Indore Mahila Parshad: सड़कों पर गड्ढे और गड्ढों में पानी, हर शहर की यही कहानी।
जी हां मध्य प्रदेश के लगभग हर शहर और गांव में यही हालात है।
कहीं सड़क नहीं है और जहां हैं वहां हालत इतने बदत्तर है कि क्या ही कहें?
कुछ ऐसा ही नजारा देखने के मिला मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में, जहां पार्षदों को गंदे पानी से भरे गड्ढे में बैठकर विरोध जताना पड़ा।
गंदे पानी से भरे गड्ढे में बैठीं पार्षद
इंदौर जिले के क्षेत्र विकास नगर में सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं।
अटल द्वार से लक्ष्मी मेमोरियल अस्पताल की ओर जाने वाला मार्ग इतना जर्जर है कि जनप्रतिनिधियों को इसके सुधार के लिए धरने पर बैठना पड़ा।
ये सडक़ वार्ड क्रमांक 45 और 46 के अंतर्गत आती हैं और इन दोनों ही वार्डों में कांग्रेस की महिला पार्षद हैं।
पार्षद सोनिला मिमरोट भाटिया और शैफू वर्मा सड़क सुधारने की मांग को लेकर गंदे पानी से भरे गड्ढे में बैठ गई और धरना दिया।
इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता और क्षेत्र के रहवासी भी साथ में दिखें।
दोनों महिला पार्षदों ने कहा कि जब तक महापौर नहीं आएंगे और गड्ढे भरने का काम शुरू नहीं होगा तब तक उनका ये धरना जारी रहेगा।
गड्डे में बैठकर कांग्रेसियों ने बजाई थाली
अटल द्वार से जनजीरवाला चौराहा को जोड़ने वाली सड़क की हालत बेहद खराब है।
गड्ढे इतने बड़े हैं कि वाहन दुर्घटना जानलेवा साबित हो सकती है।
इसी को लेकर विकास नगर स्थित पानी की टंकी के पास वार्ड 45 की पार्षद सोनिला भाटिया, वार्ड 46 की पार्षद शैफू वर्मा, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने थाली बजाकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस धरने में महिलाएं, बच्चे समेत आमजन भी शामिल हुए।
सभी ने मिलकर नगर निगम, भाजपा निगम परिषद सहित विधायक के खिलाफ नारेबाजी की और नई सड़क की मांग की।
कांग्रेसी हैं इसलिए आवेदन ठुकरा दिया
पूर्व कांग्रेस पार्षद बादशाह मिमरोट ने बताया कि कई दिनों से सडक़ के गड्ढों को भरने के लिए निगम अधिकारियों से निवेदन किया जा रहा है।
लेकिन, यह क्षेत्र कांग्रेस पार्षद का है इस कारण काम नहीं किया गया।
जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
इस मार्ग से रोज 50 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं।
ये सडक़ एमआईजी मेनरोड को पलासिया से जोडऩे वाली मुख्य सडक़ है।
जंजीरवाला चौराहा की ओर जाने वाले वाहन चालकों के लिए ये प्राथमिकता है।
लेकिन, बारिश में इस सडक़ में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं।
शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इसलिए मजबूरन दोनों पार्षदों के नेतृत्व में बड़ी संख्या में रहवासियों को धरने पर बैठना पड़ा है।
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