ICC Rejects PCB’s Demand: एशिया कप 2025 के दौरान खेले गए भारत और पाकिस्तान के मैच ने एक ऐसा विवाद खड़ा कर दिया है जिसने खेल के मैदान को राजनीति और द्विपक्षीय तनाव के दायरे में ला खड़ा किया है।
मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों द्वारा पाकिस्तानी टीम के सदस्यों से हाथ न मिलाने के फैसले ने एक बड़ी बहस छेड़ दी है।
इस मामले में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मैच रेफरी पर आरोप लगाए और उन्हें हटाने की मांग की, जिसे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने ठुकरा दिया।
आइए जानते हैं पूरा मामला…
भारतीय खिलाड़ियों ने नहीं मिलाया पाकिस्तानियों से हाथ
रविवार को खेले गए एशिया कप मैच में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया।
मैच के परिणाम से ज्यादा चर्चा का विषय वह पल बना जब मैच समाप्त होने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने परंपरागत हैंडशेक (हाथ मिलाना) से इनकार कर दिया और सीधा ड्रेसिंग रूम में चले गए।
यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कदम पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और भारत सरकार की ओर से पहले ही सहमति बन चुकी थी।
निर्णय यह था कि टीम मैच तो खेलेगी, लेकिन कोई ‘दोस्ताना माहौल’ नहीं दिखाएगी।
This is embarrassment of highest level for Pakistan. They should boycott Asia cup if they have any self respect. #AsiaCup #INDvsPAK
pic.twitter.com/vZmlEl2ZNW— kirat.13_ (@kirat8513) September 15, 2025
PCB की प्रतिक्रिया और रेफरी पर आरोप
इस घटना के बाद PCB ने ICC से शिकायत की।
हैरानी की बात यह है कि PCB ने इसकी जिम्मेदारी भारतीय टीम पर लगाने के बजाय मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट पर लगाई।
PCB के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने आरोप लगाया कि रेफरी ने टॉस के बाद दोनों कप्तानों को हाथ न मिलाने के लिए कहा था और यह भारतीय टीम के दबाव में किया गया एक कदम था।
PCB ने ICC के कोड ऑफ कंडक्ट और ‘क्रिकेट की भावना’ का पालन न करने का हवाला देते हुए पायक्रॉफ्ट को तत्काल हटाने की मांग की।
The ICC is likely to reject PCB’s demand to replace match referee Andy Pycroft, as he had very little role in the handshake fiasco during the India-Pakistan game!#PCB #ICC #T20Is #AsiaCup #Sportskeeda pic.twitter.com/hUHxgEBYYz
— Sportskeeda (@Sportskeeda) September 15, 2025
ICC का ऐतिहासिक फैसला: रेफरी नहीं हटेंगे
ICC ने PCB की इस मांग को खारिज कर दिया।
ICC का यह फैसला एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि वह टूर्नामेंट के दौरान होने वाली ऐसी प्रशासनिक मांगों पर तुरंत प्रतिक्रिया देकर एक गलत मिसाल कायम नहीं करना चाहती।
ICC के नियमों में कहीं भी यह अनिवार्य नहीं है कि मैच के बाद खिलाड़ियों को हाथ मिलाना ही होगा।
हाथ मिलाना एक अच्छी परंपरा और खेल भावना का प्रतीक है, लेकिन यह एक कड़ा नियम नहीं है।
ICC REJECTED PCB’s DEMAND
ICC officially Rejected PCB’s demand to replace Andy Pycroft in the Asia Cup 2025. [Cricbuzz] pic.twitter.com/kPTgYGRKNI
— Johns. (@CricCrazyJohns) September 16, 2025
भारत का रुख: पूरे टूर्नामेंट में जारी रहेगा यही स्टैंड
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय टीम का यह रवैया पूरे एशिया कप टूर्नामेंट के दौरान जारी रहेगा।
खिलाड़ियों, BCCI और सरकार के बीच इस मुद्दे पर पूरी सहमति है।
यहां तक कि अगर भारतीय टीम 28 सितंबर को होने वाले फाइनल में पहुंचती है और जीतती है, तो वह ट्रॉफी PCB चेयरमैन और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी से लेने से इनकार कर सकती है।
इसके अलावा, 21 सितंबर को सुपर-4 राउंड में दोनों टीमों के फिर से आमने-सामने होने की संभावना है और वहां भी भारत का यही रुख रहने की उम्मीद है।
पहलगाम हमला नहीं भूला BCCI
भारतीय टीम के इस फैसले के पीछे का कारण अप्रैल 2025 में कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला है।
इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 भारतीय नागरिकों की धर्म के आधार पर पहचान कर हत्या कर दी थी।
इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था।
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने मैच के बाद स्पष्ट किया, “कुछ बातें खेल भावना से ऊपर होती हैं। यह जीत पहलगाम हमले के पीड़ितों और भारतीय सैन्य बलों के लिए है।”
A special tribute from Suryakumar Yadav — this victory goes to the victims of the Pahalgam attack & our Indian Armed Forces. ✌️ #INDvsPAK #AsiaCup pic.twitter.com/LzFhfUvQWc
— Rijul (@Rijuljk) September 14, 2025
पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
इस विवाद ने पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों को भी बहस में कूदने पर मजबूर कर दिया।
- राशिद लतीफ (पूर्व कप्तान): उन्होंने कहा कि अगर पहलगाम मुद्दा है तो भारत को सीधे युद्ध लड़ना चाहिए, क्रिकेट में इन बातों को नहीं लाना चाहिए।
- शोएब अख्तर (पूर्व तेज गेंदबाज): उन्होंने माना कि भारत ने बहुत अच्छा क्रिकेट खेला, लेकिन साथ ही कहा कि इसे सिर्फ एक खेल ही रहने देना चाहिए और इसमें राजनीति नहीं घुसानी चाहिए।
- शाहिद अफरीदी (पूर्व ऑलराउंडर): उनका कहना था कि क्रिकेट को क्रिकेट ही रहने दें, इसमें सियासत नहीं करनी चाहिए।
खेल और राजनीति की उलझन
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच हमेशा से ही सिर्फ 22 गज की पिच तक सीमित नहीं रहे हैं।
ये मैच दोनों देशों के बीच के जटिल राजनीतिक और सामाजिक संबंधों का एक प्रतिबिंब होते हैं।
ICC का रेफरी को न हटाने का फैसला यह दर्शाता है कि वह नियमों की किताब के अनुसार चलना चाहती है, न कि भावनाओं के दबाव में।
दूसरी ओर, भारत का स्टैंड यह दिखाता है कि खेल अक्सर राष्ट्रीय भावनाओं और सम्मान से अलग नहीं होता।
यह विवाद एक बार फिर उस बड़े सवाल को उठाता है कि क्या खेल और राजनीति को वाकई एक-दूसरे से अलग रखा जा सकता है, खासकर तब जब दोनों देशों के बीच का इतिहास इतना जटिल और संवेदनशील हो।
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