मनीष आधुनिक पत्रकारिता के इस डिजिटल माध्यम को अच्छी तरह समझते हैं। इसके पीछे उनका करीब 16 वर्ष का अनुभव ही वजह है। वे दैनिक भास्कर, नईदुनिया जैसे संस्थानों की वेबसाइट में काफ़ी समय तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशगांव डॉट कॉम और न्यूज निब (शॉर्ट न्यूज ऐप) की मुख्य टीम का हिस्सा रहे। मनीष फैक्ट चैकिंग में निपुण हैं। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव व डाटालीड्स के संयुक्त कार्यक्रम फैक्टशाला के सर्टिफाइट फैक्ट चेकर व ट्रेनर हैं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके मनीष मानते हैं कि गांव और शहर की खबरों को जोड़ने के लिए मीडिया में माध्यमों की लगातार ज़रूरत है।
167 पहुंचा मृतकों का आंकड़ा
केरल के वायनाड में तेज बारिश के बाद हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 167 पहुंच गई है।
बह गए घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां
सोमवार देर रात 2 बजे और 4 बजे के करीब मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में लैंडस्लाइड हुआ था जिसमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं।
बचाव और राहत कार्य जारी
सेना, वायु सेना, NDRF, SDRF, पुलिस और डॉग स्क्वॉड की टीमें बचाव और राहत कार्य में जुटी हुईं हैं।
1 हजार से ज्यादा को किया गया रेस्क्यू
देर रात तक 1 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया जबकि 3 हजार से ज्यादा लोगों को रिहैब सेंटर में भेजा गया है।
राहत व बचाव कार्य का आज दूसरा दिन
वायनाड समेत 5 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है जिसके कारण राहत-बचाव कार्य में परेशानी आ सकती है।
दो दिन का राजकीय शोक
वायनाड में लैंडस्लाइड हादसे के बाद केरल में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी, यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं टलीं
12 जिलों में स्कूल-कॉलेज में 30 जुलाई को छुट्टी घोषित कर दी गई जबकि केरल यूनिवर्सिटी ने 30 और 31 जुलाई को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
सेना ने रिसोर्ट से 19 टूरिस्ट को बचाया
सेना ने मुंडक्कई गांव के बाहर स्थित इला रिसॉर्ट और वाना रानी रिसॉर्ट में फंसे 19 टूरिस्ट को बुधवार को निकाला।
सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही रेस्क्यू टीम
रेस्क्यू टीम लैंडस्लाइड प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है।
अस्थायी पुल के जरिये निकाले जा रहे फंंसे लोग
सेना ने नदी पर अस्थायी पुल का निर्माण किया। इसके जरिए फंसे हुए लोगों को निकाला गया।
केबल और हेलिकॉप्टर के जरिये निकाला जा रहा बाहर
जहां पैदल पहुंचना मुश्किल हो रहा, वहां केबल और हेलिकॉप्टर के जरिये घायलों को निकाला जा रहा।