Indore BRTS Dismantling: हाईकोर्ट के आदेश के बाद 28 फरवरी रात 11 बजे से बीआरटीएस की विदाई शुरू हो गई।
पहले चरण में शिवाजी वाटिका से लेकर जीपीओ चौराहा तक दोनों ओर की रैलिंग हटाई गई। यहां के कॉलम-बीम बाद में तोड़े जाएंगे क्योंकि वे काफी मजबूत हैं।
1 मार्च सुबह 6 बजे तक चले काम के दौरान कोई परेशानी नहीं आई। काम चौबीसों घंटे चलाए जाने की कोशिश है। हटाई रैलिंग वापस लगेगी या नहीं, ये अभी तय नहीं हुआ है।
300 करोड़ की लागत से बना था बीआरटीएस
बीआरटीएस का निर्माण वर्ष 2013 में 300 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था लेकिन इससे ट्रैफिक में हो रही परेशानी के कारण इसे तोडऩे का निर्णय लिया गया था।
करीब 3 माह पूर्व इंदौर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा कर दी थी कि बीआरटीएस को तोड़ा जाएगा।

हाईकोर्ट में जो केस चल रहा है उसमें सरकार अपना पक्ष रखेगी। इंदौर हाईकोर्ट में भी दो याचिकाएं लगी थी जिन्हें जबलपुर हाईकोर्ट में शिफ्ट कर दिया गया था। दो दिन पूर्व हाईकोर्ट ने बीआरटीएस तोडऩे का आदेश दे दिया।
इसके बाद कल दोपहर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि आज रात्रि से बीआरटीएस तोडऩे की कार्रवाई होगी।
रात भर चला काम
28 फरवरी रात 11 बजे नगर निगम के 50 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी शिवाजी वाटिका बीआरटीएस पर पहुंचे। यहां से जेसीबी, गैस कटर और हथौड़ों का इस्तेमाल कर रैलिंग हटाने का काम शुरू किया गया।
ये काम रातभर चलकर सुबह 6 बजे खत्म किया गया जिस दौरान जोनल अधिकारी गीतेश तिवारी और निगम के अन्य अफसर मौजूद रहे।
तिवारी ने बताया कि रैलिंग हटा दी गई है और जहां जेसीबी चल सकती थी, वहां का डिवाइडर भी हटा दिया गया।
कॉलम-बीम बाद में टूटेंगे क्योंकि वे काफी मजबूत हैं। इस दौरान जो मलबा निकला, वो भी हाथोंहाथ भरकर भिजवा दिया गया। ये हिस्सा कहीं-कहीं संकरा होने से रैलिंग तोडऩे में परेशानी का सामना भी करना पड़ा।

ये काम संभवत: 1 मार्च की शाम तक खत्म हो जाएगा जिसके बाद इसके आगे नवलखा चौराहा तक की दोनों ओर की रैलिंग हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
1 मार्च की सुबह यहां बेरिकेडिंग कर दी गई ताकि ट्रैफिक में समस्या न आए। डिवाइडर-रैलिंग हटाने का काम फिलहाल नगर निगम ही कर रहा है।
ये हिस्सा छोड़कर बसें चालू रहेंगी
शिवाजी वाटिका से जीपीओ चौराहा तक का हिस्सा छोडक़र बीआरटीएस से चलने वाली सभी 49 आईबसें चालू रहेंगी।
इस हिस्से में बस बीआरटीएस में न चलकर साइड में चलेंगी। इन बसों में रोजाना 50 हजार यात्री सफर करते हैं जिनमें छात्र-कामकाजी ज्यादा होते हैं।
पहले रैलिंग, फिर डिवाइडर
पूरे बीआरटीएस में पहले रैलिंग हटाई जाएगी और इसके बाद डिवाइडर को जेसीबी कटर के जरिए तोड़ा जाएगा।
डिवाइडर के बीच से निकलने वाले लोहे के सरिये को गैस कटर से काटा जा रहा है।

तीन स्टेशन रास्ते में लेकिन फिलहाल नहीं हटेंगे
अभी तो शिवाजी वाटिका से जीपीओ चौराहा तक बीआरटीएस के दोनों ओर की रैलिंग तोड़ी गई है। इसके बाद इससे आगे नवलखा चौराहा तक रैलिंग-डिवाइडर हटाए जाएंगे।
इनके बीच तीन बस स्टेशन भी हैं लेकिन फिलहाल इन्हें नहीं हटाया जाएगा ताकि यात्रियों को चढऩे व उतरने में परेशानी का सामना न करना पड़े।
नगर निगम ने इसीलिए बेरिकेडिंग भी की है। बस स्टेशन हटाने का काम निजी एजेंसी करेगी जो कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम भी हटाएगी।
4 महीने में हो जाएगा पूरा बीआरटीएस साफ
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा है कि चार महीनों में बीआरटीएस लगभग पूरी तरह हटा दिया जाएगा। स्टेशनों पर लगे सॉफ्टवेयर और हार्डवेअर भी हटाए जाएंगे। स्क्रीन भी हटाई जाएगी।
पूरा तोड़कर ठीक से रोड बनाने में कम से कम चार माह का समय लग जाएगा। इसके लिए नगर निगम मद से खर्च किया जाएगा। लेकिन मलबे से नगर निगम को आय भी होगी।
उन्होंने बताया कि बीआरटीएस हटने के बाद सडक़ के दोनों ओर लेफ्ट की ओर से बसें चलाई जाएंगी। स्टेशन भी बनाए जाएंगे। ताकि यात्री वहां से टिकट ले सकें। सडक़ के दोनों ओर बस स्टैंड भी बनाएंगे।

हटाई रैलिंग वापस लगेगी या नहीं, तय नहीं
अधिकारियों ने बताया कि पूरे बीआरटीएस से हटाई जा रही रैलिंग सडक़ बनने के बाद डिवाइडर पर लगाई जाएगी या नहीं, अभी तय नहीं है। ये फैसला बाद में ही होगा।