Reasons Of Mahayutis Victory: महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं।
इन नतीजों में महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है तो दूसरी तरफ MVA (महाविकास अघाड़ी) महज 55 सीटों पर ही सिमट गया है।
अब ये तो तय है कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना (शिंदे)-एनसीपी(अजित पवार) के गठबंधन वाली महायुति की सरकार बन रही है।
लेकिन अब सबके मन में ये सवाल उठ रहा है कि महायुति ने कैसे इतने बड़े राज्य में चुनाव का रुख अपनी तरफ किया और ये जीत हासिल की।
तो आइए डालते हैं उन 5 अहम कारणों पर नजर, जिनकी वजह से महायुति ने महाराष्ट्र की जनता को अपनी तरफ कर लिया…
1. शिंदे को बनाया CM तो मिला मराठाओं का साथ
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भाजपा का एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाना मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ।
दरअसल, शिंदे मराठा क्षत्रप हैं। उनको सीएम बना भाजपा की मराठा प्राइड को भुनाने की रणनीति कारगर साबित हुई।
इसके साथ ही भाजपा समय-समय पर जनता को यह मैसेज भी देती आई है कि शिंदे दोबारा सीएम बन सकते हैं।
जरांगेर पाटील के मराठा आंदोलन के बाद महाविकास अघाड़ी गठबंधन खुश थी, लेकिन भाजपा ने शिंदे पर दांव लगा, एमवीए को शिकस्त दे दी।
मराठी जनता ने शिंदे को मराठा सम्मान का प्रतीक माना और उनका साथ दिया।
2. स्थानीय नेताओं को किया आगे
भाजपा ने शुरुआत से ही स्थानीय राजनीति की रणनीति को महत्व दिया।
हरियाणा विधानसभा चुनाव की तरह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी बड़े नेताओं से प्रचार करवाने की जगह पार्टी ने स्थानीय नेताओं को आगे किया।
यहां सबसे ज्यादा रैलियां और सभाएं डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस से करवाईं गईं।
3. हिंदुत्व का मुद्दा
महायुति ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे और एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारे देकर हिंदू वोट अपनी तरफ किए।
लोगों को लगा था कि हिंदुत्व का मुद्दा अब जनता पर असर नहीं दिखा रहा लेकिन महाराष्ट्र में उल्टा हुआ और लोगों नें इन नारों का समर्थन किया।
4. संघ ने किया BJP को सपोर्ट
सभी को लग रहा था कि अब भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे।
ऐसे में भाजपा ने आरएसएस के साथ अपनी दूरियों को खत्म किया तो संघ ने भी चुनाव में भाजपा का पूरा साथ दिया।
संघ के कार्यकर्ता भाजपा का संदेश घर-घर लेकर गए और जनता से महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर भाजपा नेतृत्व महायुति गठबंधन को वोट देने की अपील की।
लोगों को देश में जमीन, लव जिहाद, धर्मांतरण, पत्थरबाजी और दंगे आदि की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी जागरूक किया।
5. लड़की बहिन योजना, टोल टैक्स न वसूलना
लड़की बहिन योजना को लागू करना महायुति सरकार के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ।
महाराष्ट्र की जनता ने माना कि सीएम एकनाथ शिंदे के चलते उनके बैंक खाते में हर महीने धनराशि आ रहे हैं।
अगर शिंदे दोबारा सीएम बनते हैं तो ये रुपये आते रहेंगे और बढ़ भी सकते हैं।
एमवीए के कोर वोटर्स के घरों की महिलाओं ने भी महायुति को वोट दिए, क्योंकि उनके बैंक अकाउंट में भी पैसे आ रहे थे।
चुनाव से पहले महायुति सरकार ने राज्य के कई टोल प्लाजाओं को टोल फ्री कर पुरुष मतदाताओं को अपने पक्ष में कर लिया।
कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति बिल्कुल कारगर साबित हुई। जिसका नतीजा महायुति को चुनाव में मिली एकतरफा जीत है।