Water Leaking in Classroom : अक्सर सरकारी स्कूलों की सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां करती है।
हाल ही में एक वायरल वीडियो ने छत्तीसगढ़ में कवर्धा के सरकारी स्कूल की पोल खोलकर रख दी। वीडियो में बारिश के दौरान स्कूल की टपकती छत के नीचे 12 से 15 बच्चें छाता लेकर पढ़ाई करते नजर आएं हैं।
ये वीडियो के कबीरधाम जिले का बताया जा रहा है। जहां के कई गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
बारिश में टपकती स्कूल की छत
बोडला विकासखंड से लगभग 65 किलोमीटर दूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित पंडरिया गांव की ये शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला अव्यवस्थाओं को उजागर करती है।
स्कूल की छत से पानी टपकने की समस्या के कारण बच्चे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं, जिससे उनकी शिक्षा पर गहरा असर पड़ता है।
पेड़ गिरने से स्कूल का बाथरूम पहले से ध्वस्त हो चुका है, जिससे बच्चों को शौचालय की समस्या का सामना भी करना पड़ता है।
इतना ही नहीं स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और कभी भी गिर सकता है। फिर भी बच्चों की जान की परवाह किए बिना स्कूल चलाया जा रहा है।
शिकायतों पर क्या है अधिकारियों का रुख ?
स्कूल की जर्जर स्थिति को देखकर बच्चों और उनके परिजनों की जान आफत में पड़ी हुई है। ग्रामीणों की मानें तो स्कूल भवन चार साल से जर्जर स्थिति में है।
शासन और प्रशासन से नये स्कूल भवन या इसी स्कूल भवन को मरमत करने की मांग कई बार की जा चुकी हैं, लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का कोई का निराकरण नहीं हो सका।
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि किसी शरारती तत्व ने वीडियो वायरल किया है। इस मामले की जानकारी मिलते ही बच्चों को अतिरिक्त कक्ष में बैठाया गया है।
कबीरधाम कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कहा कि मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम से जांच रिपोर्ट मांगी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बच्चों की समस्याओं का समाधान प्रथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
MP से भी 2 साल पहले वायरल हुआ था वीडियो
मध्य प्रदेश के सिवनी से भी एक ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें बच्चे सरकारी स्कूल के जर्जर क्लासरूम में छाता लेकर पढ़ते दिखे थे।
हालांकि ये खबर 2 साल पुरानी है। जुलाई 2022 में सिवनी ज़िले के आदिवासी बहुल घंसौर ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल से ऐसा ही मामला सामने आया था।
जहां स्कूल की जर्जर छत के नीचे बारिश में छाता लेकर बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर थे। वहीं यहां पर जर्जर छत का एक हिस्सा गिरने की वजह से एक छात्रा भी घायल हो गई थी।
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