Girl Cut Her Tongue: खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन में नवरात्रि के पहले दिन एक युवती ने तलवार से जीभ काट मां को चढ़ा दी।
युवती के तलवार से जीभ काटकर मां को अर्पित किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
3 अक्टूबर यानी गुरुवार से नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और देवी मां को प्रसन्न करने के लिए 9 दिन भक्त अलग-अलग तरह की तपस्या-उपासना करते हैं।
इस बीच खरगोन में नवरात्रि के पहले दिन सगुर-भगुर माता बाघेश्वरी देवी शक्ति धाम परिसर स्थित अमृत कुंड में युवती ने तलवार से अपनी जीभ काटकर देवी मां को समर्पित कर दी।
Girl Cut Her Tongue: खून बहता रहा, लोग बनाते रहे वीडियो –
युवती के मुंह से खून बहने लगा और जिसने भी यह मंजर देखा, वह सहम गया।
लेकिन, किसी ने भी युवती को रोकने की कोशिश नहीं की और उसका वीडियो बनाते नजर आए।
इतना ही नहीं, कई लोगों ने तो उसके जीभ काटने पर उसे मां की चुन्नी और गले में फूलों का हार पहनाते दिखे।
Girl Cut Her Tongue: भक्त बताते हैं सबसे कठिन उपासना –
युवती का नाम संतोषी बताया जा रहा है जो सुर्वा गांव की रहने वाली है।
संतोषी ने नींबू लगे तलवार से जब अपनी जीभ काटी तो कुछ लोग सामने हाथ जोड़कर ‘जय मैया जय मैया’ के जयकारे लगाते दिखे।
मौके पर मौजूद देवी भक्तों का कहना है कि यह मां दुर्गा की सबसे कठिन उपासना है।
नवरात्रि पर्व में माता की इससे बड़ी आराधना नहीं हो सकती है।
Girl Cut Her Tongue: पिछले साल भी काटी थी जीभ –
मंदिर में मौजूद लोगों ने बताया कि संतोषी ने पिछले साल भी नवरात्रि में इसी तरह अपनी जीभ काटी थी।
उस समय भी युवती का जीभ काटने का वीडियो वायरल हुआ था।
Girl Cut Her Tongue: आस्था के नाम पर जारी हैं ऐसी परंपराएं –
आस्था के नाम पर इस तरह की परंपराएं खरगोन जिले सहित मालवा-निमाड़ अंचल के ग्रामीण अंचलों में खास तौर पर देखी जाती हैं।
ग्रामीण अंचलो में शरीर के अंदर देवी आने और जीभ या गला काटने जैसे मामले देखने को मिलते रहते हैं।
आस्था के नाम पर निभाई जाने वाली ऐसी परंपराओं पर निमाड़ अंचल में किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई जाती है।
Girl Cut Her Tongue: कुंड में स्नान से दूर होती है प्रेत बाधा –
जिला मुख्यालय से सगुर भगुर गांव लगभग 30 किलोमीटर दूर है जो भीकनगांव तहसील के अंतर्गत आता है।
यहां बाघेश्वरी माता का मंदिर है और मंदिर के पास ही अमृत कुंड है।
ऐसी मान्यता है कि यहां नवरात्रि में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के रोग दूर होते हैं।
इसके अलावा यहां प्रेत बाधा भी दूर होती है।
यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं और सुबह से दोपहर बाद तक स्नान-दर्शन का सिलसिला चलता रहता है।
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