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पुलिस के मनमाने रवैये से परेशान BJP विधायक ने दिया इस्तीफा, जानें पूरा मामला

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BJP MLA Resigned: मध्य प्रदेश में पुलिस अधिकारियों द्वारा सुनवाई नहीं करने से परेशान भाजपा विधायकों का गुस्सा अब फूटने लगा है।

मऊगंज से बीजेपी विधायक के पुलिस अधिकारी के सामने दंडवत होने का मामला अभी थमा भी नहीं था कि सागर जिले से एक और मामला सामने आ गया।

पुलिस के मनमानी पूर्ण रवैये से नाराज भाजपा विधायक बृजबिहारी पटैरिया ने रात में इस्तीफा दे दिया था।

हालांकि सुबह होने तक विधायक के तेवर और उनका फैसला दोनों ही बदल गया।

पीड़ित को न्याय दिलाने धरने पर बैठे विधायक

सागर जिले के केसली क्षेत्र में सांप के डसने से एक ग्रामीण की मौत हो गई थी।

मौत का कारण प्रमाणित करने के लिए डॉक्टर पैसों की डिमांड कर रहा था।

डॉक्टर के द्वारा घूस मांगने के सबूत पीड़ित परिवार के पास थे।

फिर भी डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया।

जब मामले की जानकारी देवरी से भाजपा विधायक बृजबिहारी पटैरिया को मिली तो उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराजगी जताई।

विधायक पीड़ित को न्याय दिलाने के केसली थाने में धरने पर बैठ गए और डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग की।

विधायक ने थाना परिसर में सोने का इंतजाम कर लिया और घर से बिस्तर बुलवा लिया।

 

पुलिस ने FIR नहीं लिखी तो विधायक ने दे दिया इस्तीफा

पीड़ित की सुनवाई नहीं हुई तो विधायक बृजबिहारी पटैरिया खुद थाने पहुंच गए शिकायत दर्ज करवाने।

जब उनके कहने के बाद भी पुलिस अधिकारियों ने FIR नहीं लिखी तो उनका पारा चढ़ गया।

गुस्सा में उन्होंने लेटर हेड मंगवाया और रात में अपना इस्तीफा लिखकर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को भेज दिया।

हालांकि 4 घंटे पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, तब जाकर विधायक ने धरना समाप्त किया।

फिलहाल विधायक का इस्तीफा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा है।

इसे लेकर कांग्रेस ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया।

मध्यप्रदेश में भाजपा के जनप्रतिनिधियों की ही सुनवाई नहीं हो रही है, तो आम जनता फिर क्या ही उम्मीद कर सकती है।

 

सुबह बदला विधायक का फैसला, इस्तीफा लिया वापस

इस पूरे घटनाक्रम के अगले दिन विधायक के तेवर ही बदल गए।

उन्होंने अपना फैसला और इस्तीफा दोनों ही वापस ले लिया।

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष ऊषा अग्रवाल ने अपनी एक पोस्ट में इसकी पुष्टि की।

उन्होंने बृजबिहारी पटैरिया की तरफ से लिखा कि मेरा फैसला दुर्भाग्य पूर्ण था।

मैंने आक्रोश में ऐसा कदम उठाया लेकिन अब इस्तीफ़े का कोई विषय नहीं है।

संगठन और सरकार मेरे साथ है, मैं मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करूंगा।

बता दें इससे पहले मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल अपनी सुनवाई न होने के कारण एसएसपी के सामने दंडवत हो गए थे।

वहीं कुछ दिनों पहले सागर के नरयावली से भाजपा विधायक का अपने इलाके में अवैध शराब, जुआ-सट्टा से परेशान होकर पुलिस को ज्ञापन देने का मामला सामने आया था।

प्रदीप लारिया कई महीनों से ज्ञापन दे रहे थे लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

इस तरह के मामलों के बाद सवाल उठ रहा है कि जब पुलिस की गुंडागर्दी और तानाशाही से सत्तापक्ष के जन प्रतिनिधि ही परेशान है तो आम जनता का क्या होगा।

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