Ken Betwa Link Project: खजुराहो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के खजुराहो में बुधवार को केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास कर प्रदेश को बड़ी सौगात दी।
पीएम मोदी ने केन और बेतवा नदी के जल का संगम कराया और लिंक परियोजना का शिलान्यास किया।
इसके अलावा उन्होंने ओंकारेश्वर में बने फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का लोकार्पण भी किया।
इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर एक डाक टिकट भी जारी किया गया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत बुंदेलखंडी बोली में की।
उन्होंने कहा- वीरों की धरती ई बुंदेलखंड पर रहवे वारे सभी जनन को हमाई तरफ से हाथ जोड़के राम-राम पहुंचे।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. भीमराव अंबेडकर का भी जिक्र किया।
Ken Betwa Link Project: सुशासन पर लोगों को भरोसा –
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए सुशासन दिवस केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं है।
यह भाजपा सरकारों की पहचान है।
देश की जनता ने तीसरी बार केंद्र में भाजपा की सरकार बनाई।
मध्य प्रदेश में आप सभी लगातार भाजपा को चुन रहे हैं क्योंकि सुशासन का भरोसा ही सबसे प्रबल है।
Ken Betwa Link Project: अंबेडकर के बहाने कांग्रेस पर साधा निशाना –
पीएम मोदी ने इस दौरान बाबा साहेब अंबेडकर का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना भी साधा।
उन्होंने कहा कि देश में पानी से जुड़ी योजनाओं का क्रेडिट अंबेडकर को जाता है।
आज जो केंद्रीय जल आयोग है इसके पीछे भी डॉ. अंबेडकर के ही प्रयास थे।
भारत में जो नदी घाटी परियोजनाएं बनीं, इसके पीछे उन्हीं का विजन था।
लेकिन, कांग्रेस की सरकार ने कभी बाबा साहेब को इसका श्रेय नहीं दिया, लोगों को पता भी नहीं चलने दिया।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों के बीच नदी जल को लेकर विवाद चल रहा है।
जिस समय कांग्रेस की सरकार थी वो इस विवाद को सुलझा सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
अटल जी की सरकार ने पानी से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयास किया।
लेकिन, अटल जी की सरकार के जाते ही कांग्रेस ने इन सारी परियोजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
पीएम मोदी ने कहा मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जहां नदियों को जोड़ने की दो परियोजनाएं चल रही हैं।
21वीं सदी में वहीं देश आगे बढ़ पाएगा जिसके पास पर्याप्त जल होगा।
पानी होगा, तभी खेत-खलिहान होंगे। पानी होगा, तभी उद्योग-धंधे होंगे।
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