E Medical Visa: शनिवार दोपहर को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की उपस्थिति में भारत और बांग्लादेश के बीच कई ज्ञापनों और समझौतों का आदान-प्रदान हुआ।
इसी बीच पीएम नरेद्रमोदी ने अपने भाषण में इस बात का ऐलान किया कि भारत सरकार, मेडिकल ट्रीटमेंट (चिकित्सा उपचार) के लिए बांग्लादेश से भारत आने वाले लोगों के लिए जल्द ही ई-मेडिकल सेवा शुरू करेंगी।
दिल्ली: "Bangladesh से इलाज के लिए भारत आने वाले लोगों के लिए ई-मेडिकल वीजा सुविधा शुरू करेगी भारत सरकार"
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क्या है ई-मेडिकल सेवा
ई-मेडिकल वीजा उन विदेशियों के लिए होता है जिनका भारत आने का उद्देश्य गंभीर बीमारियों के लिए भारत में स्थापित/ मान्यता प्राप्त/ विशेष अस्पताल/ उपचार केंद्रों में इलाज कराना है।
भारत के लिए मेडिकल वीजा
भारतीय ई-मेडिकल वीजा भारत में मेडिकल ट्रीटमेंट चाहने वाले विदेशी नागरिकों के लिए बनाया गया एक आसान ट्रेवल डॉक्यूमेंट है।
ऑनलाइन वीजा मिलने के बाद आपको बार-बार दूतावास के चक्कर नहीं लगाने होंगे, यह उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है जिन्हें फौरन मेडिकल ट्रीटमेंट चाहिए।
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169 देशों के नागरिकों को मिल रहा है
यह ऑथराइजड मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए भारत में प्रवेश की अनुमति देता है और जरुरत की सभी चीजों को कवर करता है।
यह ई-वीजा 169 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्ध है और मरीजों के साथ रिश्तेदारों को भी साथ जाने की अनुमति देता है।
ई-मेडिकल वीजा कैसे काम करता है?
भारतीय ई-मेडिकल वीजा प्राप्त करने का प्रोसेस बेहद आसान है। इलाज कराने वाला व्यक्ति व्यक्तिगत जानकारी, पासपोर्ट डीटेल्स और सुरक्षा परीक्षण का उत्तर देकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए महत्वपूर्ण बातें:
- ई-मेडिकल वीजा भारत आने के बाद 60 दिनों के लिए वैध है और इसकी मदद से आप 3 बार तक इलाज के लिए भारत आ सकते है।
- प्रत्येक आवेदक के पास पासपोर्ट होना चाहिए, जो आने की तारीख से लेकर कम से कम 6 महीने तक वैध होना चाहिए।
- प्रवास के दौरान, आवेदक आर्थिक रूप से सक्षम होना चाहिए।
- आवेदकों को वास के दौरान हर समय अपने पास स्वीकृत ई-वीजा अनुमति की एक कॉपी रखनी होगी।
- आवेदन करते समय आपके पास वापसी या आगे की यात्रा का टिकट होना चाहिए।
- बच्चों को अपने माता-पिता के ऑनलाइन वीजा आवेदन में शामिल करने की अनुमति नहीं है।
- अंतर्राष्ट्रीय यात्रा दस्तावेज या राजनयिक पासपोर्ट धारक ई-मेडिकल वीजा के लिए पात्र नहीं हैं।
- प्रमाण के रूप में भारतीय अस्पताल से वीजा इनविटेशन लेटर और अस्पताल की जानकारी भी आवश्यक है।
भारतीय ई-मेडिकल वीजा के लिए आवेदन करने हेतु किन दस्तावेजों की जरूरत होगी?
- सामान्य पासपोर्ट की स्कैन की गई कॉपी जिसकी वैधता कम से कम 6 महीने हो।
- हाल ही में लिया गया पासपोर्ट साइट का रंगीन फोटो।
- पत्राचार के लिए एक्टिव ईमेल एड्रेस
- वीजा एप्लीकेशन फीस का भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड से किया जाना चाहिए।
- जिस भारतीय अस्पताल में इलाज कराया जाएगा, वहां के आधिकारिक लेटरहेड पर लेटर।
- जिस भारतीय अस्पताल में जाएंगे, उसके बारे में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर।
- वापसी या आगे की टिकट की जानकारी।
- प्रवेश और वापसी टिकट की जानकारी भरने के लिए आपके पासपोर्ट में कम से कम दो खाली पेज होने चाहिए।
भारत से ई-मेडिकल वीजा लेकर आप क्या कर सकते हैं?
- भारत से ई-मेडिकल वीजा केवल उन लोगों के लिए है जो शॉर्टटर्म मेडिकल ट्रीटमेंट चाहते हैं।
- इस वीजा के लिए आवेदन करने के लिए, आपके पास उस भारतीय अस्पताल से नियुक्ति पत्र होना चाहिए जहां इलाज किया जाएगा।
- ई-मेडिकल वीजा धारकों को भारत के संरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
- इस वीजा का उपयोग केवल मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जा सकता है और इसका उपयोग ट्रेवल या बिजनेस के लिए नहीं किया जा सकता है।
ई-मेडिकल वीजा के साथ आप कितने समय तक भारत में रह सकते हैं?
- भारत के लिए ई-मेडिकल वीजा वाले आगंतुक अपने आगमन की तारीख से 60 दिनों तक रह सकते हैं।
- यह ई-वीजा 60 दिनों के कुल प्रवास के लिए हर साल 3 बार भारत आने की अनुमति देता है।
- चूंकि ई-मेडिकल वीजा को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है, इसलिए आपको अपनी यात्रा ऐसे प्लान करनी होगी कि 60-दिनों के अंदर ही आपका इलाज हो जाए।
मेडिकल अटेंडेंट ई-वीजा क्या है?
मेडिकल अटेंडेंट ई-वीजा उन व्यक्तियों के लिए है जिन्हें भारत में मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए आने वाले मरीज़ की देखभाल करनी होती है।
यह वीजा दो व्यक्तियों तक सीमित है, जैसे कि परिवार का कोई सदस्य या देखभाल करने वाला, और यह मरीज़ के मेडिकल वीजा से जुड़ा होता है।
इस वीजा को प्राप्त करने के लिए, आपको किसी मान्यता प्राप्त भारतीय अस्पताल से एक नियुक्ति पत्र प्राप्त करना होगा जिसमें यह बताया गया हो कि मरीज़ को सहायता की आवश्यकता है, साथ ही मरीज़ का नाम भी।
यह वीजा आपको मरीज़ के साथ जाने और भारत में ट्रीटमेंट के दौरान उनके साथ रहने की अनुमति देता है।
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