जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बाद अब जयपुर के पास कानोता में गुरुवार को रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह में शामिल होने पहुंचे RSS की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने भाजपा पर निशाना साधा है।
संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने गुरुवार को कहा कि राम सबके साथ न्याय करते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अहंकार आ गया। उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी घोषित कर दिया। उनको जो पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी।
उन्होंने INDI गठबंधन पर भी निशाना साधा और आगे कहा कि जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी, उनमें से किसी को भी शक्ति नहीं दी। सब मिलकर (INDI गठबंधन) भी नंबर-1 नहीं बने, नंबर-2 पर खड़े रह गए। इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है, सत्य है, बड़ा आनंददायक है।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि इसलिए जिस पार्टी ने भक्ति की, अहंकार आया, उस पार्टी को 241 पर रोक दिया, पर सबसे बड़ी बना दिया। जिनकी राम के प्रति आस्था नहीं थी, अश्रद्धा थी। उन सबको मिलकर 234 पर रोक दिया।
उन्होंने कहा कि तुम्हारी अनास्था का यही दंड तुमको है कि तुम सफल नहीं हो सकते। जो राम की भक्ति करे, फिर अहंकार करे, जो राम का विरोध करे, उसका अकल्याण अपने आप हो गया।
अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हार पर कहा कि उनका जनता पर जुल्म देखकर ही रामजी ने कहा कि 5 साल आराम करो, अगली बार देख लेंगे।
इतना ही नहीं इंद्रेश कुमार ने राम की ओर से सीता का परित्याग करने के पीछे भी नई कहानी बताते हुए भाजपा को नसीहत दी।
उन्होंने कहा कि राम हर 100 साल में अपने राज्य में अश्वमेध यज्ञ करते थे, ताकि उनके राज्य में कोई भूखा न रहे, कोई वंचित न रहे, कोई शिक्षा के बिना न रहे, कोई दुखी न रहे।
राम का जितना बड़ा राज्य था, आज तक किसी का नहीं हुआ। अंत में एक समय आता है तो मां सीता आकर पूछती हैं कि तुम्हारे राज्य में लोगों को यह शक होने लगा है कि तुम भोग विलास में तो नहीं लग जाओगे।
अपने रिश्तेदारों में और भाइयों के हितों में तो नहीं उलझ जाओगे। आपके अंदर भी सत्ता का अहंकार तो नहीं आ जाएगा, जब यह चर्चा सीता ने की तो राम ने सीता से कि पूछा करना क्या है, मुझे किस चीज का परित्याग करना है।
इस पर सीता ने कहा कि आपकी प्रियतम कौन है। उस प्रियतम का आप त्याग कीजिए। दुनिया आपको हमेशा के लिए उदाहरण मानकर आपका सम्मान करेगी इसलिए राम ने चर्चा करके ही सीता के त्याग की परिकल्पना की थी।
यह तय हुआ कि जब तक सीता वनवास में रहेंगी तो हनुमान जी उनके सेवक और दूत बनकर उनके पास रहेंगे।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि जब तक सीता परित्याग में रहीं, हनुमान सेवक बनाकर उनकी सेवा करते रहे। राम क्या सोचते हैं यह सीता को पता होता था, सीता क्या करती हैं, यह राम को पता होता था।
इसके बाद राम जितने वर्षों तक धरती पर रहे उन्होंने राजसी सुखों का भोग नहीं किया। राजमहल में चटाई बिछाकर सोते थे, कभी भी सिंहासन पर नहीं बैठते थे।
आपको बता दें कि संघ में वरिष्ठ प्रचारक रहे इंद्रेश कुमार ने मुसलमानों को संघ की विचारधारा से जोड़ने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की स्थापना सन 2002 में की थी।
जम्मू-कश्मीर में प्रांत प्रचारक रहे इंद्रेश कुमार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक हैं और वे हिमालय परिवार, पूर्व सैनिकों के लिए संगठन की स्थापना भी कर चुके हैं।
इंद्रेश कुमार से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी 10 जून को नागपुर में संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन में राजनीतिक दलों को नसीहत दी थी।
उन्होंने चुनाव, राजनीति और राजनीतिक दलों के रवैये पर बात करते हुए कहा था कि जो मर्यादा का पालन करते हुए कार्य करता है, गर्व करता है, किन्तु लिप्त नहीं होता, अहंकार नहीं करता, वही सही अर्थों मे सेवक कहलाने का अधिकारी है।