8kg Tumor In Stomach: भारतीय महिलाएं अक्सर अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज करती हैं या उन्हें गंभीरता से नहीं लेती।
इसकी वजह से कई बार वो बड़ी बीमारियों का शिकार भी हो जाती है और जब तक इलाज होता है तब तक बहुत देर हो जाती है।
ऐसा ही कुछ इंदौर में देखने को मिला लेकिन जहां एक महिला ने करीब 8 किलो के ट्यूमर के साथ 5 साल निकाल दिए और उसे पता भी नहीं चला।
ये तो अच्छा हुआ कि सही वक्त पर ट्यूमर का पता चल गया वरना महिला की जान भी जा सकती थी।
इंदोर का मामला, यूटेरस में था ट्यूमर
यह घटना इंदौर की 47 वर्षीय महिला की है। महिला ने बताया कि करीब चार-पांच साल पहले उसका वजन बढ़ने लगा था, लेकिन उसने इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया।
एक साल पहले उसके पेट का आकार बढ़ने पर भी उसने इसे मोटापे का ही हिस्सा समझा, क्योंकि उसे लगा था कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद आमतौर पर महिलाओं का वजन बढ़ जाता है।
मगर 1 अप्रैल को अचानक उसे यूरिन में परेशानी और पेट में खिंचाव होने लगा।
इसके साथ ही, उसे एसिडिटी और नींद की समस्या भी होने लगी।

अन्य अंगों को दबा रहा था ट्यूमर
महिला ने गेस्ट्रो सर्जन को दिखाया, जिन्होंने उसकी सोनोग्राफी और सीटी स्कैन करवााया।
रिपोर्ट्स में पता चला कि महिला के पेट में एक बड़ा ट्यूमर था, जो अन्य अंगों को दबा रहा था।
बाद में डॉ. अंजलि दाश (गायनोकोलॉजिस्ट) ने इस ट्यूमर का विश्लेषण किया और पाया कि यह ट्यूमर यूटेरस की बाहरी सतह से जुड़ा हुआ था।
इसके दबाव के कारण महिला को यूरिन संबंधी समस्याएं हो रही थीं और किडनी पर भी असर पड़ने लगा था।
लंग्स, लिवर और किडनी तक पहुंचा ट्यूमर
इसके बाद 3 अप्रैल को इंदौर के एक प्राइवेट अस्पताल में दो घंटे तक सर्जरी की गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने ट्यूमर को सफलतापूर्वक बाहर निकाला।
यह ट्यूमर यूटेरस के बाहरी हिस्से से जुड़ा हुआ था और इसे मेडिकल में subserosal fibroid कहा जाता है।
यह ट्यूमर महिला के लंग्स, लिवर, स्प्लीन और किडनी तक पहुंच चुका था।
अंदर से गलने लगा था ट्यूमर
सर्जरी के बाद ट्यूमर का बायोप्सी के लिए सैंपल भेजा गया, जिसमें पुष्टि हुई कि यह subserosal fibroid था, जो अंदर से गलने लगा था।
डॉ. अंजलि दाश के अनुसार, महिलाओं में इस प्रकार के ट्यूमर की समस्या आमतौर पर पाई जाती है, लेकिन 8.3 किलो वजनी ट्यूमर शायद पहली बार निकाला गया है।
डॉक्टर्स के मुताबिक अगर इसका समय रहते उपचार नहीं किया जाता, तो महिला की जान को भी खतरा हो सकता था।

यूटेरस भी निकालना पड़ा
महिला और उसके परिवार को पहले ही बताया गया था कि ट्यूमर के अलावा भी यूटेरस में छोटे-छोटे ट्यूमर हो सकते हैं।
इसलिए, महिला का यूटेरस भी निकालना पड़ा। अब महिला पूरी तरह से स्वस्थ हैं।