Kranti Gaud: भारत की बेटियों ने क्रिकेट जगत में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ते हुए पहली बार महिला वनडे विश्व कप 2025 का खिताब अपने नाम किया।
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए जबरदस्त फाइनल मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से शिकस्त देकर 47 साल के इंतजार का अंत किया।
इस ऐतिहासिक जीत में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के घुवारा गांव की बेटी और टीम इंडिया की गेंदबाज क्रांति गौड़ का भी योगदान रहा।
उनके गांव में जश्न का ऐसा माहौल था मानो कोई बड़ा त्योहार हो।

गांव वालों ने एलईडी स्क्रीन पर देखा जीत का सफर
फाइनल मैच की शुरुआत से ही क्रांति गौड़ का पैतृक गांव घुवारा और पूरा छतरपुर जिला उत्साह से भरा हुआ था।
क्रांति के घर के आंगन में एक बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी, जहाँ गांव के सैकड़ों लोग, परिवार के सदस्य और क्रांति के चाहने वाले जमा हुए।
हर कोई टीम इंडिया की जीत और क्रांति के शानदार प्रदर्शन का इंतजार कर रहा था।
गांव में क्रांति के पोस्टर लगे थे और चारों तरफ देशभक्ति के नारे गूंज रहे थे।
#WATCH | Chhatarpur, Madhya Pradesh | Celebrations erupt at the residence of cricketer Kranti Gaur, as India defeat South Africa by 52 runs in the ICC Women’s World Cup Finals. pic.twitter.com/umby4GlFxc
— ANI (@ANI) November 2, 2025
मैच के दौरान जब-जब क्रांति गौड़ गेंदबाजी करतीं, पूरा गांव तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता।
उन्होंने अपने तीन ओवर के स्पेल में सिर्फ 16 रन देकर साउथ अफ्रीका की बल्लेबाजी को काफी हद तक नियंत्रित रखा और टीम की जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जैसे ही आखिरी साउथ अफ्रीकी विकेट गिरा और भारत ने मैच जीत लिया, वैसे ही पूरे गांव में जश्न का तूफान शुरू हो गया।

“बेटी ने वादा पूरा किया,” क्रांति के पिता मुन्ना लाल गौड़
जीत की खबर मिलते ही क्रांति गौड़ के पिता मुन्ना लाल गौड़ का चेहरा गर्व और खुशी से चमक उठा। भावुक होते हुए उन्होंने कहा,
“मेरी बेटी घर से जाते वक्त कह गई थी – ‘पापा, मैं विश्व कप जीतकर ही वापस आऊंगी।’ आज उसने अपना वादा पूरा कर दिखाया। क्रांति और उसकी सभी साथियों ने मिलकर यह कमाल कर दिया। यह जीत सिर्फ हमारे लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश की हर बेटी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।”
क्रांति की मां नीलम गौड़ के आंसू खुशी और गर्व से छलक रहे थे।
उन्होंने बताया, “बेटी ने जाते वक्त मुझसे कहा था – ‘मम्मी, मैं वर्ल्ड कप जीतकर आऊंगी।’ आज उसकी यह बात सच हो गई। उसने हर मुश्किल को पार करते हुए यह मुकाम हासिल किया है। मुझे अपनी बेटी पर बहुत गर्व है।”
मंदिर में हवन-पूजा और आतिशबाजी से जगमगाया गांव
टीम इंडिया की जीत की कामना के लिए गांव के संकट मोचन हनुमान मंदिर में सुबह से ही हवन और विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया था।
क्रांति की बड़ी बहन रोशनी गौड़ ने परिवार के साथ मिलकर देवी मंदिर में पूजा कर देश की जीत की कामना की।
जैसे ही आधी रात को भारत की जीत पक्की हुई, गांव के आसमान में रंग-बिरंगी आतिशबाजी छूटने लगी, जो विश्व विजेता के एलान की तरह थी।
लोगों ने ढोल-नगाड़े बजाए, नाचे-झूमे और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी।
गांव का माहौल एक बड़े त्योहार जैसा हो गया।
वहीं, क्रांति के बड़े भाई मयंक गौड़ सीधे मुंबई के स्टेडियम में मैच देखने पहुंचे थे और उन्होंने वहीं से अपनी बहन की इस ऐतिहासिक जीत को करीब से देखा और सेलिब्रेट किया।
Chhatarpur, Madhya Pradesh: Kranti Gaur’s coach, Rajiv Bilthare, says, “Today is a proud moment for Chhatarpur, Kranti Gaur, a girl from Chhatarpur trained by me, is playing for the Indian team in the World Cup final. We all hope India wins and wish the team the very best. Kranti… pic.twitter.com/sKCmAZdRYh
— IANS (@ians_india) November 2, 2025
47 साल के इंतजार के बाद मिली ऐतिहासिक जीत
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने यह ऐतिहासिक जीत 1973 में शुरू हुई महिला विश्व कप प्रतियोगिता के इतिहास में पहली बार हासिल की है।
फाइनल मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रनों का एक मजबूत स्कोर खड़ा किया।
जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 245 रनों पर सिमट गई।
भारतीय गेंदबाजों ने लगातार दबाव बनाए रखा और जीत सुनिश्चित की।

