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डीआईजी ने छात्राओं को दी ‘ओजस्वी’ बच्चा पैदा करने की टिप्स, कहा- कभी भी पूर्णिमा में गर्भधारण न करें

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Don’t conceive on full moon: मध्य प्रदेश के शहडोल रेंज की डीआईजी सविता सुहाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

वीडियो में सुहाने ने ऐसा कुछ कहा जिससे वे लोगों के साथ कांग्रेस के निशाने पर आ गई हैं।

पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कभी भी पूर्णिमा में गर्भधारण न करें (Don’t conceive on full moon)।

फिलहाल डीआईजी सविता सुहाने का इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

लेकिन, इस मामले ने न केवल सामाजिक बल्कि प्रशासनिक हलकों में भी बहस छेड़ दी है।

सूर्य को जल चढ़ाने से पैदा होती है ‘ओजस्वी’ संतान

डीआईजी सविता सुहाने का महीने पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इस वीडियो में वह एक स्कूल में बच्चों को संबोधित करती दिखी

डीआईजी ने कहा कि पूर्णिमा में गर्भधारण न करें (Don’t conceive on full moon) और सूर्य को जल चढ़ाने से ओजस्वी संतान का जन्म होता है।

यह बयान 9 अक्टूबर को “मैं भी हूं अभिमन्यु” अभियान के दौरान दिया गया था।

महिलाओं के प्रति सम्मान और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह अभियान आयोजित हुआ था।

लेकिन, इसका वीडियो अब वायरल होने के बाद डीआईजी सुहाने विपक्ष और सोशल मीडिया के निशाने पर हैं।

DIG Savita Suhane
DIG Savita Suhane

जहां यह विवाद प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका और उनकी सार्वजनिक टिप्पणियों के प्रभाव पर सवाल खड़ा करता है।

वहीं शिक्षा और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने वाले अभियानों के दौरान ऐसे बयान प्रशासन और समाज के बीच गलत संदेश भेज सकते हैं।

दिग्गी ने पूछा- क्या पुलिस को ये शिक्षा देने के आदेश

डीआईजी के इस बयान पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

लोगों का कहना है कि अगर एक अधिकारी इस तरह का बयान देगी तो छात्रों में वैज्ञानिक सोच कैसे विकसित होगी?

कुछ ने इस बयान को वैज्ञानिक सोच के विपरीत बताया, तो कुछ ने इसे व्यक्तिगत विश्वास और मान्यताओं के रूप में देखा।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए।

उन्होंने लिखा कि क्या यह शिक्षा भी पुलिस अफ़सरों को देने के आदेश हुए हैं?

अगर हम साइंस के नजरिए से देखें को डीआईजी ने छात्राओं से जो बात कही है, इसको लेकर कोई वैज्ञानिक कारण नहीं हैं।

मान्यताओं के अनुसार लोग इसको अच्छा या बुरा मान सकते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से डीआईजी द्वारा दिए गए बयान का कोई आधार नहीं है।

विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भधारण और संतान के गुणों का पूर्णिमा या सूर्य को जल चढ़ाने जैसी बातों से कोई संबंध नहीं है।

ये व्यक्तिगत धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा हो सकता है, लेकिन इसे विज्ञान से जोड़ना गलत है।

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