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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त, बुधवार को दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कर्तव्य पथ पर बने कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया।
आइए, इस भवन और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कर्तव्य भवन-3 की खासियतें
यह भवन 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है, जिसमें 40,000 वर्ग मीटर भूतल शामिल है।
कर्तव्य भवन-3 सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली 10 इमारतों में से पहली पूरी तरह तैयार इमारत है।
यह भवन 2019 में शुरू हुए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पुराने और जर्जर हो चुके सरकारी भवनों को आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल इमारतों से बदलना है।
कर्तव्य भवन-3 में सात महत्वपूर्ण मंत्रालयों और विभागों के कार्यालय स्थापित किए गए हैं।
इनमें शामिल हैं: गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग,
इसके अलावा, इंटेलिजेंस ब्यूरो का ऑफिस भी यहीं होगा।
इनके अलावा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय
इसमें संसद भवन, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक, उपराष्ट्रपति निवास, और राष्ट्रीय संग्रहालय जैसी इमारतें शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट के जरिए इस क्षेत्र को और भव्य बनाया जा रहा है।
कर्तव्य भवन-1 और 2: ये दोनों भवन अगले महीने तक तैयार हो जाएंगे। कर्तव्य भवन-1 में वित्त मंत्रालय शिफ्ट होगा, जिसमें एक प्रिंटिंग प्रेस भी होगा ताकि बजट प्रकाशन आसानी से हो सके।
यह प्रोजेक्ट भारत की प्रगति और विकास का प्रतीक है, जो पुराने और नए का एक शानदार मेल प्रस्तुत करता है।
बाकी भवन: सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बचे हुए सात भवन अप्रैल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे।
क्यों जरूरी था नया भवन?
केंद्र सरकार के पास 55 मंत्रालय और 93 विभाग हैं, जिन्हें आधुनिक और एकीकृत कार्यालयों की जरूरत थी।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का लक्ष्य:
इस परियोजना का पूरा काम दिसंबर 2031 तक खत्म होगा।
कर्तव्य भवन-3 जैसे भवन न केवल कार्यक्षमता बढ़ाएंगे, बल्कि ऊर्जा और पर्यावरण के अनुकूल भी हैं।
साथ ही, यह भवन पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों से बनाया गया है, जो ऊर्जा की बचत करता है।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का महत्व
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट भारत की राजधानी को नया रूप देने की एक महत्वाकांक्षी योजना है।
कॉन्फ्रेंस रूम: 24 मुख्य कॉन्फ्रेंस रूम (प्रत्येक में 45 लोगों की क्षमता) और 26 छोटे कॉन्फ्रेंस रूम (25 लोगों की क्षमता)।
सुरक्षा और पर्यावरण:
कर्तव्य भवन-3 में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कमांड सेंटर बनाया गया है।
अन्य सुविधाएं: योग रूम, क्रेच (शिशुगृह), मेडिकल रूम, कैफे, मल्टीपर्पज हॉल, और 67 मीटिंग रूम।
क्यों जरूरी था नया भवन?
पुरानी इमारतें न केवल जर्जर हो चुकी हैं, बल्कि इनका रखरखाव भी खर्चीला है।
क्या है सेंट्रल विस्टा?
सेंट्रल विस्टा दिल्ली का वह ऐतिहासिक क्षेत्र है, जो राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक फैला है।
इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं: 600 कारों की पार्किंग क्षमता।
मेट्रो कनेक्टिविटी:
कर्तव्य भवनों को इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से जोड़ने के लिए एक नई मेट्रो लाइन का प्रस्ताव है। इससे कर्मचारियों और आगंतुकों को आवागमन में आसानी होगी।
तकनीकी सुविधाएं: 27 लिफ्ट, केंद्रीकृत एयर कंडीशनिंग, दो स्वचालित सीढ़ियां, और सीसीटीवी कमांड सेंटर।
यह न केवल पुरानी और जर्जर इमारतों को आधुनिक ढांचे से बदल रहा है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को भी संरक्षित कर रहा है।
यह परियोजना न केवल प्रशासनिक सुधार लाएगी, बल्कि दिल्ली के ऐतिहासिक क्षेत्र को और आकर्षक बनाएगी।
प्रधानमंत्री आवास: दूसरे चरण में इसका निर्माण होगा।