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नेशनल हेराल्ड केस: 87 साल पुरानी कंपनी, पंडित नेहरू ने की थी स्थापना, जानें क्या है पूरा विवाद

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

What is National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने 9 अप्रैल को विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।

इस चार्जशीट में  नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी, ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल है।

यह चार्जशीट धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग) और धारा 4 (सजा) के तहत दाखिल की गई है।

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले को लेकर 25 अप्रैल को सुनवाई है।

कांग्रेस ने खोला मोर्चा

इस खबर के सामने आते ही कांग्रेस पार्टी में खलबली मच गई और पार्टी ने ईडी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

आज देशभर में कांग्रेस ईडी के विरोध में प्रदर्शन भी कर रही है।

काग्रेस ने केंद्र सरकार पर बदले की भावना के तहत ऐसा करने का आरोप लगाया है।

ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आखिर ये नेशनल हेराल्ड केस क्या है और गांधी परिवार कैसे इसमें फंसता जा रहा है…

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

  • यह केस नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा है। जिसकी स्थापना साल 1938 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने की थी। 
  • अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) के पास था जो दो और अखबार छापती थी। 
  • ये अखबार थे हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज। 
  • 1956 में AJL को गैर व्यावसायिक कंपनी के तौर पर स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 से कर मुक्त कर दिया गया। 
  • मगर धीरे-धीरे कंपनी घाटे में चली गई और उस पर 90 करोड़ का कर्ज चढ़ गया। 
  • साल 2008 में वित्तीय संकट के बाद कंपनी को बंद करना पड़ा, जहां से इस विवाद की शुरुआत हुई।
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AJL के बाद बनाई गई यंग इंडियन

  • साल 2010 में कांग्रेस नेतृत्व ने यंग इंडियन नाम से एक और गैर व्यावसायिक कंपनी बनाई। 
  • इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया।
  • कंपनी का 76 फीसदी शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी (38-38 फीसदी) के पास और बाकी 24 प्रतिशन शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था। 
  • कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। 
  • लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। 
  • इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए। 

सुब्रमण्यम स्वामी ने कराया मामला दर्ज

नवंबर, 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में पहला केस दर्ज कराया।

स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ ने सिर्फ 50 लाख रुपयों में 90 करोड़ रुपये वसूलने का उपाय निकाला जो ‘नियमों के खिलाफ’ है।

स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था।

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कोर्ट का एक्शन और कानूनी कार्रवाई

  • केस दर्ज होने के दो साल बाद जून 2014 में अदालत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया गया।
  • इसी साल अगस्त महीने में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
  • केस दर्ज होने के बाद अगले साल 19 दिसंबर 2015 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने नियमित जमानत दी।
  • इसके अगले साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई रद्द करने से इनकार कर दिया।
  • राहत की बात यह रही कि कोर्ट ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान कर दी।
  • इस फैसले के दो साल बाद 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी की आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी।

अब ED ने दाखिल की चार्जशीट

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया।

हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और कहा कि आयकर की जांच चलती रहेगी।

अब इसी नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है।

 

कांग्रेस ने कहा- बदले की राजनीति 

कांग्रेस ने इसे बदले की राजनीति बताया।

जयराम रमेश ने लिखा, ‘नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा पहने हुए राज्य प्रायोजित अपराध है।

सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की ओर से बदले की राजनीति और धमकी के अलावा कुछ नहीं है। हालांकि, कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं रहेगा। सत्यमेव जयते।’

अब ईडी का मतलब डकैती और वंशवाद का अधिकार नहीं- बीजेपी

इस मामले में BJP ने कहा है कि जो लोग भ्रष्टाचार और सार्वजनिक संपत्ति की लूट में लिप्त थे, उन्हें अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनवाला बोले-अब ईडी का मतलब डकैती तथा वंशवाद का अधिकार नहीं है।

वे जनता का पैसा, संपत्ति हड़प लेते हैं और कार्रवाई होने पर विक्टिम कार्ड खेलते हैं।

उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले में भी जनता की संपत्ति को अपना बना लिया।

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1937 से 2025 तक, पढ़ें नेशनल हेराल्ड केस की पूरी टाइमलाइन

  • 20 नवंबर 1937: एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की स्थापना के साथ कंपनी के रूप में पंजीकरण हुआ।
  •  9 सितंबर 1938: जवाहर लाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया।
  •  1962-63: आईटीओ के पास बहादुर शाह जफर मार्ग पर एजेएल को 0.3365 एकड़ भूमि आवंटित की गई।
  •  22 मार्च 2002: मोती लाल वोरा को एजेएल का चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया।
  • 2008: एजेएल को भारी नुकसान के बाद अखबार का संचालन बंद कर दिया गया।
  • दिसंबर 2010: एजेएल पर कांग्रेस के 90 करोड़ रुपये बकाया होने की खबर सामने आई।
  • 29 दिसंबर 2010: रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास मौजूद दस्तावेजों के अनुसार इस तारीख को एजेएल के शेयरधारकों की संख्या 1057 थी।
  •  26 फरवरी 2011: कांग्रेस ने एजेएल को 90 करोड़ रुपये ऋण दिया।
  • 2011: यंग इंडिया लिमिटेड ने 90 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार को प्राप्त करने के लिए एजेएल को मात्र 50 लाख रुपये का भुगतान किया।
  •  यंग इंडिया ने इस कर्ज को माफ कर दिया और एजेएल पर यंग इंडिया नियंत्रण हो गया।
  •  1 नवंबर 2012: सुब्रमण्यम स्वामी ने पटियाला हाउस कोर्ट में निजी शिकायत दर्ज की।
  •  2 नवंबर 2012: कांग्रेस ने सफाई दी कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड अखबार को फिर से चलाने के लिए एजेएल को ऋण दिया था।
  •  2014: ईडी ने सुब्रमण्यम स्वामी के निजी शिकायत पर ट्रायल कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद प्रकरण में मनी लॉन्ड्रिंग का पता लगाने के लिए मामले की जांच शुरू की।
  •  26 जून 2014: अदालत ने सोनिया और राहुल गांधी को आरोपित के रूप में समन किया।
  •  19 दिसंबर 2015: पटियाला हाउस की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया व राहुल गांधी को नियमित जमानत दी।
  •  2016: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई रद करने से इनकार किया।
  • 5 अक्टूबर 2016: भूमि एवं विकास आफिस ने एजेएल को नोटिस जारी किया और कहा कि एजेएल की संपत्ति का इस्तेमाल प्रेस के कामों के लिए नहीं किया जा रहा है।
  •  अक्टूबर 2018: दिल्ली हाई कोर्ट ने एजेएल को बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश दिया।
  •  1 जून 2022: ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पेश होने का नोटिस भेजा। इस मामले में दोनों से ईडी ने पूछताछ की थी।
  • 2023-24: ईडी ने AJL की अचल संपत्तियों और शेयरों की कुर्की जब्त करना शुरू किया
  • अप्रैल 2025: कोर्ट ने सुनवाई शुरू की, 661 करोड़ की संपत्तियों पर ईडी का कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया

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