Social Media is Dangerous : आज के युग में लगभग हर घर में स्मार्ट फोन हैं। जहां इन मोबाइल फोन्स ने हमारे कई कामों को आसान कर दिया। वहीं मोबाइल पर गेम खेलना, रील्स या शॉर्ट वीडियो देखना बच्चों का फेवरेट टाइम पास बना गया है।
आजकल के और कुच सीखें ना सीखें लेकिन हाथ में मोबाइल पकड़ना सबसे पहले सीख लेतें हैं। लेकिन यही आदत आपके बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
पैरेंट्स पढ़ाई के नाम पर बच्चों को फोन तो दे देते हैं। लेकिन फिर बच्चें फोन पर क्या देखते हैं। ये जानने की कोशिश तक नहीं की जाती है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 10 से 17 साल के 42.9 फीसदी बच्चों का सोशल मीडिया अकाउंट है।
आजकल बच्चें हो या टीनएजर या फिर किसी भी उम्र के लोग। सोशल मीडिया का क्रेज और लाइक्स की होड़ ने सबको पागल बना दिया है।
11 साल के बच्चे को सुसाइड पर रील बनना भारी पड़ गया।
सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर और ट्रैवलर की दर्दभरी कहानी लोगों के लिए सबक है।
तेज रफ्तार से बाइक चलाते हुए रील बनना एक युवक के लिए जानलेवा साबित हुआ।
सोशल मीडिया पर एक सड़क हादसे का वीडियो वायरल हुआ। जिसमें एक शख्स की जान चली गई ।
रील्स की दीवानगी सके लिए कुछ लोग अजीबोगरीब हरकते तक करते हैं।
जहां सोशल मीडिया का यूज है तो मिस यूज भी है। ऐसे में पैरेंट्स की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है।
सेलिब्रिटी से लेकर आम लोग तक सोशल मीडिया पर वीडियो बनाते हैं। खासकर बच्चों और युवाओं में इसका ज्यादा क्रेज देखने को मिल रहा है।
इसके अलावा पॉपकॉर्न ब्रेन भी खतरा बढ़ा सकता है। इसके ज्यादातर शिकार बच्चे होते हैं।
अब इस एडिक्शन से कैसे छुटकारा आप पा सकते हैं या अपने बच्चों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
ये जाननें के लिए देखिए चौथा खंभा का खास कार्यक्रम POSTMORTEM