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यमुना एक्सप्रेस-वे पर भीषण सड़क हादसा: कोहरे में 11 वाहनों की भीषण टक्कर,13 जिंदा जले-66 घायल

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Yamuna Expressway accident: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेस-वे पर गुरुवार सुबह घने कोहरे के कारण एक भीषण सड़क हादसा हुआ।

आपस में टकराकर आग की चपेट में आई आठ बसों और तीन कारों में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 66 से अधिक लोग घायल हो गए।

मृतकों में एक भाजपा नेता भी शामिल हैं।

हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मलबे से शवों के अवशेष इतने जले और कटे-फटे मिले कि उन्हें 17 पॉलिथीन बैग में भरकर ले जाना पड़ा।

इनकी पहचान अब डीएनए जांच से की जाएगी।

कैसे हुआ हादसा

हादसा गुरुवार सुबह यमुना एक्सप्रेस-वे के थाना बलदेव क्षेत्र में माइलस्टोन 127 के पास गांव खड़ेहरा के नजदीक हुआ।

आगरा से नोएडा की ओर जा रहे वाहनों के लिए घना कोहरा काल बनकर आया। पहले एक स्लीपर बस के सामने अचानक धुंध आ गई।

ड्राइवर ने ब्रेक लगाकर गति धीमी की। इसके बाद पीछे से आ रही अन्य छह बसें और चार कारें तेज गति से आकर उससे जा टकराईं।

भीषण टक्कर के तुरंत बाद एक एसी बस में आग लग गई, जो अन्य वाहनों में फैल गई।

आग की लपटों और धुएं ने लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं दिया।

कई यात्रियों ने बसों की खिड़कियां तोड़कर कूदकर अपनी जान बचाई।

राहत और बचाव अभियान: 6 घंटे तक चला ऑपरेशन, 50 जवान लगे

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं।

करीब 50 जवानों ने मिलकर छह घंटे तक चले जटिल रेस्क्यू ऑपरेशन में हिस्सा लिया।

12 से अधिक फायर टेंडरों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

14 से ज्यादा एंबुलेंस घायलों को अस्पताल पहुंचाने और शवों को निकालने में लगी रहीं।

घायलों को 20 एंबुलेंस से मथुरा जिला अस्पताल, वृंदावन संयुक्त जिला अस्पताल और गंभीर मामलों को आगरा मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

हादसे के बाद एक्सप्रेस-वे पर तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया था।

एक लेन को साफ करके वाहनों की आवाजाही शुरू की गई। क्षतिग्रस्त वाहनों को क्रेन की मदद से हटाया गया।

भाजपा नेता समेत 13 मृतक, 66 घायल; डीएनए से होगी शिनाख्त

पुलिस और अस्पताल प्रशासन के मुताबिक हादसे में 13 लोगों के शरीर के अंग मिले हैं, जिन्हें मृत घोषित किया गया है।

इनमें से तीन की प्रारंभिक पहचान हुई है। इनमें आजमगढ़ के रामपाल, गोंडा के सुल्तान और प्रयागराज के भाजपा नेता अखिलेंद्र (जिन्हें राजू यादव के नाम से भी जाना जाता था) शामिल हैं।

बाकी शवों के अवशेष इतने विकृत हैं कि उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराए जाएंगे।

चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) डॉ. राधा बल्लभ ने बताया कि मलबे से मिले अवशेषों को 17 पॉलिथीन बैग में रखकर लाया गया है।

सामान्य तौर पर एक बैग में एक शव आता है, लेकिन इस हादसे में हालात भिन्न हैं।

मुआवजे की घोषणा और जांच के आदेश

हादसे के बाद एसएसपी श्लोक कुमार और डीएम चंद्र प्रकाश सिंह मौके पर पहुंचे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर संज्ञान लेते हुए घटनास्थल पर तत्काल राहत कार्य तेज करने और घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए।

सीएम ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।

हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसकी अगुवाई एडीएम (प्रशासन) अमरेश करेंगे।

क्या कोहरा ही जिम्मेदार?

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि लगा जैसे बम फटा हो। उन्होंने रेस्क्यू अभियान में देरी का भी आरोप लगाया है।

पुलिस का कहना है कि जीरो विजिबिलिटी हादसे का प्रमुख कारण थी।

हालांकि, यह सवाल भी उठ रहे हैं कि इतने घने कोहरे में एक्सप्रेस-वे पर गति सीमा के पालन और वाहन चालकों की सतर्कता पर कितना ध्यान दिया गया।

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