Bajrang Punia Ban: स्टार रेसलर बजरंग पूनिया पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने सख्त एक्शन लिया है।
भारत के मशहूर पहलवान पर यह कार्रवाई एंटी डोपिंग कोड का उल्लंघन करने पर की गई है।
दरअसल बजरंग पूनिया ने एंटी डोपिंग टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार कर दिया था।
जिसके बाद NADA (National Anti Doping Agency) ने उन पर 4 साल का बैन लगा दिया है।
इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि बजरंग पूनिया का खिलाड़ी के तौर पर करियर खत्म हो गया है।
एंटी डोपिंग टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार
टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया को NADA ने 4 साल के लिए बैन कर दिया गया है।
दरअसल 10 मार्च को नेशनल टीम के लिए सेलेक्शन ट्रायल के दौरान बजरंग ने डोप टेस्ट देने से इनकार कर दिया था।
इसे राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने जानबूझकर इनकार करार दिया है।
NADA का कहना था कि बजरंग ने डोप टेस्ट में यूरिन सैंपल देने से मना कर दिया था।
NADA के अनुसार इस प्रकार का व्यवहार एथलीट का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार दिखाता है।
NADA ने बजरंग पर एंटी डोपिंग रूल का उल्लंघन करने को लेकर कार्रवाई की और बैन लगा दिया।
NADA के बाद UWW ने भी पुनिया को किया बैन
NADA के बाद UWW (United World Wrestling) ने भी बजरंग पुनिया को बैन कर दिया था।
इससे पहले NADA ने 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया को अस्थायी रूप से निलंबित किया था।
31 मई को NADA के अनुशासन-विरोधी डोपिंग पैनल (ADDP) ने आरोपों की औपचारिक सूचना जारी होने तक अस्थायी रूप से निलंबन हटा दिया था।
इसके बाद 23 जून को औपचारिक रूप से आरोपों के बारे में बजरंग को सूचित किया गया।
हालांकि बजरंग पुनिया ने अस्थायी निलंबन के खिलाफ अपील की थी।
बजरंग ने 11 जुलाई को अपनी लिखित रिपोर्ट में आरोप को चुनौती देकर इसे पूरी तरह अनुचित बताया था।
इस मामले में 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी।
बजरंग के अनुसार डोपिंग नियंत्रण के संबंध में उनके साथ पक्षपाती और अनुचित व्यवहार किया गया है।
बजरंग ने एक्सपायर्ड किट भेजने का आरोप लगाया
पैनल ने बताया कि बजरंग पुनिया पर 4 साल का बैन 23 अप्रैल 2024 से लागू होगा।
बजरंग पर लगे इस बैन का मतलब है कि वह प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापसी नहीं कर पाएंगे।
साथ ही अगर वह चाहें तो विदेश में कोचिंग की नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं कर सकते हैं।
वहीं अपनी सफाई में बजरंग का कहना है कि उन्होंने कभी भी सैंपल देने से इनकार नहीं किया था।
बजरंग ने आरोप लगाया कि उन्हें डोपिंग किट के तौर पर एक्सपायर हो चुकी किट भेजी गई थी।
बजरंग पुनिया ने बस इस पर NADA का स्पष्टीकरण मांगा था।
बजरंग का कहना था उन्होंने पूर्व भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, इसलिए उन पर कार्रवाई की गई है।
बजरंग पूनिया ने रोशन किया है देश का नाम
अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के प्रभार बजरंग पुनिया ने अक्टूबर के महीने में राजनीति के अखाड़े में कदम रखा था।
उन्होंने पहलवान विनेश फोगाट के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली थी।
हरियाणा के झज्जर में साधारण से परिवार में जन्मे बजरंग युवावस्था में अक्सर पहलवानों की कुश्ती देखने के लिए स्कूल से भाग जाया करते थे।
बजरंग पुनिया पहली बार 2013 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप और विश्व चैंपियनशिप में पुरुषों के फ्रीस्टाइल 60 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर सुर्खियों में आए थे।
बजरंग पूनिया ने घुटने की चोट से जूझने के बावजूद टोक्यो में अपने पहले ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था।