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हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में बनाए जाएंगे साधु-संतों के लिए स्थायी आश्रम

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Manish Kumar
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Permanent Ashrams Built In Ujjain: उज्जैन। मध्य प्रदेस के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया है कि उज्जैन में हरिद्वार के तर्ज पर साधु-संतों, महंत, अखाड़ा प्रमुखों, महामंडलेश्वर इत्यादि को स्थायी आश्रम बनाने की अनुमति दी जाएगी।

सीएम यादव ने कहा कि उज्जैन की पहचान साधु-संतों से है। 12 वर्षों में एक बार आयोजित होने वाला सिहंस्थ का आयोजन 2028 में किया जाएगा।

साधु-संतों को उज्जैन में आने, ठहरने, कथा, भागवत इत्यादि अन्य आयोजन के लिए पर्याप्त रूप से भूमि भूखंड की आवश्यकता पड़ती है।

इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा साधु-संतों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए स्थायी आश्रम बनाए जाने की योजना बनाई गई है।

निजी होटल्स में साधु-संतों और श्रद्धालुओं के लिए इस प्रकार के आयोजन करने में काफी चुनौतियां आती हैं और उन्हें ये काफी महंगा भी पड़ता है।

सीएम मोहन यादव ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस – 

MP CM mohan Yadav Press Conference

मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को उज्जैन के मेला कार्यालय, उज्जैन स्थित ऑडिटोरियम में सिंहस्थ के संबंध में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हरिद्वार में जिस प्रकार साधु-संतों के अच्छे आश्रम बने हुए हैं।

उसी प्रकार विकास के क्रम को जारी रखते हुए उज्जैन में भी साधु-संतों के स्थायी आश्रम बनाने के प्रयास किए जाएंगे।

उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से इस बड़ी योजना को आकार दिया जाएगा।

Permanent Ashrams Built In Ujjain: बनाया जाएगा स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर – 

सभी साधु-संतों, महंत, अखाड़ा प्रमुखों, महामंडलेश्वर सभी को आमंत्रित कर उनके स्थायी आश्रम बनाने की दिशा में काम करेंगे।

सिंहस्थ के दृष्टिगत सड़क, बिजली, पेयजल, जल निकासी इत्यादि मूलभूत सुविधाओं के लिए भी स्थायी अधोसंरचना का निर्माण किया जाएगा ताकि अस्थायी निर्माण से होने वाली समस्याएं निर्मित ना हों।

हरिद्वार की तरह उज्जैन को धार्मिक शहर के रूप में विकसित करने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की गई है।

समान विकास से खुलेंगे सभी के खुशहाली के द्वार – 

Ujjain Simhastha Mahakumbh 2028

सभी प्रकार के फोरलेन, सिक्सलेन ब्रिज आदि स्थायी अधोसंरचना विकास के कार्य किए जाएंगे।

सभी मूलभूत सुविधाओं के विकास के साथ साधु-संतों के लिए आश्रम निर्माण के कार्य समानांतर रूप से किए जाएंगे।

समाज के इच्छुक सनातन धर्मावलंबियों के माध्यम से अन्न क्षेत्र, धर्मशाला, आश्रम, चिकित्सा केंद्र, आयुर्वेद केंद्र आदि सार्वजनिक गतिविधियों के संचालन कार्य को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन सहित प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रदेश सरकार निरंतर आगे बढ़ रही है।

समान रूप से विकास से सभी की खुशहाली के द्वार खुलेंगे।

सभी देव स्थानों के आसपास हमारे धर्माचार्य आएं-जाएं, यह हमारी प्राथमिकता है।

Permanent Ashrams Built In Ujjain: 5 बीघा में केवल 1 बीघा में बनेगा भवन – 

सीएम यादव ने कहा कि साधु-संतों को आश्रम निर्माण के लिए अनुमति इस प्रकार दी जाएगी कि 5 बीघा के एक बीघा भूखंड पर ही भवन का निर्माण किया जा सकेगा।

शेष 4 बीघा भूखंड खुला रहेगा, जिसमें पार्किंग आदि व्यवस्थाओं के लिए पर्याप्त खुला स्थान रहे।

यह अनुमति केवल साधु-संतों, महंत, अखाड़ा प्रमुखों, महामंडलेश्वर को ही दी जाएगी।

व्यक्तिगत और कॉमर्शियल उपयोग के लिए इस प्रकार की अनुमति नहीं रहेगी।

सीएम मोहन यादव ने कहा कि महाकाल महालोक बनने के बाद से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन आते हैं।

निरंतर यहां धार्मिक आयोजनों का क्रम जारी रहता है।

ऐसे में यह योजना धर्मावलंबियों के लिए बड़ी लाभकारी सिद्ध होगी।

इसी को ध्यान में रखते हुए पूरी योजना तैयार की गई है।

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन कार्य की भी टेंडर प्रक्रिया हो गई है।

वहीं उज्जैन-जावरा ग्रीन फील्ड फोरलेन मार्ग का शीघ्र भूमिपूजन किया जाएगा।

इसी प्रकार वृहद योजना के तहत इंदौर, उज्जैन, धार, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर आदि को विकसित किया जाएगा।

उज्जैन के धार्मिक मूल स्वरूप को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य किए जाएंगे।

Permanent Ashrams Built In Ujjain: मेट्रो ट्रेन चलाने की दी गई स्वीकृति – 

Indore Ujjain Vande Metro Train

सीएम यादव ने कहा कि इंदौर-उज्जैन मेट्रो ट्रेन के संचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी गई है।

इसी के साथ उज्जैन, देवास, फतेहाबाद, इंदौर को जोड़ते हुए सर्किल वंदे मेट्रो ट्रेन का भी संचालन किया जाएगा।

इसकी गति मेट्रो ट्रेन की तुलना में अधिक होगी।

रेल रूट के साथ उज्जैन के सभी मार्गों का भी सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।

उज्जैन से निकलने वाले सभी मार्ग फोरलेन किए जाएंगे।

वर्तमान एयर स्ट्रिप का भी उन्नयन कर टेक्निकल रूप से एयरपोर्ट बनाया जायेगा ताकि 12 महीने हवाई यातायात सुविधा भी उज्जैन को मिल सके।

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