Waqf Board Act : जिस वक्फ बोर्ड की ताकत कभी नरसिम्हा राव ने बढ़ाई थी अब उसे मोदी सरकार कम करने की तैयारी में हैं।
केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लाने वाली है।
कैबिनेट बैठक में वक्फ अधिनियम में 40 संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। सरकार के इस फैसले के बाद से देश का सियासी पारा हाई है।
आईए जानते हैं वक्फ बोर्ड क्या है ? वक्फ बोर्ड कैसे काम करता है ? वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है ? वक्फ बोर्ड पर क्या आरोप लगे हैं ?
क्या है वक्फ एक्ट और वक्फ बोर्ड ?
वक्फ एक्ट मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों और धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन और नियमन के लिए बनाया गया कानून है।
इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का उचित संरक्षण और प्रबंधन सुनिश्चित करना है, ताकि धार्मिक और चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए इन संपत्तियों का उपयोग हो सके।
इन्हीं संपत्तियों का प्रबंधन करने के लिए प्रत्येक राज्य में एक वक्फ बोर्ड का गठन किया गया है।
यह बोर्ड वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण, संरक्षण और प्रबंधन करता है।
वहीं वक्फ संपत्तियों से संबंधित विवादों के निपटान के लिए एक विशेष न्यायालय का गठन भी किया गया है।
वक्फ बोर्ड का इतिहास
- 1954 में वक्फ अधिनियम पहली बार किया गया पारित
- नेहरू सरकार द्वारा लाया अधिनियम हो गया था निरस्त
- 1955 में लाया गया नया वक्फ अधिनियम
- पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने बढ़ाई ताकत
- 1964 में हुआ केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन
- 2013 में कांग्रेस सरकार ने एक्ट में फिर से किया संशोधन
वक्फ बोर्ड कैसे करता है काम ?
वक्फ के पास जो संपत्तियां हैं उनका ठीक से रखरखाव हो सके इसके लिए वक्फ बोर्ड बनें हैं।
करीब हर राज्य में सुन्नी और शिया वक्फ समेत देश भर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं।
केंद्र ने वक्फ बोर्डों के साथ तालमेल के लिए सेंटर वक्फ काउंसिल गठित किया है। इनके हेडक्वार्टर ज्यादातर राजधानियों में हैं।
वहीं वक्फ ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक अधिकारी होते हैं। जिनमें कौन शामिल होंगे, इसका फैसला राज्य सरकार करती है।
अक्सर यही कोशिश होती है कि बोर्ड का गठन ज्यादा से ज्यादा मुस्लिमों से हो।
वक्फ बोर्ड की संपत्ति 13 साल में दोगुनी
दुनिया के किसी भी देश में वक्फ बोर्ड के पास इतनी शक्तियां नहीं हैं जितनी भारत में हैं। 13 साल में वक्फ की जमीन दोगुनी हो गई है।
वहीं इसकी संपत्ति की बात करें तो वक्फ भारत में रक्षा और रेलवे के बाद तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है।
फिलहाल में वक्फ बोर्ड के पास 8.50 लाख से ज्यादा संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है।
भारत में वक्फ संपत्ति दुनिया में सबसे बड़ी होने के बावजूद भी इससे 200 करोड़ रुपये का राजस्व भी नहीं मिल रहा है।
यहां तक कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार या अदालतें भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं।
बता दे वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 3 के तहत ये अधिकार दिए गए हैं।
यदि वक्फ ‘सोचता’ है कि भूमि किसी मुस्लिम की है तो यह वक्फ की संपत्ति है और वक्फ को इस बारे में कोई सबूत देने की भी जरूरत नहीं है।
अंग्रेजों के जमाने से विवादों में वक्फ बोर्ड
वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर विवाद नया नहीं हैं। ये अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है।
ब्रिटेन में चार जजों की बेंच ने वक्फ को अवैध करार दे दिया था। हालांकि ब्रिटिश भारत की सरकार ने इसे नहीं माना और इसे बचाने के लिए 1913 में एक नया एक्ट लाई।
फिलहाल वक्फ बोर्ड पर आरोप लगे हैं कि उसने 1995 के कानून का बहुत दुरुपयोग किया है। व
क्त बोर्ड कोई अदालत नहीं है जो फैसला करे कि वक्फ की संपत्ति कौन सी है और कौन सी नहीं है।
अब तक वक्फ प्रॉपर्टी की ना तो राज्य, ना केंद्र सरकार और ना अदालत जांच कर पाती है।
इसी के बाद मांग उठी कि इस तरह की कमेटी होनी चाहिए जो रेवन्यू की जांच करे, वक्फ में ट्रांसेरेन्सी हो।
वक्फ बोर्ड में इन बदलावों की तैयारी में सरकार
वक्फ अधिनियम में संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड की विवादित और पुरानी संपत्ति का नए सिरे से सत्यापन हो सकेगा।
वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति जिला मजिस्ट्रेट के दफ्तर में रजिस्टर्ड करानी होगी, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन हो सके और राजस्व की जांच हो सके।
बोर्ड के स्ट्रक्चर में बदलाव कर महिलाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाएगी।
प्रत्येक राज्य बोर्ड में दो और केंद्रीय परिषद में दो महिलाएं होंगी। अभी तक महिलाएं वक्फ बोर्ड और काउंसिल की सदस्य नहीं हैं।
वहीं जिन जगहों पर वक्फ बोर्ड नहीं है, वहां ट्रिब्यूनल में जा सकते हैं जो अभी नहीं है।
वक्फ बोर्ड पर 1995 के कानून के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं। वक्फ एक्ट को हिंदुओं की संपत्ति छीनने वाला अधिनियम बताया गया।
वक्फ बोर्ड से कितना रेवन्यू आता है, इसका कोई आकलन नहीं है। इसके अलावा भी वक्फ से जुड़ी कई शिकायतें है।
माना जा रहा है कि इस बिल के जरिए मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को “वक्फ संपत्ति” बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है।
केंद्र सरकार के वक्फ एक्ट में संशोधन के चलते वक्फ बोर्ड के अधिकार और ताकत कम हो सकती है।
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