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अडानी-अंबानी से किसने लिया काला धन, पीएम मोदी-राहुल गांधी कर रहे वार दनादन

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भोपाल। सियासी बयार में बयानों की बौछार सुनने वालों को तरबतर और विरोधियों को तिलमिला देने का काम करती है और मौका जब आम चुनाव का हो तो फिजा में तीखे तंज विरोधियों को बेदम करने और चर्चाओं में चटखारा पैदा करने में तड़के का काम करते हैं।

जब किसी का नाम लेकर किसी पर तोहमत लगाई जाए तो प्रतिद्वंदी का बौखलाना लाजमी है। बात बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रही सियासी अदावत की ही है और दोनों दलों के बीच तीखी नोक-झोंक की वजह अडानी और अंबानी हमेशा से रहे हैं।

लेकिन, बात हैरत की ये है कि जिन अडानी और अंबानी का नाम लेकर कांग्रेस पीएम मोदी के साथ पूरी बीजेपी को आड़े हाथों लिए रहती है, उन्हीं अडानी और अंबानी का नाम पहली दफा पीएम मोदी ने लिया है और राहुल गांधी से सवाल किया है कि वो इस दफा क्यों अडानी और अंबानी का जिक्र नहीं कर रहे हैं।

पीएम मोदी हमला बोलते हुए कहते हैं कि राहुल गांधी घोषित करें कि उन्होंने अडानी और अंबानी से कितना माल लिया है। इस वार के बाद अब तिलमिलाने की बारी राहुल गांधी की थी।

लिहाजा उन्होंने भी पीएम मोदी के सवाल का करारा जवाब देते हुए सवाल किया है जिसका लफ्ज दर लफ्ज मजमून ये है

“नमस्कार मोदी जी, थोड़ा सा घबरा गए क्या। आमतौर पर आप बंद कमरों में अडानी और अंबानी जी की बात करते हो। आपने पहली बार पब्लिक में अंबानी, अडानी बोला। आपको ये भी मालूम है कि ये टेम्पो में पैसा देते हैं। निजी अनुभव है क्या?”

पीएम मोदी ने तेलंगाना के करीमनगर की सभा में अडानी और अंबानी को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा था। सियासत के शतरंज में एक-दूसरे को मात देने का खेल भले ही नया ना हो, लेकिन मोदी का अडानी-अंबानी का पहली दफा नाम लेना हैरत में डालता है।

सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर क्यों नरेन्द्र मोदी को अडानी-अंबानी का नाम लेना पड़ा। जिन मोदी की चुप्पी मुकेश अंबानी और गौतम अडानी को प्राश्रय देती प्रतीत होती थी वो मुखर हुए तो अडानी और अंबानी को ही लपेटे में ले लिया।

जाहिर सी बात है जो कांग्रेस शुरू से ही बीजेपी पर धनाढ्यों की पार्टी होने का आरोप लगाती आ रही है, मोदी के कथन के बाद उसके आरोपों को एक तरह का बल ही मिला है।

इस समूचे घटनाक्रम को देखें तो पीएम मोदी ने अडानी-अंबानी के नाम का फिकरा उछालकर कांटे से कांटा निकालने का जतन तो किया, लेकिन कहीं ना कहीं इस चारागरी के फेर में खुद को भी तो कांटा नहीं चुभा गए।

या अचानक ही बीजेपी की जीत के लिए आश्वस्त मोदी को कोई ऐसी शय भयाक्रांत कर गई जिसकी वजह से कांग्रेस पर वार करने साहेबानों का जिक्रे आम करना पड़ा।

सवाल कई हैं जिनका जवाब आने वाला वक्त ही बताएगा।

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