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लोकसभा में पेश किया गया वक्फ बोर्ड संशोधन बिल, JPC के पास भेजने की सिफारिश

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Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
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Waqf Board Amendment Bill: नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक (Waqf Board Amendment Bill) पेश किया गया।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त गुरुवार को वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश किया जिस पर विपक्ष ने कड़ा ऐतराज जताया।

किरेन रिजिजू के वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक (Waqf Board Amendment Bill) पेश करते ही संसद में हंगामा होने लगा।

इसके बाद, किरेन रिजिजू ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक (Waqf Board Amendment Bill) को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने का प्रस्ताव रखा।

इस पर स्पीकर ने कहा कि हां, जल्द ही कमेटी बनाऊंगा। असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर डिवीजन की मांग की।

स्पीकर ने कहा कि इस पर डिवीजन कैसे बनता है। ओवैसी ने कहा कि हम तो शुरू से डिवीजन की मांग कर रहे हैं।

रिजिजू ने पेश किया रिपील बिल, शाह बोले- ये अस्तित्व में नहीं

किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ एक्ट 1923 पूरे देश में लागू हुआ, जिसमें बलूचिस्तान और संथाल परगना भी शामिल हैं। ये एक्ट एप्लिकेबल नहीं है इसलिए इसे रूल बुक में ही नहीं रहना चाहिए।

इसको लेकर अमित शाह ने कहा कि 1955 के बिल और 2013 के संशोधन के बाद अस्तित्व में ही नहीं है। हम इसे पेपर से निकाल रहे हैं। इसमें विपक्ष को आपत्ति नहीं होना चाहिए।

इस बिल का कांग्रेस, सपा, NCP (शरद पवार), AIMIM, TMC, CPI (M), IUML, DMK, RSP ने विरोध किया।

कांग्रेस ने इसे संविधान की भावना के खिलाफ बताया। वहीं समाजवादी पार्टी ने विधेयक को धार्मिक आजादी पर खतरा बताया।

Waqf Board Amendment Bill: किसी संपत्ति को अपना नहीं बता सकेगा वक्फ बोर्ड –

वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन बिल पास होने के बाद वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपना नहीं बता सकेगा।

अभी वक्फ के पास किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने की शक्ति है।

जमीन पर दावे से पहले उसका वैरिफिकेशन करना होगा। इससे बोर्ड की मनमानी पर रोक लगेगी।

बोर्ड के पुनर्गठन से बोर्ड में सभी वर्गों समेत महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी।

मुस्लिम बुद्धिजीवी, महिलाएं और शिया और बोहरा जैसे समूह लंबे समय से मौजूदा कानूनों में बदलाव की मांग कर रहे हैं।

Waqf Board Amendment Bill: संविधान पर मौलिक हमला – केसी वेणुगोपाल

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का विरोध किया।

उन्होंने सदन में कहा, ‘यह बिल संविधान पर मौलिक हमला है। इस बिल के जरिये यह प्रावधान लाया जा रहा है कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे। यह धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। आगे आप ईसाइयों के खिलाफ जाएंगे, फिर जैनों के खिलाफ। भारत के लोग अब इस तरह की विभाजनकारी राजनीति को स्वीकार नहीं करेंगे।’

Waqf Board Amendment Bill: कांग्रेस ने मांगी यह गारंटी –

इससे पहले कांग्रेस ने संशोधन विधेयक का विरोध करने का फैसला किया है।

कांग्रेस ने सरकार से यह गारंटी मांगी है कि बिल पास होने के बाद वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी।

इसी तरह समाजवार्टी भी विरोध करेगी। आरोप है कि सरकार वक्फ बोर्डों की संपत्ति हड़पने के लिए ऐसा कर रही है।

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि बिल पहले सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए।

साथ ही सरकार में सहयोगी जदयू और टीडीपी को इस पर अपना रुख साफ करना चाहिए।

Waqf Board Amendment Bill: वक्फ बोर्ड कानून में कई विसंगतियां – भाजपा

वहीं, भाजपा का कहना है कि वक्फ बोर्ड कानून में कई विसंगतियां हैं।

जिनकी संपत्ति ली जा रही है, उनको उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है।

इसको लेकर कई शिकायतें मिली हैं। यही कारण है कि सरकार संशोधन करने जा रही है।

Waqf Board Amendment Bill: इन नेताओं ने किया वक्फ संशोधन बिल का विरोध

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह बिल महाराष्ट्र, हरियाणा चुनावों के लिए खास है। आप यह नहीं समझते कि पिछली बार भारत की जनता ने आपको साफ तौर पर सबक सिखाया था। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है। वक्फ प्रॉपर्टी का मतलब मस्जिद और दरगाह की जगह है। सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को मेंबर बनाएंगे। क्या वे बिलकिस बानो को मेंबर बनाएंगे। यह सरकार मुसलमानों की दुश्मन है।

DMK सांसद कनिमोझी ने कहा, यह आर्टिकल 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को अपने संस्थानों का प्रशासन करने से संबंधित है। यह विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को टारगेट कर रहा है।

NCP (SP) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, इस बिल को या तो वापस ले लें या इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दें। किसी से सलाह लिए बिना एजेंडा आगे न बढ़ाएं। बिल का ड्राफ्ट सांसदों के पास पहुंचने के पहले मीडिया में पहुंचा। इस पर स्पीकर ओम बिड़ला ने बताया कि 6 अगस्त को बिल सांसदों के पास भेजा गया था। सांसद पोर्टल चेक करें।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा- वक्फ बोर्ड मस्जिदों को प्रबंधन करता है। आप वक्फ की ताकत खत्म करके डीएम राज लाना चाहते हैं। वक्फ की प्रॉपर्टी को कब्जा मुक्त कराकर यह बिल लाना चाहिए था।

सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा- यह बिल सोची समझी राजनीति के तहत पेश हो रहा है। वक्फ में गैर मुस्लिम को शामिल करने का औचित्य नहीं है। अगर आप जिलाधिकारी को ताकत दे देंगे तो गड़बड़ी होगी। भाजपा हताश, निराश और चंद कट्‌टर समर्थकों के तुष्टीकरण के लिए यह बिल ला रही है।

TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा- इस बिल के माध्यम से सरकार सिविल कोर्ट के अधिकारों का हनन करना चाहती है। कौन सी प्रॉपर्टी किसकी है, यह तय करना कोर्ट का काम है। इस बिल के माध्यम से सरकार हिंदू राष्ट्र की ओर बढ़ना चाह रही है।

Waqf Board Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में ये नेता – 

JDU सांसद और केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने कहा- इस बिल को मुसलमान विरोधी बताने की कोशिश की जा रही है। यह बिल मुस्लिम विरोधी नहीं है। यह बिल मस्जिदों पर लागू करने के लिए नहीं है। एक निरंकुश संस्था को कानून में बांधने के लिए लाया जा रहा है।

BJP सांसद हेमा मालिनी ने कहा, विपक्ष हमेशा विरोध करता है, यही उनका काम है। वे अच्छी चीजों को भी बुरा बताते हैं। पीएम कई अच्छी योजनाएं लाए हैं लेकिन वे कहते हैं कि ये सभी चीजें गलत हैं।

तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के सांसद जीएम हरिश बालयोगी ने कहा- यह बिल मुस्लिमों और महिलाओं के हित में है। इसे वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता के लिए लाया गया है।

शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, देश में एक ही कानून चलेगा। आपको अलग कानून की जरूरत क्यों है। ये संविधान के नाम पूरे देश में भ्रम फैला रहे हैं। इस बिल में महिला की भागीदारी भी होगी।

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