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नेता प्रतिपक्ष बनते ही राहुल गांधी को मिले ये अधिकार, जानें इस पद की ताकत

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Leader of Opposition Power: कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष और सांसद राहुल गांधी को बीते रोज नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।

अब राहुल लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। इस पद के साथ ही उन्हें कई शक्तियां, अधिकार और सुविधाएं मिलेंगी, जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे।

बेहद पावरफुल होता है नेता प्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष का पद लोकतंत्र में काफी ताकतवर माना जाता है। इन्हें विशेष सुविधाएं तो मिलती ही हैं, साथ ही कई ऐसे अधिकार भी मिलते हैं जो जनता से सीधे जुड़े होते हैं।

क्या है नेता प्रतिपक्ष के अधिकार?

Power of LoP
Power of LoP

राहुल भारत सरकार के खर्चों की जांच (ऑडिटिंग) करने वाली लोक लेखा समिति के अध्यक्ष भी होंगे। वो सरकार के कामकाज की लगातार समीक्षा भी करेंगे।

राहुल दूसरे देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को भी राष्ट्रीय मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण देने के लिए भारत बुला सकते हैं।

इन सारी नियुक्तियों में राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उसी टेबल पर बैठेंगे, जहां पीएम मोदी बैठेंगे।

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नेता को क्या सुविधाएं मिलती हैं?

Power of LoP
Power of LoP

नेता प्रतिपक्ष को केंद्रीय मंत्री के बराबर वेतन तो मिलता ही है, इसी के साथ भत्ते और अन्‍य सुविधाएं भी मिलती हैं।

साथ ही अपने कार्य की जिम्‍मेदारी निभाने के लिए 14 लोगों का स्टाफ भी मिलता है।

गांधी परिवार से तीसरा नेता प्रतिपक्ष

राहुल गांधी से पहले उनकी मां सोनिया गांधी (13 अक्‍टूबर,1999 से 6 फरवरी, 2004) और पिता राजीव गांधी (18 दिसंबर,1989 से 24 दिसंबर,1990) भी नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।

गांधी परिवार से नेता प्रतिपक्ष बनने वाले राहुल तीसरे सदस्य हैं। राहुल अपने 20 साल के राजनीतिक सफर में पहली बार कोई संवैधानिक पद संभालेंगे।

 10 साल से खाली है नेता प्रतिपक्ष का पद, क्यों जरूरी हैं 54 सांसद

पिछले 10 सालों से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था, क्योंकि नियमों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा की कुल सीटों के 10% यानी कुल 543 में 54 सांसद आपके पास होने चाहिए।

दोनों ही बार कांग्रेस के पास इतने सांसद नहीं थे। हालांकि इस बार कांग्रेस 99 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। आखिरी बार 2009 से 2014 तक सुषमा स्वराज लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थीं।

खबरों की मानें तो राहुल गांधी पहले नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं लेना चाहते थे। हालांकि, बाद में मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी ने उन्हें इसके लिए मना लिया।

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