MPPSC Protestor Arrested: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 2025 के लिए जारी नोटिफिकेशन के बाद प्रदेश में भर्ती को लेकर विवाद गहरा गया है।
PSC ने कटऑफ और नियमों में बदलाव से युवा गुस्से में हैं।
युवा बुधवार को फिर से आंदोलन के लिए रणनीति बनाने वाले थे।
लेकिन, पुलिस ने इससे पहले ही आंदोलनकारी राधे जाट और रणजीत किसानवंशी को गिरफ्तार कर लिया।
वहीं गुरुवार को दोनों की जमानत खारिज कर जेल भेजा दिया गया है।
जाट और किसानवंशी की जमानत खारिज, जेल भेजे गए
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा 2025 के लिए जारी नोटिफिकेशन के बाद पदों को लेकर विवाद बढ़ गया है।
वहीं आयोग ने प्री के कटऑफ नहीं बताने और अन्य नियमों में भी बदलाव किया है।
जिसके बाद से युवाओं में नाराजगी हैं और वह फिर से आंदोलन के लिए रणनीति बनाने वाले थे।
बुधवार को आंदोलनकारी और एनईवाईयू के कोर कमेटी के राधे जाट और रणजीत किसानवंशी द्वारा विरोध प्रदर्शन और आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही थी।
इन दोनों युवाओं ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर सरकार को 700 पदों की मांग की थी।
लेकिन, आयोग ने केवल 158 पद ही जारी किए, जिससे आंदोलन और तेज हो गया।
आंदोलन हो पाता इससे पहले ही पुलिस ने राधे जाट और रणजीत किसानवंशी को गिरफ्तार कर लिया।
एसीपी जूनी इंदौर देवेंद्र सिंह धुर्वे की कोर्ट में गुरुवार को मेडिकल के बाद पुलिस ने जाट और किसानवंशी को पेश किया।
दोनों के जमानतदार आ गए थे, लेकिन एसपी ने उन्हें तकनीकी कारण से सक्षम जमानतदार नहीं माना।
फिलहाल दोनों की जमानत आवेदन खारिज कर दी उन्हें जेल भेज दिया गया।
नोटिफिकेशन से विवाद, कटऑफ और नियमों में भी बदलाव
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा 2025 के लिए जारी नोटिफिकेशन के बाद प्रदेश में भर्ती को लेकर विवाद गहरा गया है।
पीएससी ने इस बार प्री परीक्षा के कटऑफ और अन्य नियमों में बदलाव किए हैं, जिसके बाद युवाओं के बीच गुस्सा है।
कई युवाओं का आरोप है कि आयोग ने पदों की संख्या बहुत कम घोषित की है, जिससे उनका भविष्य प्रभावित हो रहा है।
दरअसल 31 दिसंबर की रात को 11.55 बजे पीएससी का राज्य सेवा परीक्षा 2025 का नोटिफिकेशन हुआ था।
इसके बाद युवाओं का सोशल मीडिया पर गुस्सा फूट पड़ा, विरोध के संदेश आने लगे।
राधे जाट और रणजीत किसानवंशी ने भी इस पर वीडियो संदेश जारी किया था और इस धोखाधड़ी के खिलाफ संघर्ष करने का संकल्प लिया था।
दोनों ने ट्वीट भी किए थे हम फिर मैदान में उतरेंगे, अब हम पीछे नहीं हटेंगे और इसके लिए सरकार को भुगतना होगा।
इसके बाद रात को ही आंदोलनकारी राधे जाट और रणजीत के वीडियो मैसेज ग्रुप पर आ गए।
इसके बाद रात दो बजे गूगल मीट हुई और इसमें भी करीब 150 युवा जुड़ गए।
तय हुआ कि डीडी गार्डन भंवरकुआं पर दोपहर 12 बजे बुधवार को मीटिंग होगी और आंदोलन की रणनीति बनेगी।
लेकिन, इसके पहले ही दोनों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।
रात को दी परिजनों को जानकारी, ये धाराएं लगाई
राधे जाट को बुधवार सुबह उनके तीन इमली स्थित घर से और फिर रणजीत किसानवंशी को उनके मित्र के फ्लैट से गिरफ्तार किया गया।
इसके बाद पुलिस ने किसी तरह की जानकारी ही नहीं दी।
रात को जब मामला तूल पकड़ने लगा और कई लोग एसीपी दफ्तर, भवंरकुआं थाने पहुंचे तो गुरुवार को सीपी के पास जाने की बात उठी।
बाद में दोनों के परिजनों को देर रात गिरफ्तार की जानकारी दी गई।
दोनों युवाओं पर 107, 116 और 151 प्रतिबंधात्मक धाराएं लगाई गई हैं।
वकील ने बताया कि फिर से जमानत की कोशिश की।
नए जमानतदार पेश करने का प्रयास किया है, जिससे दोनों जल्द बाहर आ सकें।
दूसरी ओर NIYU के अन्य नेताओं का कहना है कि यह कार्रवाई तानाशाही रवैया है, जो युवाओं के आंदोलन को दबाने के लिए की गई है।
सरकार धोखा नहीं तानाशाही कर रही है और तानाशाही का ज़वाब युवाओं को क्रांति से देना होगा।
मध्यप्रदेश के छात्र जो भी निर्णय लेंगे उसमें @NEYU4INDIA के सदस्य अपनी अंतिम साँस तक लड़ने को तैयार हैंI
— National Educated Youth Union (@NEYU4INDIA) December 31, 2024
बता दें इससे पहले 90 घंटे तक पीएससी के बाहर आंदोलन हुआ था।
एनईवाययू के बैनर तले हुए इस आंदोलन से सरकार सकते में आ गई थी।
सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ भोपाल में प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात हुई और सीएम ने भी सकारात्मक संदेश दिए।
कई मांगों पर सहमति बनने के बाद आंदोलन समाप्त हो गया।
उम्मीद थी कि 700 नहीं तो 300-400 तक ठीक- ठाक पोस्ट दी जाएंगी।
लेकिन, इस बार भी उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं, जिससे युवाओं में काफी नाराजगी है।