शादी के सीजन से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और चुनाव आयोग क्यों हैं परेशान?
भोपाल। देशभर में शादियों का सीजन चल रहा है। दूसरी तरफ देश में आम चुनाव का सीजन भी अपने चरम पर है। आप सोच रहे होंगे कि चुनाव और शादी का क्या मेल तो जनाब मेल है।
शादी में लड़का और लड़की की बाकायदा कुंडली मिलाई जाती है। दोनों के गुण-दोष देखे जाते हैं क्योंकि विवाह 16 संस्कारों में से एक है। हिंदू धर्म में विवाह की तारीख मुहूर्त और तिथियां देखकर तय की जाती है ताकि वर-वधु का दांपत्य जीवन शुभ और मंगलमयी हो। शुभ मुहूर्त में की गई शादियों से नव दंपत्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होना माना जाता है।
उसी तरह चुनाव में भी टिकट फाइनल करते समय प्रत्याशी की पूरी राजनीतिक कुंडली खंगाली जाती है। गुण-दोष देखे जाते हैं। प्रत्याशी अपने नामांकन से लेकर रिजल्ट तक शुभ मुहुर्त जानने पंचाग का सहारा लेते हैं ताकि चुनाव में जीत मिले और उनका राजनीतिक भविष्य उज्जवल बन सके।
उधर चुनाव आयोग भी चुनाव कार्यक्रम बनाते समय मतदान की तारीखों का मिलान सभी पहलुओं पर विचार विमर्श करने के बाद करता है। इसमें बच्चों का एग्जाम और त्यौहार बड़े फैक्टर हैं।
इसका ध्यान इसलिए रखा है ताकि नौनिहालों की पढ़ाई में विध्न ने हो और उनका भविष्य उज्जवल बनें। इस बार सात चरणों में मतदान होना है। पहले चरण के मतदान तक ही ज्यादातर स्कूली बच्चों की परीक्षा संपन्न हो चुकी हैं, लेकिन चुनावों के दौरान इस बार शुभ लग्न के मुहूर्त मतदान को प्रभावित कर सकते हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर 19 अप्रैल को वोटिंग हो रही है। अप्रैल माह में विवाह के मुहूर्त के लिए 10 दिन मिल रहे हैं जो कि 18 और 19 अप्रैल से 28 अप्रैल तक शुभ हैं। 18-19 और 26 तारीख विवाह के लिए अति उत्तम बताई जा रही है, लेकिन 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान है और 26 अप्रैल को दूसरे चरण की वोटिंग है।
साल 2024 में शुक्र ग्रह के अस्त होने के चलते मई और जून महीने में विवाह मुहूर्त नहीं हैं, लेकिन 10 मई को अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त है। इस दिन सभी शुभ कार्य संपन्न हो सकते हैं। इस दिन विवाह समारोहों की धूम रहेगी। अक्षय तृतीया के आस पास 7 मई को तीसरे चरण और 13 मई को चौथे चरण का मतदान होना है।
वैसे चुनाव आयोग वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए भरपूर प्रचार-प्रसार कर रहा है। कई बार खबरें आती हैं कि पहले मतदान फिर कन्यादान, सात फेरे से पहले दूल्हा-दुल्हन ने मतदान किया, लेकिन इसके बावजूद 19 और 26 अप्रैल और तीसरे और चौथे चरण की वोटिंग में शुभ मंगल सावधान का असर तो पड़ेगा ही।
जानकारों का मानना है कि इन तारीखों में शादियों के कारण वोटिंग प्रतिशत में मामूली गिरावट आएगी। राजनीतिक पंडितों और पंचाग के पंडितों के इस अनुमान में कितनी सच्चाई है, ये 4 जून को चुनावी रिजल्ट के बाद पता चलेगा।
मतदान बनाम ‘शुभ मंगल सावधान’!
- 19 अप्रैल को होगा पहले चरण का मतदान
- 19 अप्रैल को विवाह का शुभ मुहूर्त भी है
- 26 अप्रैल को होगा दूसरे चरण का मदान
- 26 अप्रैल को भी विवाह का शुभ मुहूर्त है
- 10 मई को अक्षय तृतीया पर बिना मुहूर्त के बंपर शादियां
- 7 और 13 मई को होगी तीसरे, चौथे चरण की वोटिंग
- राजनीति और पंचाग के पंड़ितों का वोटिंग % पर अनुमान
- 4 चरणों में शादी के कारण मतदान होगा प्रभावित?
- 19 अप्रैल को पहले चरण में 21 राज्य की 102 सीटों पर वोटिंग
- 18 से 28 अप्रैल तक विवाह के शुभ मुहूर्त
- इसी दौरान दो चरणों के होंगे मतदान
- 10 मई को अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त
- अक्षय तृतीया के आस-पास 7 और 13 मई को मतदान