलिए, मौसम विभाग ने लोगों से सलाह दी है कि वे संवेदनशील इलाकों में जाने से बचें और मौसम की नवीनतम जानकारी पर नजर बनाए रखें।

प्रशासन भी मौसम विभाग के संपर्क में है ताकि कोई भी खतरनाक संकेत मिलते ही यात्रा को तुरंत रोका जा सके।

सुरक्षा बलों को भी पूरी तरह से अलर्ट पर रखा गया है।

आपदा प्रबंधन और भविष्य की तैयारियां

पिछले हादसे ने सबक दिया है कि प्रकृति के सामने मनुष्य की सीमाएं हैं।

इसलिए, इस बार प्रशासन ने हर छोटी-बड़ी चीज का खास ख्याल रखा है।

रास्तों की मरम्मत की गई है, लैंडस्लाइड प्रभावित जगहों को सुरक्षित किया गया है और आपातकालीन सेवाओं को पहले से ज्यादा सक्रिय कर दिया गया है।

श्राइन बोर्ड ने उन सभी श्रद्धालुओं का भी आभार जताया है जिन्होंने इन 22 दिनों के दौरान धैर्य दिखाया और प्रशासन के निर्देशों का पालन किया।

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मां वैष्णो देवी की यात्रा सिर्फ एक सफर नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास की एक अद्भुत यात्रा है।

22 दिनों के बाद इसके फिर से शुरू होने से लाखों भक्तों के मन में उम्मीद की किरण जगी है। हालांकि, सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है।

इसलिए, सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे श्राइन बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें, मौसम की जानकारी लेते रहें और अपनी यात्रा सुरक्षित और सुखद बनाएं।

मां का बुलावा आया है, लेकिन सावधानी के साथ कदम बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

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