क्रांति को 1 करोड़ देगी MP सरकार
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस ऐतिहासिक जीत पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह जीत हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है।
कल क्रिकेट में बेटियों ने धमाल मचा दिया।
विश्व विजेता @BCCIWomen में मध्यप्रदेश की बेटी एवं प्रतिभावान खिलाड़ी सुश्री क्रांति गौड़ को मध्यप्रदेश सरकार की ओर से ₹1 करोड़ देने की घोषणा करते हैं।#CWC25#TeamIndia#WomenInBlue#WomensWorldCup2025 pic.twitter.com/Tmu8iTuHdY
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 3, 2025
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी टीम इंडिया की इस शानदार उपलब्धि पर खुशी जताई और बधाई दी।
बेटियों ने लहराया भारत का परचम…
आईसीसी महिला विश्व कप-2025 भारत के नाम कर मां भारती को गौरवान्वित करने वाली @BCCIWomen की खिलाड़ियों को बधाई एवं हार्दिक अभिनंदन।
यह विजय ‘नए भारत’ की नारी शक्ति की नई उड़ान है।
जय हो #CWC25 #INDWvsSAW #TeamIndia #INDvSA #Final… pic.twitter.com/3IFBcPQHeX
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 2, 2025
क्रांति गौड़ का क्रिकेट सफर
क्रांति गौड़ का जन्म 11 अगस्त 2003 को मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हुआ था।
बचपन से ही उनकी खेल कूद में गहरी रुचि थी। उन्होंने क्रिकेट की शुरुआत टेनिस बॉल क्रिकेट से की।
मगर किस्मत ने उनका साथ दिया और उन्हें एमपी की जूनियर टीम में खेलने का मौका मिला।

इस शुरुआत ने उनके क्रिकेट करियर को नया दिशा दी, और जल्द ही वे मध्यप्रदेश की अंडर-23 टीम में जगह बनाने में सफल हो गईं।
उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए, यूपी वॉरियर्स ने महिला प्रीमियर लीग में उन्हें अपनी टीम में शामिल किया।
क्रांति का पहला बड़ा टूर्नामेंट
क्रांति गौड़ को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए पहचान मिली।
उन्होंने 9.5 ओवर की गेंदबाजी में 6 विकेट लेकर भारतीय टीम को सीरीज में 2-1 से जीत दिलाई।
उनके इस प्रदर्शन ने उनकी कड़ी मेहनत को साबित कर दिया, और उनकी कप्तान हरमनप्रीत कौर ने उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ का खिताब भी दिया।
क्रांति गौड़ का प्रदर्शन उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
17.55 की औसत से नौ विकेट लेकर, उन्होंने भारतीय टीम को कई मैचों में सफलता दिलाई है।

अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत
क्रांति गौड़ ने 11 मई 2025 को श्रीलंका के खिलाफ अपनी वनडे इंटरनेशनल (ODI) शुरुआत की और 12 जुलाई 2025 को इंग्लैंड के खिलाफ T20 इंटरनेशनल डेब्यू किया।
उनका अब तक का करियर शानदार रहा है, और उन्हें अपनी कड़ी मेहनत का फल मिलते हुए देखा गया है।
गरीबी की दीवारों को तोड़कर पहुंची मुकाम तक
क्रांति गौड़ की कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की सफलता की कहानी नहीं, बल्कि हौसले और जज्बे की एक मिसाल है।
छतरपुर के एक छोटे से गांव घुवारा में जन्मी क्रांति ने गरीबी और तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए अपने खेल के जुनून को कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया।

आज वह न सिर्फ भारतीय टीम का हिस्सा हैं, बल्कि देश की लाखों लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल बन गई हैं।
उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी विपरीत क्यों न हों।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह जीत निश्चित रूप से देश में महिला खेलों के एक नए युग की शुरुआत है।
क्रांति गौड़ और उनकी टीम ने जो इतिहास रचा है, वह आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।


