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ट्रंप के टैरिफ अटैक पर PM मोदी का जवाब: वही बेचेंगे-खरीदेंगे, जिसे बनाने में भारतीयों का पसीना बहा है

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

PM Modi Reply Trump: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में काशी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की बात कही।

उन्होंने यहां बिना नाम लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ दबावों का जवाब दिया।

दूसरी तरफ भारत ने रूस से तेल खरीदने का अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि वो रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा।

आइए, जानते हैं पूरा मामला…

पीएम मोदी का स्वदेशी संदेश: “भारतीय का पसीना, भारतीय का माल”

2 अगस्त को काशी दोरे पर 54 मिनट के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने देशवासियों से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि हमें वही सामान खरीदना और बेचना चाहिए, जिसे बनाने में किसी भारतीय का पसीना बहा हो।

वोकल फॉर लोकल का मंत्र: पीएम ने “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देने की बात कही और हर नागरिक से स्वदेशी सामान खरीदने का संकल्प लेने को कहा।

दुकानदारों से अपील: उन्होंने दुकानदारों से अनुरोध किया कि वे केवल स्वदेशी माल बेचें, क्योंकि यह देश की सच्ची सेवा होगी।

आर्थिक आत्मनिर्भरता: पीएम ने कहा कि हर घर में जो नया सामान आए, वह स्वदेशी होना चाहिए। यह जिम्मेदारी हर भारतीय की है।

काशी में विकास कार्य: अपने दौरे के दौरान पीएम ने 2,200 करोड़ रुपये के 52 प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए और किसानों के लिए 20,500 करोड़ रुपये की सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी की।

भारत का रूस से तेल खरीदने का फैसला: ट्रंप के दबाव का जवाब

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने की बात कही और भारत के रूस से सैन्य उपकरण और तेल खरीदने पर टिप्पणी की।

लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि वह रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा।

यह फैसला भारत की ऊर्जा जरूरतों और वैश्विक स्थिरता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

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क्यों अहम है भारत का यह रुख?

रूस से तेल खरीद की वजह: रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है, जो प्रतिदिन 9.5 मिलियन बैरल कच्चा तेल पैदा करता है। भारत की तेल रिफाइनरियां रूसी तेल को कीमत, गुणवत्ता और रसद के आधार पर खरीद रही हैं।

कोई प्रतिबंध नहीं: रूसी तेल पर कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं है। G7 और यूरोपीय संघ ने केवल 60 डॉलर प्रति बैरल की मूल्य सीमा तय की थी, जिसका भारत पालन कर रहा है। अब इसे सितंबर से 47.6 डॉलर प्रति बैरल करने की सिफारिश की गई है।

वैश्विक संकट से बचाव: 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान तेल की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। भारत ने रियायती रूसी तेल खरीदकर वैश्विक बाजार में संतुलन बनाया और महंगाई को नियंत्रित किया।

भारत की कूटनीति: भारत ने ईरान और वेनेजुएला जैसे प्रतिबंधित देशों से तेल खरीदने से परहेज किया, लेकिन रूस के साथ अपने पुराने और विश्वसनीय रिश्ते को बनाए रखा।

ट्रंप के बयान और भारत का जवाब

ट्रंप ने एक ओर भारत को अपना मित्र बताया, लेकिन दूसरी ओर 1 अगस्त से 25% टैरिफ और अन्य शुल्क लगाने की चेतावनी दी।

उन्होंने भारत के उच्च टैरिफ और रूस से सैन्य खरीद पर भी सवाल उठाए।

जवाब में भारत ने साफ किया कि रूस से तेल खरीदने का कोई आदेश रद्द नहीं हुआ है।

भारतीय तेल कंपनियों ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिला है, और वे रूसी तेल खरीद जारी रखेंगी।

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भारत की वैश्विक भूमिका: ऊर्जा संकट को टाला

  • 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक तेल बाजार में भारी उथल-पुथल मची थी।
  • अगर भारत ने रियायती रूसी तेल नहीं खरीदा होता, तो तेल की कीमतें 137 डॉलर से भी ज्यादा हो सकती थीं।
  • भारत के इस कदम ने न केवल देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया, बल्कि वैश्विक महंगाई और ऊर्जा संकट को भी कम करने में मदद की।
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भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक भूमिका

पीएम मोदी का “वोकल फॉर लोकल” का आह्वान और रूस से तेल खरीदने का अडिग फैसला भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक कूटनीति का प्रतीक है।

यह दिखाता है कि भारत न केवल अपने हितों की रक्षा कर रहा है, बल्कि वैश्विक स्थिरता में भी योगदान दे रहा है

स्वदेशी को अपनाने और रूस जैसे विश्वसनीय सहयोगियों के साथ रिश्ते बनाए रखने की नीति भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र की दिशा में ले जा रही है।

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