Bhole Baba Breaks Silence: सूरज पाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार जो हाथरस हादसे के चौथे दिन मीडिया के सामने आया है।
मीडिया के कैमरे के सामने 123 लोगों की मौत का जिम्मेदार यह बाबा अब आंसू बहा रहा है।
सूरजपाल उर्फ ’भोले बाबा’ कह रहा है कि हम 2 जुलाई की घटना के बाद बहुत ही व्यथित हैं। प्रभु हमें इस दुख की घड़ी से उभरने की शक्ति दे।
सभी शासन और प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें। हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवकारी हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा।
मैंने अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।
सवाल यही है कि बाबा उजले कपड़े पहन लेने से 123 मौतों का दाग छिप नहीं जाएगा। आप ही के तो अनुयायी थे जो मारे गए। मुसीबत में आप ही का तो इन्हें सहारा था।
जब इनके सिर पर मौत नाच रही थी तब कहां थे आप। अब आपको तकलीफ हो रही है, दुख हो रहा है, मातम मना रहे हैं आप।
क्यों उस वक्त घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। अस्पताल में कराहती जिंदगियों को भी देख लेते जरा।
अब आप कहते हैं कि पीड़ितों का ताउम्र साथ दूंगा यानी इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी ये आप के दरबार में ही हाजिरी लगाएं।
बहरहाल भोले बाबा (Bhole Baba Breaks Silence) जितने भोले बन रहे हैं उनका अपराध उतना ही संगीन है। हालांकि बाबा घटना को साजिश बता रहे हैं।
इधर हादसे के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर ने आत्मसमर्पण कर दिया है जिसे यूपी पुलिस के विशेष जांच दल को सौंप दिया गया है।
इस पूरे ही मामले में मधुकर ही पहला नामजद आरोपी है जिस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
सत्संग के लिए मधुकर ने ही मंजूरी ली थी और सत्संग का मुख्य आयोजक मधुकर ही था। कुल जमा मामले की तफ्तीश जारी है।
बाबा मीडिया के सामने आया है पुलिस के सामने नहीं। देखना होगा इस पूरे मामले में पुलिस की जांच कितनी निष्पक्ष होती है और दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं?