WHO Cough Syrup Warning: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बड़ी चेतावनी जारी करते हुए भारत में बनी तीन कफ सिरपों को दुनिया भर के देशों के लिए ‘जानलेवा’ घोषित किया है।
WHO का कहना है कि ये सिरप गंभीर रूप से जहरीले हैं और इनसे मौत हो सकती है।
इनमें से एक ‘कोल्ड्रिफ’ नामक सिरप का संबंध मध्य प्रदेश में 25 छोटे बच्चों की रहस्यमयी मौतों से जुड़ा है।
कौन सी हैं वो तीन खतरनाक सिरप?
WHO ने जिन तीन उत्पादों को लेकर अलर्ट जारी किया है, वे हैं:
- कोल्ड्रिफ: तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मास्यूटिकल कंपनी द्वारा निर्मित।
- रेस्पिफ्रेश टीआर: रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स की उत्पाद।
- रीलाइफ: शेप फार्मा कंपनी द्वारा बनाई गई।

WHO ने दुनिया के सभी देशों से अपील की है कि अगर उनके यहां ये दवाएं बिक रही हैं, तो तुरंत इसकी सूचना दें और इन्हें बाजार से वापस ले लें।
#WHO ने भारत में निर्मित 3 मिलावटी कफ सिरप की पहचान की, जिनमें कोल्ड्रिफ कफ सिरप भी शामिल है।
WHO ने चेतावनी दी है कि ये सिरप जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकते हैं – दुनियाभर के अधिकारियों से आग्रह किया कि देश में इनमें से कोई भी उत्पाद मिलता है तो वे एजेंसी को सूचित करें। pic.twitter.com/tTnV4b7swM
— DD News Himachal (@DDNewsHimachal) October 14, 2025
कोल्ड्रिफ सिरप में मिला 48% जहर, MP में हुई थी 25 बच्चों की मौत
यह पूरा मामला सामने तब आया जब मध्य प्रदेश में सितंबर महीने से 5 साल से कम उम्र के 25 बच्चों की अचानक मौत हो गई।
जांच में पता चला कि इन सभी बच्चों ने ‘कोल्ड्रिफ’ नामक कफ सिरप का सेवन किया था।
जब इस सिरप के सैंपल की जांच चेन्नई की सरकारी लैब में कराई गई, तो हैरान करने वाले नतीजे सामने आए:
- सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीला केमिकल पाया गया, जो तय सीमा से लगभग 500 गुना ज्यादा था।
- सिरप का वह बैच 48.6% डाइएथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित था। ये दोनों ही केमिकल इंसान की किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके कारण बच्चों की मौत हुई।
- पता चला कि कंपनी ने दवा बनाने के लिए सस्ते और नॉन-फार्माकॉपिया ग्रेड के प्रोपीलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल किया था, जो जहरीला था।
#WATCH | Chhindwara, Madhya Pradesh: The Drugs Department raided an Ayush firm in Chhindwara after 10 children died from Coldrif Cough syrup. pic.twitter.com/VRupAGtxUr
— ANI (@ANI) October 5, 2025
कैसे एक छोटी सी फैक्ट्री बना रही थी जानलेवा दवाएं?
जांच में श्रीसन फार्मास्यूटिकल कंपनी के ढेरों गंभीर उल्लंघन सामने आए:
- छोटी फैक्ट्री: कंपनी तमिलनाडु के कांचीपुरम में महज 2000 वर्ग फीट के एक लोहे के शेड में कोल्ड्रिफ सिरप बना रही थी।
- लंबे समय तक चलता रहा धंधा: हैरानी की बात यह है कि कंपनी को 2011 में लाइसेंस मिला था और एक दशक से भी अधिक समय तक वह बिना किसी रोक-टोक के गुणवत्ता मानकों की धज्जियां उड़ाती रही।
- लाइसेंस रद्द, कंपनी बंद: इस पूरे मामले के बाद तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने श्रीसन फार्मा का लाइसेंस रद्द कर दिया और कंपनी को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है।
- मालिक गिरफ्तार: कंपनी के 75 वर्षीय मालिक रंगनाथन गोविंदन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
VIDEO | Cough syrup death probe: Officials seize samples from Sunguvar Chathram Pharma Unit in Kancheepuram, Tamil Nadu.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/I9wblA3VMC
— Press Trust of India (@PTI_News) October 14, 2025
केंद्र सरकार ने क्या कहा? और क्या हैं सावधानियां?
इस गंभीर घटना के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 अक्टूबर को पूरे देश के लिए एक हेल्थ एडवाइजरी जारी की। सरकार के दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं:
- 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल न दें।
- 5 साल से कम उम्र के बच्चों को भी आमतौर पर कफ सिरप नहीं देना चाहिए।
- बड़े बच्चों को अगर कफ सिरप दिया जाए, तो उसका इस्तेमाल बहुत ही सावधानीपूर्वक और डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए।
इस घटना ने भारत में दवाओं की गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
साथ ही, WHO का यह कदम दुनिया भर में ‘मेड इन इंडिया’ दवाओं की साख के लिए एक चुनौती बन गया है।


