क्रिकेट इतिहास में ऐसे कुछ ही दिन होते हैं जब बल्ले और गेंद दोनों से रिकॉर्ड स्थापित किए जाते हैं। हाल ही में ऐसा ही एक अद्वितीय दिन देखने को मिला, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को रोमांचित कर दिया और खेल के इतिहास में अपनी अलग पहचान बनाई।
एस्टोनिया के लिए खेलते हुए साहिल चौहान ने T20 अंतरराष्ट्रीय में 27 गेंदों पर सबसे तेज शतक बनाकर न केवल अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कराया बल्कि कई पुराने रिकॉर्ड्स भी ध्वस्त कर दिए।
साहिल की इस धमाकेदार पारी ने क्रिकेट जगत में सनसनी फैला दी। 27 गेंदों में शतक बनाना असंभव सा प्रतीत होता है, लेकिन साहिल ने यह करिश्मा कर दिखाया।
उनकी पारी में चौकों और छक्कों की बरसात हुई और विरोधी टीम के गेंदबाज पूरी तरह बेबस नजर आए।
साहिल ने अपनी पारी में न केवल तेजी से रन बनाए बल्कि अपने स्ट्राइक रेट को भी 350 से अधिक बनाए रखा, जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
साहिल चौहान की इस ऐतिहासिक पारी के बाद क्रिकेट प्रेमी अभी संभल भी नहीं पाए थे कि आईसीसी टी20 विश्व कप में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज लॉकी फर्ग्यूसन ने गेंदबाजी का अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए चार ओवर में चार मेडन फेंककर और तीन विकेट हासिल करके एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया।
फर्ग्यूसन की गेंदबाजी इतनी सटीक और घातक थी कि विरोधी टीम के बल्लेबाज रन बनाने में पूरी तरह नाकामयाब रहे। उन्होंने न केवल रन गति पर नियंत्रण रखा बल्कि महत्वपूर्ण विकेट भी चटकाए।
चार ओवर में चार मेडन और तीन विकेट लेने का रिकॉर्ड किसी भी गेंदबाज के लिए एक सपना सा होता है, लेकिन फर्ग्यूसन ने इसे हकीकत में बदल दिया।
इस दिन ने क्रिकेट के इतिहास में एक नई ऊंचाई को छुआ और यह साबित किया कि क्रिकेट में किसी भी समय कुछ भी असंभव नहीं है।
साहिल चौहान और लॉकी फर्ग्यूसन ने अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए क्रिकेट प्रेमियों को एक अविस्मरणीय अनुभव दिया।
इन दोनों खिलाड़ियों के रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शनों ने यह संदेश दिया कि कड़ी मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
क्रिकेट के इतिहास में यह दिन सदैव याद किया जाएगा, जब एक ही दिन में बल्ले और गेंद दोनों से अनोखे और अविश्वसनीय रिकॉर्ड बने।
साहिल चौहान और लॉकी फर्ग्यूसन ने इस दिन को क्रिकेट के स्वर्णिम पृष्ठों में दर्ज करा दिया है।