Nitin Gadkari Statements: बीजेपी में जब से नरेंद्र मोदी युग आया तब से उसके नेताओं ने संभल कर बोलने में भी ही अपनी भलाई समझी।
लेकिन, बीजेपी में एक ऐसे दिग्गज नेता हैं जो मोदी कैबिनेट में मंत्री भी हैं।
वो अपनी बात बेखौफ होकर कहते हैं और हर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखते हैं।
वो नेता हैं नितिन गडकरी।
उन्होंने एक बार राजनीति के ‘गुड एंड बैड’ पर कहा था कि
‘जो व्यक्ति अच्छा काम करता है उसकी तारीफ नहीं होती। सम्मान नहीं मिलता। जो बुरा करता है, उसे सजा नहीं मिलती।’
उनके इस बयान की खूब चर्चा हुई थी। ये बयान किसकी तरफ इशारा था बताने की जरूरत नहीं है।
उनका बेबाक और बेखौफ ऐसा ही एक बयान इनदिनों चर्चा में है।
कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होने वाली है।
ऐसे में नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में दागी नेताओं को लेकर ये बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी का तेजी से विस्तार हो रहा है। जैसे-जैसे फसल बढ़ती है, उसके साथ बीमारियां भी बढ़ती हैं।
बीजेपी के पास बहुत सारी फसलें हैं, जो अच्छी पैदावार देती हैं, लेकिन कुछ बीमारियां भी लाती हैं, इसलिए हमें ऐसी बीमार फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करना होगा।
Nitin Gadkari Statements: नितिन गडकरी के वो 5 बयान जो चर्चा में रहे –
नितिन गडकरी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि केंद्र में बीजेपी चौथी बार सरकार बनाए इसकी कोई गारंटी नहीं है।
लेकिन, हमारे सहयोगी आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले अगली सरकार में मंत्री जरूर बनेंगे।
हालांकि गडकरी ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं केवल मजाक कर रहा था।
उनके इस बयान ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थी।
नितिन गडकरी ने ऐसा ही कुछ बेबाक बयान एक पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में दिया था।
उन्होंने कहा था कि राजा को ऐसा होना चाहिए कि कोई उसके खिलाफ बात करे, तो उसे बर्दाश्त करे।
आलोचनाओं का आत्मचिंतन करे। यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा होती है।
उनका इशारा किस तरफ था आप बखूबी जानते हैं।
इसके पहले पुणे में इंजीनियर्स डे पर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि हमारे देश में किसी भी काम को पूरा करने के लिए पारदर्शिता की जरूरत होनी चाहिए।
कई बार तो हालात ऐसे होते हैं कि सड़कों के गड्ढे भरने के लिए भी बॉस का आदेश चाहिए होता है।
हमारे यहां न्यूटन के पिता हैं। फाइल पर वजन डालते ही आगे बढ़ जाती है।
साफगोई से अपनी बात कहने वाले नितिन गडकरी ने एक बार ऐसा कुछ कह दिया जिससे उनका सियासी भविष्य ही चर्चा का विषय बन गया।
उन्होंने एक बार कहा कि प्रधानमंत्री बनने को लेकर एक विपक्षी नेता ने उन्हें ऑफर दिया था।
विपक्षी नेता ने कहा था कि अगर आप प्रधानमंत्री बनते हैं, तो हम समर्थन करेंगे।
मैंने उनसे पूछा कि आप मेरा समर्थन क्यों करेंगे और मुझे आपका समर्थन क्यों लेना चाहिए?
पीएम बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं। मैंने उनका ऑफर ठुकरा दिया।
उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में ये अटकलें तेज हो गई थीं कि क्या गडकरी राजनीति छोड़ने की सोच रहे हैं?
मोदी-शाह की जोड़ी के सामने बयान देने वाले नितिन गडकरी इकलौते मंत्री हैं।
उनके बयान मीडिया में हेडलाइन्स बनते हैं।
एक बार उन्होंने जातिगत राजनीति पर तीखा बयान दिया था।
उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि महाराष्ट्र में इस समय जातिवाद की पॉलिटिक्स हो रही है।
मैं जात-पात को नहीं मानता। जो करेगा जात की बात, उसको कसकर मारूंगा लात।
Nitin Gadkari Statements: संघ की पृष्ठभूमि वाले नितिन गडकरी के बारे में कहा जाता कि वे अपने मंत्रालय के फैसले खुद लेते हैं।
पीएमओ से उनके लिए आदेश नहीं आते। वे अपने काम और मेहनती अंदाज के लिए जाने जाते हैं।
उनके इसी अंदाज के कारण वे पार्टी के भीतर ही कुछ नेताओं को नहीं भाते।
लेकिन कहा जाता है कि उनके काम के स्टाइल से वे पार्टी भीतर जितने लोकप्रिय हैं उतने ही विरोधी खेमे में भी लोकप्रिय हैं।
सोनिया गांधी भी उनके काम की तारीफ कर चुकी हैं।
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