Homeन्यूजआखिर क्यों मंत्री बनाए गए रामनिवास रावत, भाजपा ने क्या मैसेज दिया

आखिर क्यों मंत्री बनाए गए रामनिवास रावत, भाजपा ने क्या मैसेज दिया

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Rashid Ahmed
Rashid Ahmed
राशिद अहमद खान को पत्रकारिता का 16 वर्ष का अनुभव है। आप दैनिक भास्कर डिजिटल, इंडिया टीवी, न्यूज एक्सप्रेस, बंसल न्यूज, ईटीवी, आकाशवाणी-दूरदर्शन सहित विभिन्न टीवी, रेडियो और डिजिटल मीडिया संस्थानों में सेवाएं दे चुके हैं। मध्य प्रदेश शासन की सोशल मीडिया टीम को लीड कर चुके हैं।

Ramniwas Rawat: भोपाल। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के 68 दिन बाद आखिरकार रामनिवास रावत को मंत्री बना ही दिया गया।

राजभवन में हुए समारोह में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

हैरानी की बात ये है कि मोहन सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में सिर्फ रावत को ही शपथ दिलाई गई।

मोहन मंत्रिमंडल में अब कुल मंत्रियों की संख्या 31 हो गई है। मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में 3 पद अभी खाली है।

जानिए कौन हैं रामनिवास रावत

श्योपुर के विजयपुर से 6वीं बार के विधायक

चंबल क्षेत्र में ओबीसी वर्ग के बड़े नेता

2019 में मुरैना सीट से लोकसभा चुनाव लड़े

मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे

दिग्विजय सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके

30 अप्रैल 2024 को बीजेपी में शामिल हुए

सिंधिया परिवार से रावत का करीबी नाता –

रामनिवास रावत (Ramniwas Rawat) का सिंधिया परिवार से करीबी नाता रहा है। उन्होंने स्वर्गीय माधवराव सिंधिया से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ काम किया है।

रावत का नाम सिंधिया परिवार के सबसे करीबी नेताओं में शुमार है। सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद भी रामनिवास रावत ने कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया के खिलाफ कभी भी एक शब्द नहीं बोला।

रामनिवास रावत के मंत्री बनने के बाद सिंधिया समर्थक मंत्रियों में वो सबसे सीनियर मंत्री होंगे।

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मुरैना-श्योपुर सीट पर हुआ।
कहा जाता है कि राहुल गांधी ने रावत को मनाने की पूरी कोशिश की थी लेकिन वे नहीं माने।

कांग्रेस से क्यों नाराज थे रावत –

श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा से 6 बार से विधायक रामनिवास रावत (Ramniwas Rawat) 2013 के विधानसभा चुनाव की उस लहर में भी चुनाव जीतने में सफल हो गए, जब भाजपा 230 में से 163 पर चुनाव जीती थी। 2023 में कांग्रेस के 66 विधायकों में एक रामनिवास रावत भी थे।

तेज तर्रार और बुलंद आवाज वाले रामनिवास रावत कांग्रेस के नेताओं में शुमार थे, जो विधानसभा सहित अन्य मंचों पर पार्टी की बात को दमदारी से रखते थे, लेकिन 2018 में कमलनाथ सरकार में मंत्री न बनाए जाने और उसके बाद 2023 में विधानसभा चुनाव के बाद जीतू पटवारी को अध्यक्ष बनाए जाने से वे नाराज थे।

जीतू और रावत दोनों कार्यकारी अध्यक्ष थे ऐसे में जीतू को अध्यक्ष बनाना रावत को अखर गया। इसके बाद से ही रावत का पार्टी छोड़ने की अटकले लगने लगी थीं।

बीजेपी ने क्या मैसेज दिया?

कहा जाता है कि मंत्री बनाए जाने की शर्त पर ही रावत (Ramniwas Rawat) ने बीजेपी ज्वॉइन की थी, ऐसे में बीजेपी ने उन्हें मंत्री बनाकर मैसेज दिया है कि पार्टी अपना कमिटमेंट पूरा करती है।

इससे दूसरे कांग्रेसी भी बीजेपी की ओर रुख कर सकते हैं, लेकिन बीजेपी के वो सीनियर लीडर जरूर हताश हैं जो मंत्री बनने का सपना संजो रहे थे।

इन नेताओं में गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, संजय पाठक जैसे सीनियर लीडर शामिल हैं।

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