भोपाल। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने के दौरान ही राजनीतिक पंडितों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया था कि आने वाले लोकसभा चुनाव में राम मंदिर सबसे बड़ा मुद्दा होगा।
राजनीतिक पंडितों ने विभिन्न सर्वों के मुताबिक ये अनुमान लगाया जिसके लिए उन्होंने इसके दो प्रमुख कारण बताए हैं। पिछले सर्वेक्षणों के साक्ष्य बताते हैं कि बीजेपी को हिंदुओं के वोट उन हिंदुओं की तुलना में अधिक मिलते हैं, जो धर्म को अधिक महत्व नहीं देते। राम मंदिर का उद्घाटन और उसके आसपास बनें उत्साह का माहौल हिंदुओं की भावनाओं को चरम पर ले जाने वाला है।
दूसरा, जिस तरह से बीजेपी और संघ परिवार ने 22 जनवरी के आयोजन से पहले और बाद की योजना बनाई है, उसके परिणामस्वरूप अंततः यह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मतदाताओं तक पहुंचने का सबसे बड़ा कार्यक्रम बन जाएगा।
सबसे पहले तो हिंदुओं की धर्म भक्ति और उनके वोटिंग पैटर्न के साक्ष्य देखें तो लोकनीति-सीएसडीएस द्वारा समय-समय पर एकत्र किए गए तथ्य बताते हैं कि उन हिंदुओं द्वारा बीजेपी को अधिक वोट देने की प्रवृत्ति स्पष्ट दिखलाई देती है, जो धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं।
सर्वे के निष्कर्षों से पता चलता है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में नियमित रूप से मंदिर जाने वाले हिंदुओं में से 28% ने बीजेपी को वोट दिया था, जो 2014 में बढ़कर 45% और 2019 में और बढ़कर 51% हो गया।
इसके विपरीत जो हिंदू यदा-कदा ही मंदिर जाते थे उनमें से 39% ने ही बीजेपी को वोट दिया। इसी तरह नियमित पूजा-पाठ करने वाले हिंदुओं में से 49% ने 2019 के चुनावों में बीजेपी को वोट दिया, जबकि कभी-कभार मंदिर जाने वालों में से 35% ने बीजेपी को वोट दिया।
2014 में 41% पूजा-पाठ करने हिंदुओं के वोट बीजेपी को मिले थे, जबकि कभी-कभार पूजा करने में से 27% ने ही वोट दिया था। दान-पुण्य, व्रत-उपवास, भजन जैसी कई अन्य धार्मिक गतिविधियां हैं, जिनमें हिंदू बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।
इसी तरह कम या ज्यादा धार्मिक हिंदुओं के वोट पैटर्न को समझते हैं। जो हिंदू अधिक धार्मिक हैं, उनमें से 53% ने 2019 में बीजेपी को वोट दिया था जबकि केवल 10% वोट कांग्रेस को मिले। इसके विपरीत उन हिंदुओं में से जो बहुत कम धार्मिक हैं 37% ने बीजेपी जबकि 18% ने कांग्रेस को वोट दिया।
ये साक्ष्य हिंदुओं के बीच धार्मिकता की बढ़ती प्रवृत्ति और बीजेपी के लिए बढ़ते समर्थन के बीच एक मजबूत संबंध बताते हैं। 2009 से 2019 तक यह संबंध निरंतर मजबूत होता रहा है। अतीत में यह तब देखा गया था, जब राम मंदिर की चर्चा जीवंत थी, लेकिन बीजेपी के लिए आज जैसा उत्साह नहीं था। 2024 में न केवल राम मंदिर बीजेपी के लिए सबसे बड़ा मुद्दा होगा, बल्कि पार्टी को इससे खासा चुनावी फायदा भी होगा, यह तय माना जा रहा है है।
राम नाम बीजेपी को क्यों दिलाएगा बंपर वोट?
- CSDC सर्वे के अनुसार धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने वाले बीजेपी को देते हैं वोट
- 2009 आम चुनाव में नियमित मंदिर जाने वाले हिंदुओं में से 28% ने बीजेपी को दिया वोट
- 2014 आम चुनाव में नियमित मंदिर जाने वाले हिंदुओं में से 45% ने बीजेपी को दिया वोट
- 2019 आम चुनाव में नियमित मंदिर जाने वाले हिंदुओं में से 51% ने बीजेपी को दिया वोट
- कभी-कभार मंदिर जाने वालों में से 35% ने बीजेपी को वोट दिया
- 2014 में कभी-कभार मंदिर जाने वालों में से 41% ने बीजेपी को वोट दिया
- 2019 में जो हिंदू अधिक धार्मिक हैं, उनमें से 53% ने बीजेपी को वोट दिया
- 2019 को लोकसभा चुनाव में केवल 10% वोट कांग्रेस को मिले
- 2019 कम धार्मिक हिंदुओं में से 37% ने बीजेपी को वोट दिया
- 2019 चुनाव में 18% ने कांग्रेस को वोट दिया
- उन हिंदुओं की बीजेपी को वोट देने की प्रवृत्ति स्पष्ट दिखाई देती है, जो धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं
- इसके विपरीत, जो यदा-कदा ही मंदिर जाते थे, उनमें से 39% ने ही बीजेपी को वोट दिया
- नियमित पूजा-पाठ करने वालों में से 49% ने 2019 के चुनावों में बीजेपी को वोट दिया
ये सारे साक्ष्य हिंदुओं के बीच धार्मिकता की बढ़ती प्रवृत्ति और बीजेपी के लिए बढ़ते समर्थन के बीच एक मजबूत संबंध बताते हैं। 2009 से 2019 तक यह संबंध निरंतर मजबूत होता रहा है।
अतीत में यह तब देखा गया था, जब राम मंदिर की चर्चा जीवंत थी, लेकिन बीजेपी के लिए आज जैसा उत्साह नहीं था। 2024 में न केवल राम मंदिर बीजेपी के लिए सबसे बड़ा मुद्दा होगा, बल्कि पार्टी को इससे खासा चुनावी फायदा भी होगा, यह तय माना जा रहा है।