Leader of Opposition Power: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी को बीते रोज नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।
अब राहुल लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। इस पद के साथ ही उन्हें कई शक्तियां, अधिकार और सुविधाएं मिलेंगी, जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे।
बेहद पावरफुल होता है नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष का पद लोकतंत्र में काफी ताकतवर माना जाता है। इन्हें विशेष सुविधाएं तो मिलती ही हैं, साथ ही कई ऐसे अधिकार भी मिलते हैं जो जनता से सीधे जुड़े होते हैं।
क्या है नेता प्रतिपक्ष के अधिकार?
राहुल भारत सरकार के खर्चों की जांच (ऑडिटिंग) करने वाली लोक लेखा समिति के अध्यक्ष भी होंगे। वो सरकार के कामकाज की लगातार समीक्षा भी करेंगे।
राहुल दूसरे देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को भी राष्ट्रीय मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण देने के लिए भारत बुला सकते हैं।
इन सारी नियुक्तियों में राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उसी टेबल पर बैठेंगे, जहां पीएम मोदी बैठेंगे।
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नेता को क्या सुविधाएं मिलती हैं?
नेता प्रतिपक्ष को केंद्रीय मंत्री के बराबर वेतन तो मिलता ही है, इसी के साथ भत्ते और अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं।
साथ ही अपने कार्य की जिम्मेदारी निभाने के लिए 14 लोगों का स्टाफ भी मिलता है।
गांधी परिवार से तीसरा नेता प्रतिपक्ष
राहुल गांधी से पहले उनकी मां सोनिया गांधी (13 अक्टूबर,1999 से 6 फरवरी, 2004) और पिता राजीव गांधी (18 दिसंबर,1989 से 24 दिसंबर,1990) भी नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।
गांधी परिवार से नेता प्रतिपक्ष बनने वाले राहुल तीसरे सदस्य हैं। राहुल अपने 20 साल के राजनीतिक सफर में पहली बार कोई संवैधानिक पद संभालेंगे।
Congress MPs held a meeting at the Congress Parliamentary Party office earlier this morning. Rahul Gandhi was felicitated for his election as the Leader of Opposition (LoP) in Lok Sabha.
(Pics: Congress) pic.twitter.com/oeKdouVj72
— ANI (@ANI) June 26, 2024
10 साल से खाली है नेता प्रतिपक्ष का पद, क्यों जरूरी हैं 54 सांसद
पिछले 10 सालों से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था, क्योंकि नियमों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा की कुल सीटों के 10% यानी कुल 543 में 54 सांसद आपके पास होने चाहिए।
दोनों ही बार कांग्रेस के पास इतने सांसद नहीं थे। हालांकि इस बार कांग्रेस 99 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। आखिरी बार 2009 से 2014 तक सुषमा स्वराज लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थीं।
खबरों की मानें तो राहुल गांधी पहले नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं लेना चाहते थे। हालांकि, बाद में मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी ने उन्हें इसके लिए मना लिया।
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