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Olympics 2024 : जानिए क्या है मनु, सरबजोत और स्वप्निल का Bhopal कनेक्शन

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Bhopal In Olympics 2024 : भारत ने पेरिस ओलिंपिक में अब तक तीन मेडल जीते हैं और इंडिया को ये तीनों ही मेडल शूटिंग में मिले है। लेकिन इन मेडल के लिए मध्य प्रदेश का भी बड़ा योगदान रहा है।

जानिए क्या है ओलंपिक चैंपियन का भोपाल कनेक्शन

पेरिस ओलंपिक की टीम भोपाल में हुई सिलेक्ट

ओलिंपिक 2024 के लिए शूटर्स की टीम का सिलेक्शन से लेकर तैयारी तक एमपी में कराई गई है।

मनु भाकर, सरबजोत सिंह और स्वप्निल कुसाले इन तीनों शूटरों ने पेरिस ओलिंपिक में भारत के लिए मेडल जीते हैं।

पेरिस जाने से पहले इन तीनों की प्रैक्टिस मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी में हुई थी।

पेरिस ओलंपिक के लिए शूटिंग टीम का फाइनल ट्रायल अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटिंग अकादमी में हुआ है।

राइफल और पिस्टल शूटर्स के लिए कैंप भोपाल में लगे थे और दोनों में ही भारत को मेडल मिले हैं।

भोपाल की बिशनखेड़ी स्थित शूटिंग अकादमी रेंज में 10 से 19 मई 2024 तक 10 दिन चले ट्रायल में देशभर के चुनिंदा 35 शूटर आए थे।

यहां सिलेक्ट होने वाले कई शूटरों ने फिर पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लिया। इसी में से थे भारत के 3 सितारे मनु, सरबजोत और स्वप्निल।

स्वप्निल के लिए तो भोपाल और भी भाग्यशाली रहा। पहले तो वह ओलिंपिक दल का हिस्सा भी नहीं थे।

लेकिन मार्च के आखिरी में ट्रायल भोपाल के इसी शूटिंग रेंज में हुआ और स्वप्निल ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई हो गए।

इसी तरह मनु भाकर के ओलिंपिक सफर का भी भोपाल से नाता है।

यहीं हुए ट्रायल में मनु को पेरिस ओलंपिक के लिए 10 और 25 मीटर पिस्टल शूटिंग के लिए चुना गया था।

भोपाल ने शूटर्स को दिया ओलिंपिक वाला माहौल

एमपी स्टेट शूटिंग अकादमी इंटरनेशनल लेवल की सुविधाओं से लैस है और भोपाल ने शूटर्स को वही सेटअप दिया है जो ओलिंपिक में होता है।

भोपाल शूटिंग रेंज देश की इकलौती रेंज है, जहां इटली से मंगाई गई सियुस कंपनी का पूरा सेटअप है।एक मशीन करीब 4 लाख रुपए की है। ऐसी यहां 10 मशीनें लगी हैं।

ये वही मशीनें हैं, जो पेरिस ओलिंपिक में फाइनल रेंज में भी लगी हैं। इसके अलावा महंगा और अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर है।

मप्र शूटिंग अकादमी में वैसे तो 10, 25 और 50 मीटर की आत्याधुनिक मशीनों से लैस वातानुकूलित रेंज हैं, लेकिन मार्च 2022 में शूटिंग वर्ल्ड कप के लिए यहां फाइनल रेंज भी बनाई गई।

इस पर प्रदेश सरकार ने करीब 50 करोड़ रुपए खर्च किए थे।

देश के नक्शे पर छाए मध्य प्रदेश में अब बड़े खेल आयोजन होने लगे हैं। कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी देने वाले भोपाल हॉकी की नर्सरी कहा जाता है।

बदलते समय के साथ क्रिकेट की लोकप्रियता को देखते हुए यहां की एकैडमी ने अच्छे क्रिकेटर तैयार किए और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटिंग अकादमी से निकले सितारों ने भी मेडल जीते है।

तो कह सकते हैं भोपाल खेल और खिलाड़ियों के लिए एक बेहतर जगह बन गई है।

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